हिंदू लड़कियों को ड्रग्स देकर करते थे रेप, भोपाल से यासीन और शाहवर गिरफ्तार, मोबाइल से मिले 35 अश्लील वीडियो
पुलिस ने आरोपितों के मोबाइल फोन से करीब 35 युवतियों के आपत्तिजनक वीडियो बरामद किए हैं. नशे में चूर युवकों से बंदूक की नोंक पर अड़ीबाजी की घटनाएं भी सामने आई हैं, जिनकी रिकॉर्डिंग भी की गई थी.
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भोपाल शहर में ड्रग्स के बढ़ते खतरे और युवाओं के शोषण की सनसनीखेज कहानी का पर्दाफाश हुआ है. क्राइम ब्रांच की एक बड़ी कार्रवाई में ड्रग माफिया चाचा-भतीजे शाहवर अहमद और यासीन अहमद की गिरफ्तारी के बाद राजधानी में चल रहे ड्रग पार्टी कल्चर और उसके जरिए युवाओं के मानसिक, शारीरिक और आर्थिक शोषण का चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.
क्लबों और पबों में चलती थीं एमडी ड्रग्स की पार्टियां
जांच में सामने आया है कि शाहवर और यासीन भोपाल के महंगे क्लबों और पबों में ड्रग पार्टीज़ का आयोजन करते थे. इन पार्टियों में शामिल हुए युवाओं को कभी जानबूझकर, तो कभी अनजाने में एमडी ड्रग्स का नशा कराया जाता था. इसके बाद उन्हें अपने ठिकानों पर ले जाकर ब्लैकमेल और शारीरिक शोषण किया जाता.
पुलिस ने आरोपितों के मोबाइल फोन से करीब 35 युवतियों के आपत्तिजनक वीडियो बरामद किए हैं. नशे में चूर युवकों से बंदूक की नोंक पर अड़ीबाजी की घटनाएं भी सामने आई हैं, जिनकी रिकॉर्डिंग भी की गई थी.
गिरोह में शामिल 6 आरोपी गिरफ्तार, कई की तलाश जारी
क्राइम ब्रांच ने अब तक इस नेटवर्क में शामिल छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें सैफुद्दीन, आशू उर्फ शाहरुख, समीरउद्दीन और सोहेल खान शामिल हैं. पुलिस को शक है कि इस गिरोह से कई और लोग जुड़े हैं, जिनकी तलाश के लिए 10 टीमें सक्रिय हैं.
फरवरी 2025 में समीरउद्दीन और सोहेल खान की गिरफ्तारी के बाद इस नेटवर्क की परतें खुलनी शुरू हुई थीं. पूछताछ में सैफुद्दीन का नाम सामने आया, जिस पर ₹5,000 का इनाम घोषित किया गया था. 18 जुलाई को गोविंदपुरा क्षेत्र में सैफुद्दीन और शाहरुख हसन एमडी ड्रग्स की तस्करी करते पकड़े गए.
ड्रग्स, बंदूक और लग्जरी कारें बरामद
मुख्य आरोपित शाहवर अहमद गांधीनगर की पॉश कॉलोनी में रहने वाला प्रॉपर्टी डीलर है, जबकि उसका भतीजा यासीन अहमद बुधवारा क्षेत्र में रहता है और पेशे से डीजे ऑपरेटर है. यासीन शहर के प्रमुख क्लब और पब संचालकों के संपर्क में था और पार्टीज़ में ड्रग्स सप्लाई करता था.
क्राइम ब्रांच ने दोनों के पास से एमडी ड्रग्स, कार और एक बंदूक जब्त की है. जांच में पता चला है कि यह गिरोह 8-10 वर्षों से सक्रिय है और कॉलेज छात्रों को टारगेट कर रहा था.
रसूखदारों से संबंध और राजनीतिक लिंक
इस गिरोह के दोनों मुख्य आरोपी शहर के बड़े मछली कारोबारी शरीफ अहमद के बेटे और भतीजे हैं. यही नहीं, शरीफ अहमद और उनके परिवार के प्रदेश के कई नेताओं से घनिष्ठ संबंध बताए जा रहे हैं. आरोपितों की कई नेताओं के साथ मंच साझा करते हुए तस्वीरें सामने आई हैं. मंत्री विश्वास सारंग ने भी सार्वजनिक रूप से आरोपितों के परिवार से पुराने संबंध होने की बात स्वीकार की है.
सांप्रदायिक एंगल की जांच
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पुलिस को संदेह है कि गिरोह का मुख्य निशाना दूसरे धर्म से जुड़े युवक-युवतियां होते थे. इससे प्रकरण और भी संवेदनशील हो गया है. पुलिस इस पहलू पर भी बारीकी से जांच कर रही है.
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