औकात में आया पाकिस्तान! रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ बोले- हम युद्ध नहीं चाहते
भारत सरकार द्वारा सिंधु जल समझौता स्थगित करने से पूरे पाकिस्तान में खलबली मची हुई है. पाकिस्तान की सरकार में शामिल उन नेताओं के सुर भी अब बदलने लगे हैं जो भारत को गीदड़भभकी दे रहें थे. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि हम भारत के साथ युद्ध शुरू नहीं करना चाहते है.

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार के कड़े फैसलों ने पाकिस्तान सेना और उनके नेताओं को बुरी तरह पस्त कर दिया है. भारत सरकार द्वारा सिंधु जल समझौता स्थगित करने से पूरे पाकिस्तान में खलबली मची हुई है. पाकिस्तान की सरकार में शामिल उन नेताओं के सुर भी अब बदलने लगे हैं जो भारत को गीदड़भभकी दे रहें थे. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि हम भारत के साथ युद्ध शुरू नहीं करना चाहते है. वही दूसरी तरफ मौजूदा परिस्थिति से खौफ खाए हजारों पाकिस्तानी सेना के जवानों ने अपने पद से इस्तीफा देकर सुरक्षित अपने घर पहुंचना जरूरी समझा.
हम युद्ध नहीं चाहते: ख्वाजा आसिफ
भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनावपूर्ण माहौल को लेकर एक न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा, "हम भारत के साथ युद्ध शुरू करना नहीं चाहते, लेकिन अगर युद्ध के हालात बने तो पाकिस्तान भी उसका जवाब देगा, भारत सिंधु जल समझौता के जरिए पानी को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है." ख्वाजा ने यह भी कहा कि पाकिस्तान विश्व बैंक से सिंधु जल समझौते को लेकर संपर्क करेगा. दरअसल, पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को इस बात की पूरी आशंका है कि भारत इस हमले को लेकर जवाबी कार्रवाई जरूर करेगा. इससे पहले पूरी हमले का जवाब भारतीय सेना ने बालाकोट एयर स्ट्राइक के जरिए की दिया था.
भारत ने बिना युद्ध पाक में मचा दी खलबली
आतंकी हमले को लेकर अभी भारत सरकार ने केवल पाकिस्तान पर डिप्लोमेटिक स्ट्राइक किया है. इनमें सिंधु जल समझौता स्थगित करने का फैसला पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द साबित हो रहा है. इससे पाकिस्तान में खलबली मची हुई है, इसके साथ ही पाकिस्तानी नेता हो या फिर पाकिस्तान की सेना सभी में देश छोड़कर भागने की होड़ मची हुई है. खबरों के मुताबिक पाकिस्तान सेना के प्रमुख असीम मुनीर समेत सेना के अन्य उच्च अधिकारियों का परिवार देश छोड़कर ब्रिटेन और न्यू जर्सी भाग गया है, इसके अलावा सिंधु जल समझौते को लेकर भारत को गीदड़भभकी देने वाले पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के प्रमुख बिलावल भुट्टो का परिवार भी पाकिस्तान छोड़कर कनाडा भाग गया है. इतना ही नहीं भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई की तैयारियों से पाक सेना के जवानों के बीच अपनी जिंदगी बचाने की छटपटाहट देखने को मिल रही है. खबरों के मुताबिक पिछले दो दिन में लगभग 5000 पाकिस्तानी जवान और अधिकारी अपनी-अपनी पोस्ट से इस्तीफा दे चुके हैं. इसके साथ ही कई अन्य ने इस्तीफा देने की तैयारी में है.
बड़े देशों के पैर में फिर गिरने लगा पाक
भारत-पाक सीमा पर चल रही हलचल के बीच राजधानी दिल्ली में लगातार बैठकों का दौर जारी है. प्रधानमंत्री से लेकर गृहमंत्री और रक्षा मंत्री लगातार सेना के अधिकारियों से बातचीत कर तैयारी की समीक्षा का रहें है. यह खबर पाकिस्तान की सरकार में हड़कंप मचा रखी है. पाकिस्तान की सरकार पूरा भरोसा है कि आतंकी हमले का भारत माकूल जवाब कभी भी दे सकता है. इसलिए वह आतंकी हमले की जांच में रूस और चीन जैसे बड़े देशों को शामिल करना चाहता है. रूसी सरकार द्वारा संचालित आरआईए नोवोस्ती न्यूज़ एजेंसी को दिए हाल में दिए साक्षात्कार में पाक के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा "मुझे लगता है कि रूस, चीन के अलावा पश्चिमी देश इस संकट के दौर में सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं. उन्हें एक जांच कमेटी गठित कर यह परखना चाहिए कि आतंकी हमले को लेकर भारत और प्रधानमंत्री मोदी सच बोल रहे हैं या फिर छूट? इसलिए इसको अंतराष्ट्रीय दल को आगे आना चाहिए." इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने भी पहलगाम हमले की जांच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कराने का प्रस्ताव रखा था.
बताते चले कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को बैसरन घाटी आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाते हुए अंधाधुंध गोलियां चलाई, जिसमें 26 पर्यटकों की जान चली गई. इस हमले के बाद पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ लोगों में आक्रोश है और देशवासी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इसका बदला लेने की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही देश के तमाम विपक्षी राजनीतिक दल भी पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सरकार के साथ खड़े है.