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Manusmriti पर सवाल उठाने वाले Rahul Gandhi का शंकराचार्य ने हिंदू धर्म से किया बहिष्कार !

Manusmriti के खिलाफ संसद में बयान देना राहुल गांधी को अब भारी पड़ रहा है, क्योंकि ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती मनुस्मृति के अपमान पर इस कदर भड़क गये कि राहुल गांधी के हिंदू होने पर ही सवाल उठा दिया और हिंदू धर्म से ही उनका बहिष्कार कर दिया !

05 May, 2025
( Updated: 05 Jun, 2025
07:09 PM )
Manusmriti पर सवाल उठाने वाले Rahul Gandhi का शंकराचार्य ने हिंदू धर्म से किया बहिष्कार !
कभी जनेऊ दिखाते नजर आए राहुल गांधी. तो कभी मंदिर-मंदिर घूमते नजर आए राहुल गांधी. यहां तक कि कांग्रेसी नेता भी राहुल गांधी को हिंदू साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ते. लेकिन बात जब सनातन धर्म के सम्मान की आती है तो यही राहुल गांधी सनातन धर्म का सम्मान करना तो छोड़िये संसद में मोदी सरकार पर प्रहार करते-करते सनातन धर्म की किताब मनुस्मृति पर ही सवाल उठाने लगते हैं.

मनुस्मृति के खिलाफ संसद में यही बयान देना राहुल गांधी को अब भारी पड़ रहा है. क्योंकि जैसे ही उन्होंने मनुस्मृति पर सवाल उठाया. ये बात प्रयागराज की धरती पर लगे महाकुंभ के दौरान चल रही धर्म संसद में पहुंच गई. और बात यहां तक पहुंच गई कि ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती मनुस्मृति के अपमान पर इस कदर भड़क गये कि राहुल गांधी के हिंदू होने पर ही सवाल उठा दिया.


संसद में दिया गया एक-एक बयान रिकॉर्ड होता है. ये जानने के बावजूद राहुल गांधी ने मनुस्मृति पर सवाल उठा दिया.और जब ये मामला महाकुंभ में लगी धर्म संसद में पहुंचा तो शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को नोटिस भेज दिया. वो भी एक बार नहीं. तीन बार उन्हें नोटिस भेजी गई. लेकिन इसके बावजूद राहुल गांधी की ओर से नोटिस का ना तो कोई जवाब दिया और ना ही अपने बयान पर माफी मांगी. जिस पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने राहुल गांधी का हिंदू धर्म से ही बहिष्कार कर दिया.

सनातन धर्म में चार शंकराचार्य होते हैं. और सभी शंकाराचार्यों को भगवान का दर्जा दिया जाता है. जिनमें से एक नाम ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का भी है. जिन्होंने राहुल गांधी को हिंदू धर्म से निकालने के साथ ही मंदिर के पुजारियों से भी ये अपील की है कि अब से हर मंदिर में राहुल गांधी का विरोध होना चाहिए. और कोई भी पुजारी किसी भी मंदिर में राहुल गांधी की पूजा नहीं करवाएगा.

हिंदू धर्म से राहुल गांधी का बहिष्कार करने वाले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती मानते हैं कि कोई भी हिंदू मनुस्मृति के श्लोक से सहमत या असहमत हो सकता है. लेकिन कोई ये कैसे बोल सकता है कि हम मनुस्मृति को ही नहीं मानते हैं... जबकि राहुल गांधी ने संसद में यही काम किया. उन्होंने हाथरस कांड का जिक्र करते हुए मोदी सरकार पर आरोप लगा दिया कि बलात्कारी को बचाने का फॉर्मूला संविधान में नहीं आपकी किताब यानि मनुस्मृति में लिखा है. यही वजह है कि शंकराचार्य ने राहुल गांधी को हिंदू धर्म से ही निकाल दिया. 

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