जो रिश्वतखोरी के खिलाफ थे, अब खुद कठघरे में! किरू पनबिजली घोटाले में सत्यपाल मलिक के खिलाफ CBI ने दायर की चार्जशीट
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और छह अन्य के खिलाफ किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट में कथित भ्रष्टाचार के मामले में चार्जशीट दाखिल की है. यह मामला 2200 करोड़ रुपये की लागत वाले प्रोजेक्ट के सिविल वर्क्स के ठेकों में अनियमितताओं से जुड़ा है.

कभी खुद को ईमानदारी का प्रतीक बताने वाले और 300 करोड़ की रिश्वत की पेशकश को ठुकराने का दावा करने वाले सत्यपाल मलिक आज केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी CBI की चार्जशीट का सामना कर रहे हैं. यह मामला जम्मू-कश्मीर के एक बड़े और रणनीतिक परियोजना- किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट से जुड़ा है. CBI ने अपनी ताजा चार्जशीट में सत्यपाल मलिक को 2200 करोड़ के टेंडर घोटाले के मामले में आरोपी बनाया है. उन्होंने पहले दावा किया था कि गवर्नर रहते हुए उन्हें दो अहम फाइलों को मंजूरी देने के बदले 300 करोड़ रुपए की रिश्वत की पेशकश की गई थी, जिनमें एक फाइल किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट से जुड़ी थी. लेकिन अब तीन साल लंबी जांच के बाद मामला बिल्कुल उल्टा नजर आ रहा है. जिन फाइलों पर रिश्वत लेने का आरोप था, उन्हीं से जुड़ी अनियमितताओं में अब उनका नाम चार्जशीट में है.
अस्पताल में भर्ती सत्यपाल मलिक
इस पूरे विवाद के बीच एक और चौंकाने वाली खबर सामने आई है कि सत्यपाल मलिक की तबीयत बिगड़ गई है और उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस बात की जानकारी उन्होंने खुद अपने एक्स पोस्ट में दी है.
जानकारी के मुताबिक उनकी दोनों किडनी फेल हो चुकी हैं और वे गंभीर अवस्था में इलाजरत हैं. ऐसे में जब CBI ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है, तब उनका अस्पताल में होना इस मामले को और पेचीदा बना देता है. स्वास्थ्य की इस नाजुक स्थिति ने उनके भविष्य को लेकर नई आशंकाएं खड़ी कर दी हैं. समर्थक इसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रेशर का परिणाम मान रहे हैं तो आलोचक इसे सहानुभूति बटोरने की रणनीति कह रहे हैं.नमस्कार साथियों।
— Satyapal Malik (@SatyapalMalik6) May 22, 2025
मेरे बहुत से शुभचिंतकों के फ़ोन आ रहे हैं जिन्हें उठाने में मैं असमर्थ हूं।अभी मेरी हालत बहुत खराब है मैं किसी से भी बात करने की हालत में नहीं हूं। 11 मई से राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती हू। संक्रमण की शिकायत के चलते अस्पताल में भर्ती किया गया था। अब… pic.twitter.com/yTWGxuHkyC
किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट क्या है?
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर बन रहा किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट एक महत्वपूर्ण विद्युत परियोजना है, जिसे चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (CVPPPL) द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है. इस कंपनी की स्थापना NHPC, जम्मू और कश्मीर राज्य विद्युत विकास निगम (JKSPDC) और पावर ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (PTC) के संयुक्त प्रयास से की गई थी. इस परियोजना का मकसद क्षेत्र में बिजली उत्पादन बढ़ाना और आर्थिक विकास को गति देना है. लेकिन इसी प्रोजेक्ट के सिविल वर्क्स से जुड़े 2200 करोड़ रुपये के टेंडर को लेकर अब भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आ चुके हैं.
वैसे आपको बता दें कि जब पिछले साल CBI ने सत्यपाल मलिक के घर और अन्य परिसरों पर छापेमारी की थी, तब उन्होंने सभी आरोपों को खारिज करते हुए खुद को राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार बताया था. उन्होंने X (पहले ट्विटर) पर पोस्ट किया था कि “CBI को मेरे घर कुछ नहीं मिलेगा सिवाय 4-5 कुर्तों और पायजामों के. मुझे डराने की कोशिश की जा रही है, लेकिन मैं किसान का बेटा हूं, न डरूंगा, न झुकूंगा.” उन्होंने आरोप लगाया कि जिन लोगों पर उन्होंने रिश्वत की पेशकश का आरोप लगाया था, जांच एजेंसियां उन्हें छोड़कर उल्टा उन्हीं के पीछे लग गई हैं. उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी थी और विपक्षी दलों ने इसे सरकार के खिलाफ एजेंसियों के दुरुपयोग का उदाहरण बताया था.
CBI की जांच में क्या सामने आया?
CBI ने 2022 में इस मामले में FIR दर्ज की थी, जिसमें आरोप था कि प्रोजेक्ट के सिविल वर्क का ठेका एक निजी कंपनी पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड को देने में नियमों की अनदेखी की गई. जांच में पता चला कि पहले CVPPPL की 47वीं बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया था कि रिवर्स ऑक्शन यानी बोली प्रक्रिया दोबारा शुरू की जाएगी ताकि प्रतिस्पर्धा बनी रहे और पारदर्शिता सुनिश्चित हो. लेकिन बाद में 48वीं बोर्ड बैठक में इस निर्णय को पलट दिया गया और सीधा ठेका पटेल इंजीनियरिंग को दे दिया गया. CBI की FIR के अनुसार यह एक गंभीर प्रक्रिया दोष था, जो नियमों और पारदर्शिता दोनों के खिलाफ था. इसी के आधार पर CBI ने चार्जशीट दाखिल की है.
चार्जशीट में और कौन-कौन शामिल?
CBI की चार्जशीट में केवल सत्यपाल मलिक ही नहीं, बल्कि पांच अन्य बड़े नाम भी शामिल हैं. इनमें उस समय के चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स के चेयरमैन नवीन कुमार चौधरी, अधिकारी एम एस बाबू, एम के मित्तल और अरुण कुमार मिश्रा के नाम शामिल हैं. इसके अलावा ठेका पाने वाली कंपनी पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड को भी आरोपित किया गया है. इस तरह यह मामला केवल एक व्यक्ति तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि एक पूरी प्रशासनिक और कारोबारी जाल का खुलासा करता है. CBI का कहना है कि उसने सबूतों के आधार पर चार्जशीट दायर की है और आगे की कार्यवाही कोर्ट में होगी.
यह मामला कानूनी और राजनीतिक दोनों ही दृष्टिकोण से बेहद गंभीर है. किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट जैसे बड़े और अहम विकास कार्यों में भ्रष्टाचार के आरोप केवल वित्तीय नुकसान नहीं, बल्कि जनता के विश्वास को भी चोट पहुंचाते हैं. अब जबकि CBI ने चार्जशीट दाखिल कर दी है, सत्यपाल मलिक के सामने कानून की परीक्षा है. वहीं उनकी तबीयत बिगड़ने और किडनी फेल होने की खबर ने मामले को और जटिल बना दिया है. यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपने बचाव में क्या ठोस सबूत पेश करते हैं, और क्या न्याय व्यवस्था उन्हें निर्दोष साबित करती है या नहीं. एक बात तय है कि अब यह मामला केवल आरोप-प्रत्यारोप का नहीं, बल्कि न्याय, जवाबदेही और सहानुभूति की त्रिकोणीय कसौटी बन चुका है.