Chardham Yatra पर आईं बुजुर्ग दादी का अचानक CM Dhami से हुआ सामना, फिर देखिये क्या हुआ ?
Chardham Yatra की तैयारियों का जायजा लेने के लिए जमीन पर उतरे सीएम धामी जब गंगोत्री और यमुनोत्री धाम पहुंचे तो इस दौरान उनकी मुलाकात एक बुजुर्ग महिला से हो गई, फिर देखिये क्या हुआ ?

सनातन धर्म में चारधाम यात्रा का बड़ा महत्व माना जाता है. हर हिंदू अपनी जिंदगी में कम से कम एक बार चारधाम यात्रा जरूर करना चाहता है.यही वजह है कि जब भी देवभूमि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की शुरुआत होती है. श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ता है. इस बार भी कुछ ऐसा ही होने वाला है. यही वजह है कि धामी सरकरा ने चारधाम यात्रा की पूरी तैयारी पहले ही कर ली.और जब 30 अप्रैल को गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा की शुरुआत हुई तो खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मैदान में उतर गये. और व्यवस्थाओं का जायजा लेने के साथ ही आम श्रद्धालुओं से मुलाकात करके उनकी समस्याओं को भी सुनते हुए नजर आए.
चारधाम यात्रा की तैयारियों का जायजा लेने के लिए जमीन पर उतरे सीएम धामी जब गंगोत्री और यमुनोत्री धाम पहुंचे तो इस दौरान उनकी मुलाकात एक बुजुर्ग महिला से हो गई. जो 75 साल की उम्र होने के बावजूद हाथ में लाठी और सिर पर सामान रख कर मध्य प्रदेश के इंदौर से चार धाम यात्रा पर आई हैं.
ये बात तो आप भी जानते हैं कि मुख्यमंत्री का एक प्रोटोकॉल होता है. वो किसी से मिलते भी हैं तो इस दौरान पूरे प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है.लेकिन इसके बावजूद सीएम धामी ने जब अपने सामने एक 75 साल की बुजुर्ग महिला को देखा तो सबसे पहले उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया. और उनका हाल चाल जाना. तो वहीं बुजुर्ग महिला भी सीएम धामी को अपने सामने देख कर बड़ी खुश नजर आईं. जिन्हें देख कर ऐसा लग रहा था जैसे मानो उनकी पूरी थकान ही दूर हो गई. इस मुलाकात की वीडियो खुद सीएम धामी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा "चारधाम यात्रा के पावन अवसर पर इंदौर से उत्तराखंड पधारी माताजी समेत अन्य श्रद्धालुओं से आत्मीय भेंट की, हिमालय की पुण्य भूमि पर इन श्रद्धालुओं के ईश्वर के प्रति अटूट विश्वास और अनुपम भक्ति भाव को नमन है, श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम, सुरक्षित एवं भक्तिपूर्ण बनाने के लिए हमारी सरकार कृत संकल्पित भाव से कार्य कर रही है, अधिकारियों को धरातल पर उतरकर खुद व्यवस्थाओं के स्थलीय निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं, हमारा प्रयास है कि यहां आने वाले हर श्रद्धालु की यात्रा अविस्मरणीय बने"
सीएम धामी जहां खुद ही मैदान में उतर कर चारधाम यात्रा की तैयारियों का जायजा ले रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ अधिकारियों को भी जमीन पर उतर कर चारधाम यात्रा के स्थलीय निरीक्षण का सख्त आदेश दिया है.जिससे दूर दूर से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की कोई परेशानी ना हो.
1200 साल पुरानी है चारधाम यात्रा
यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम की यात्रा के बारे में आपको बता दें. ऐसी मान्यता है कि ये चारधाम यात्रा करीब बारह सौ साल पुरानी है. जिसकी शुरुआत आदि गुरु शंकराचार्य ने की थी.तब से लेकर आज तक लगातार ये यात्रा चली आ रही है. और हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के दर्शन करने के लिए देवभूमि उत्तराखंड आते हैं. इन चार पवित्र स्थलों पर दिव्य आत्माओं का वास माना जाता है. केदारनाथ धाम को भगवान शिव का आराम का स्थल माना गया है तो वहीं बद्रीनाथ धाम को आठवां बैकुंठ कहा गया है, जहां भगवान विष्णु 6 महीने तक निद्रा में रहते हैं और 6 महीने तक जागते हैं. जबकि यमुनोत्री धाम यमुना नदी का स्त्रोत स्थल माना जाता है और गंगोत्री धाम को गंगा नदी के स्त्रोत से जोड़कर देखा गया है. ऐसी मान्यता है कि इस यात्रा से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसीलिये हर साल चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है.