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अजमेर शरीफ दरगाह शिव मंदिर है बताने वाली याचिका कोर्ट में मंजूर, 20 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई

अजमेर शरीफ दरगाह के शिव मंदिर होने का दावा करने वाले हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता कि याचिका को कोर्ट ने सुन ली है। इस मामले की अगली सुनवाई अजमेर पश्चिम की डिविजनल कोर्ट द्वारा 20 दिसंबर को होगी।

28 Nov, 2024
( Updated: 28 Nov, 2024
01:19 PM )
अजमेर शरीफ दरगाह शिव मंदिर है बताने वाली याचिका कोर्ट में मंजूर, 20 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई
अभी यूपी के संभल जिले के शाही जामा मस्जिद का बवाल खत्म भी नहीं हुआ कि इधर राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह को शिव मंदिर बताने का विवाद शुरू हो गया है। हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरफ से दायर याचिका के मुताबिक दरगाह की जगह पहले शिव मंदिर था। जिसको लेकर कोर्ट ने सुनवाई की नई तारीख की घोषणा की है। 

अजमेर शरीफ दरगाह में शिव मंदिर होने की याचिका पर 20 दिसंबर को सुनवाई 


बता दें कि अजमेर के ख्वाजा गरीब नवाज हसन चिश्ती दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे से जुड़ी याचिका पर अजमेर पश्चिम सिविल जज सीनियर ने बड़ा फैसला सुनाया है।  डिविजनल मनमोहन चंद की कोर्ट ने सुनवाई करते हुए वादी विष्णु गुप्ता की तरफ से दायर याचिका पर फैसला सुनाया है। जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण धरोहर भवन ASI को नोटिस भेजा है। इस मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी। 

हिंदू सेना की तरफ से दायर याचिका में क्या कहा गया है? 


अजमेर की सिविल कोर्ट में दायर की गई याचिका के मुताबिक अजमेर शरीफ दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा किया गया है। यह याचिका हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की तरफ से दायर की गई है। उन्होंने कहा है कि "अजमेर दरगाह को श्री संकट मोचक महादेव विराजमान मंदिर घोषित किया जाए। इसके साथ दरगाह के अनाधिकृत अवैध कब्जे के हिस्से को हटाया जाए। यह भी मांग की गई है कि जहां दरगाह संचालित होती है। वहां हिंदुओं को पूजा करने की अनुमति दी जाए। ASI इसका वैज्ञानिक सर्वेक्षण भी करें। कोर्ट में याचिका दायर करने वाले के वकील ने बताया कि वादी ने इस पर 2 साल तक शोध किया है। जिसके बाद यह निष्कर्ष निकला कि यहां शिव मंदिर था। जिसे मुस्लिम आक्रमणकारियों ने तोड़कर दरगाह का निर्माण करवाया था। विष्णु गुप्ता ने हरविलास शारदा की किताब अजमेर ऐतिहासिक और वर्णनात्मक के साथ भारत में सूफ़ीवाद के इतिहास किताबों का हवाला देते हुए याचिका दायर की है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हरविलास शारदा एक जज थे। उन्होंने साल 1911 में अजमेर हिस्टॉरिकल एंड डिस्क्रिप्टिव नाम की किताब लिखी थी। 

अजमेर शरीफ दरगाह के गर्भगृह और परिसर  में जैन मंदिर होने का दावा 


अजमेर शरीफ दरगाह के गर्भगृह और परिसर में जैन मंदिर होने का भी दावा किया गया है। जिसको लेकर कोर्ट ने दरगाह कमेटी, भारत सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को नोटिस जारी की है। यहां सर्वे कराने की बात की गई है।

याचिका दायर करने वालों को मिली जान से मारने की धमकी


हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता को  याचिका दायर करने के बाद जान से मारने की धमकी भरी कॉल आई थी। धमकी देने वाले ने कहा था कि केस वापस ले लो वरना जान से मार दूंगा। दिल्ली के रहने वाले विष्णु कुमार 3 नवंबर को अजमेर आ गए थे और 5 नवंबर को मामले की सुनवाई होनी थी। जिस दिन सुनवाई होनी थी। उसी दिन उनको व्हाट्सएप पर यह कॉल आई थी। धमकी के बाद विष्णु गुप्ता ने अजमेर के किशनगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। 

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