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'पूरा परिवार समझ रहा था मजाक, फिर जैसे ही बताया हिंदू नाम... मार दी गोली', पहलगाम आतंकी हमले में पत्नी ने बताई पति के खौफनाक कत्ल की कहानी

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में यूपी के कानपुर शहर से घूमने गए शुभम द्विवेदी की भी मौत हुई है. उनकी 12 फरवरी को शादी हुई थी. शादी से पहले पत्नी की इच्छा थी कि दोनों कश्मीर घूमने जाएं. लेकिन दोनों को क्या पता था कि जिस जगह पर घूमने के सपने संजोए हैं. वही जगह उनके लिए काल बन जाएगी. शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशान्या ने अपने पति की दर्दनाक मौत की कहानी बताई.
'पूरा परिवार समझ रहा था मजाक, फिर जैसे ही बताया हिंदू नाम... मार दी गोली', पहलगाम आतंकी हमले में पत्नी ने बताई पति के खौफनाक कत्ल की कहानी
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में यूपी के कानपुर शहर से घूमने गए शुभम द्विवेदी की भी मौत हुई है. उनकी 12 फरवरी को शादी हुई थी. शादी से पहले पत्नी की इच्छा थी कि दोनों कश्मीर घूमने जाएं. लेकिन दोनों को क्या पता था कि जिस जगह पर घूमने के सपने संजोए हैं. वही जगह उनके लिए काल बन जाएगी. मिनी स्विट्जरलैंड कहे जाने वाले कश्मीर के पहलगाम के बैसरन घाटी पर आतंकियों ने 27 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. इस घटना में मारे गए यूपी के कानपुर शहर के शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशान्या ने अपने पति की दर्दनाक मौत की कहानी बताई. 

पहलगाम हमले में मारे गए शिवम द्विवेदी की पत्नी की आपबीती

पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए कानपुर शहर के शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशान्या ने मौत के उस खौफनाक मंजर का जिक्र करते हुए हिंदुस्तान टाइम्स के एक संवाददाता से बातचीत में बताया कि " हम घोड़े से उतरे ही थे और गेट की तरफ पैदल जा रहे थे. मेरे पति शुभम अपनी बहन शांभवी के साथ बैठे थे. इस दौरान एक शख्स आया और उसने पूछा कि तुम हिंदू हो या मुसलमान. हम सभी को लगा कि वह मजाक कर रहा है. कोई समझ नहीं पाया कि वह क्या कहना चाहता है. लेकिन उसने फिर से वही सवाल किया. हम बिल्कुल भी समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर इसका मकसद क्या है. हम सभी मजाक समझ कर हंसने लगे. उस दौरान मैंने कहा कि भैया हम मुसलमान नहीं है. मैंने जैसे ही इतना कहा कि उसने बंदूक निकाली और मेरे पति के सिर पर गोली मार दी. जैसे ही गोली लगी. मैं रोते हुए शुभम की तरफ भागने लगी. लेकिन मुझे मम्मी पापा ने खींच लिया. उसके बाद हमने देखा कि चारों दिशाओं में गोलियां चलने लगी. हम जब तक लौटते वहां सेना आ चुकी थी. वहीं पर शुभम पड़े हुए थे. उनकी मौत हो चुकी थी. 

वह मुझे भी मार सकते थे - मृतक शुभम की पत्नी ऐशान्या

आतंकी हमले में मारे गए शुभम की पत्नी ऐशान्या ने बताया कि "मेरे पति को गोली मारने के बाद वह मुझे भी मार सकते थे. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. लोगों ने मुझे खींचकर बाहर कर दिया. मैंने अपने पति को अपनी आंखों के सामने मरते हुए देखा. अभी-अभी हमारी जिंदगी शुरू हुई थी और खत्म भी हो गई. हमारा पूरा परिवार 17 अप्रैल को ही पहलगाम पहुंच गया था. मेरे ससुर शुभम के पिता संजय और सास सीमा द्विवेदी पहलगाम की मशहूर साइट पर खड़े थे. लेकिन शुभम की बहन, शुभम और मैं अंदर चले गए थे. जिस वक्त शुभम को आतंकियों ने गोली मारी उस दौरान उनकी बहन शांभवी उन्हीं के बगल में बैठी थी.

मृतक शुभम के घर लगा जमावड़ा

पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी मूलरूप से कानपुर के महाराजपुर के हाथीपुर के रहने वाले थे. शुभम का शहर में सीमेंट का बिजनेस है. जिसे वह खुद संभालते थे. वह अपने मां-बाप के इकलौते बेटे थे. उनकी मौत के बाद घर में कोहराम मच गया है. उनका परिवार काफी लंबे समय से कानपुर शहर में ही रह रहा है. पूरे कानपुर शहर में शोक की लहर है. काफी भारी संख्या में लोग उनके घर पहुंच रहे हैं. इनमें नेता और प्रशासनिक अधिकारियों का भी आना-जाना लगा हुआ है. फिलहाल शुभम द्विवेदी का शव और उनके परिवार के सदस्यों को वापस लाया जा रहा है. शुभम के भाई सौरभ का कहना है कि "शादी के बाद भैया का पहला टूर था. अभी 2 महीने पहले उनकी शादी हुई है. काफी लंबी प्लानिंग के बाद वह घूमने गए थे."
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