'पाकिस्तान जंगली हैंडलर है, आतंकवाद पागल कुत्ता...', टोक्यो में जमकर गरजे ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी
भारत का 7 सदस्यीय डेलिगेशन का हिस्सा बने तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद अभिषेक बनर्जी अपनी टीम के साथ जापान के दौरे पर है. जहां उन्होंने पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को बेनकाब करते हुए कहा कि 'अगर दुनिया को आतंकवाद पर लगाम लगानी है. तो पहले उसके पोषक पर लगाम लगानी होगी. वरना यह आतंकियों का पालक और भी कुत्तों को जन्म देगा. मैं हमेशा से कहता आया हूं कि पाकिस्तान से उसी की भाषा में बात करनी चाहिए.'

टोक्यो की सरज़मीं पर भारतीय लोकतंत्र की आवाज़ उस वक्त गूंज उठी जब तृणमूल कांग्रेस के सांसद और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने पाकिस्तान पर सीधा और कड़ा हमला बोला. उन्होंने भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति का ज़िक्र करते हुए पाकिस्तान को ‘पागल कुत्ते का जंगली हैंडलर’ बताया. इस बयान ने न सिर्फ सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भी एक नई बहस को जन्म दे दिया है.
आतंकिस्तान के खिलाफ एकजुट भारत
भारत ने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के ज़रिए दिया था. इस हमले की जिम्मेदारी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने ली, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ एक आतंकी संगठन है. इसी पृष्ठभूमि में भारत ने एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को दुनिया के अलग-अलग देशों में भेजा है, ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह बताया जा सके कि भारत आतंकवाद के आगे झुकेगा नहीं. अभिषेक बनर्जी इसी प्रतिनिधिमंडल के साथ जापान पहुंचे हैं और उन्होंने टोक्यो में भारतीय समुदाय को संबोधित किया.
“हम डरने वालों में नहीं हैं...” अभिषेक की हुंकार
अभिषेक बनर्जी ने अपने बयान में कहा, “अगर आतंकवाद एक पागल कुत्ता है, तो पाकिस्तान उसका जंगली हैंडलर है. दुनिया को इस जंगली हैंडलर को काबू में करना होगा, वरना ये और पागल कुत्तों को पालेगा और बड़ा करेगा.” उन्होंने आगे कहा कि भारत ने हमेशा पाकिस्तान के साथ संघर्ष को संयम और ज़िम्मेदारी से संभाला है. भारतीय सेना की कार्रवाई हमेशा सटीक रही है, लेकिन उसका उद्देश्य कभी तनाव बढ़ाना नहीं रहा.
सभी दल एकजुट, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की पैरवी
इस प्रतिनिधिमंडल में तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी के अलावा बीजेपी की अपराजिता सारंगी, बृजलाल, प्रदान बरुआ और डॉ. हेमंग जोशी, कांग्रेस के सलमान खुर्शीद, सीपीआई एम के जॉन ब्रिटास और जेडीयू के संजय झा शामिल रहे. यह टीम जापान के अलावा इंडोनेशिया, सिंगापुर, मलेशिया और दक्षिण कोरिया की यात्रा करेगी. उनका उद्देश्य भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति को वैश्विक मंच पर सामने लाना है.
भारत अब पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद को सहन करने के मूड में नहीं है. ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से यह संदेश पहले ही साफ हो चुका है कि भारत की सुरक्षा रेखा को पार करने वाले किसी भी तत्व को मुंहतोड़ जवाब मिलेगा. इस मिशन में PoK तक जाकर आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया गया, जो अब भारत की सैन्य रणनीति की परिपक्वता को दर्शाता है.
अभिषेक बनर्जी का बयान और भारत सरकार की यह पहल, अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने पाकिस्तान की पोल खोलने का बड़ा प्रयास है. भारत अब केवल पीड़ित की भूमिका में नहीं बल्कि निर्णायक नीतियों के साथ एक वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में उभर रहा है. सवाल अब ये नहीं है कि पाकिस्तान आतंकवाद को पालता है या नहीं, बल्कि ये है कि दुनिया कब तक उसकी इस दोहरी नीति पर आंखें मूंदे रखेगी.