Maulana Sajid ने Congress पर Waqf की जमीन हड़पने के लगाए आरोप !
Waqf Amendment Act का विरोध कर बुरी तरह से फंसी कांग्रेस, जिन मुसलमानों के लिए कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुंची है उन्हीं मुसलमानों के एक बड़े मौलाना कांग्रेस पर ही वक्फ बोर्ड की करीब ढाई सौ बीघा जमीन हड़पने के गंभीर आरोप लगा रहे हैं और डंके की चोट पर कह रहे हैं कि कांग्रेस की वजह से ही मुसलमान पिछड़े हुए हैं !

वक्फ संशोधन कानून के मुद्दे पर सदन से लेकर सड़क तक सरकार और विपक्ष आरपार के मूड में नजर आ रही है. इसीलिये मुसलमान जहां सड़कों पर उतर कर वक्फ कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस समेत कई विपक्षी नेता सुप्रीम कोर्ट पहुंच गये हैं. इस उम्मीद में कि सुप्रीम कोर्ट वक्फ संशोधन कानून पर रोक लगा देगी.अब उसकी ये उम्मीद पूरी होती भी है या नहीं.ये तो फिलहाल वक्त बताएगा. लेकिन हां. जिन मुसलमानों के लिए कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. उन्हीं मुसलमानों के एक बड़े मौलाना कांग्रेस पर ही वक्फ बोर्ड की करीब ढाई सौ बीघा जमीन हड़पने के गंभीर आरोप लगा रहे हैं. और डंके की चोट पर कह रहे हैं कि कांग्रेस की वजह से ही मुसलमान पिछड़े हुए हैं.
जिस वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ कांग्रेस जबरदस्त विरोध कर रही है. संसद, सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ रही है. उस वक्फ संशोधन कानून के समर्थन में एक बड़े मौलाना उतर आए हैं. जिनका नाम है मौलाना साजिद रशीदी.
इस चेहरे को तो आप अच्छी तरह से जानते पहचानते होंगे. ये वही ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष साजिद रशीदी हैं. जिन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को वोट दिया था.
वक्फ संशोधन कानून
बीजेपी को वोट देने वाले मौलाना साजिद रशीदी ने अब वक्फ संशोधन कानून के मुद्दे पर मोर्चा संभाल लिया है. और इस मुद्दे पर मोदी सरकार के विरोध में नहीं समर्थन में उतर आए हैं.यही वजह है कि कानून का विरोध करने वाली कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए एक न्यूज चैनल पर बड़ा खुलासा करते हुए मौलाना साजिद रशीदी ने कहा कि "60 साल कांग्रेस ने हुकूमत की, इन 60 सालों में अगर ये चाहते तो मुसलमानों की ये प्रॉपर्टी इस हाल में होती जैसे गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी बनाकर सिखों के पास उनकी प्रॉपर्टी और गुरुद्वारे हैं, अगर कांग्रेस चाहती तो मुसलमानों का जो प्रजेंटेशन लोकसभा में, विधानसभा में और नौकरियों में आजादी के बाद था वो अबतक जिंदा रहता, अगर कांग्रेस चाहती तो ऐसा नहीं होता कि सच्चर कमेटी की रिपोर्ट लाने के बाद ये कह दिया जाए कि मुसलमान दलित से बदतर जिंदगी जी रहा है, ये सारे सवाल कांग्रेस से ही तो हैं"
मुसलमानों के पिछड़ेपन के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रहे मौलाना साजिद रशीदी यहीं नहीं रुके. उन्होंने कांग्रेस पर वक्फ बोर्ड की ढाई सौ बीघा जमीन हड़पने का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि "दिल्ली के अंदर ढाई सौ गज नहीं ढाई सौ बीघा जमीन इतनी बड़ी प्रॉपर्टी है कि अगर उस प्रॉपर्टी का आज के सर्किल रेट के हिसाब से किराया लगाएं तो कम से कम कई हजार करोड़ साल का होता है, अगर वक्फ बोर्ड की वो जमीन कांग्रेस ना हड़पती और कम से कम उसका किराया मिल जाता तो आज दिल्ली के अंदर या हिंदुस्तान के अंदर कोई मुसलमान गरीब नहीं होता"
जब साजिद रशीदी से पूछा गया कि दिल्ली में वो कौन सी ढाई सौ बीघा जमीन है जिसे कांग्रेस ने हड़प लिया. तब उन्होंने जवाब देते हुए बताया "DDA है MCD है, NDMC है, DTC है, रेलवे है ये सब कांग्रेस के पास थी पहले क्योंकि कांग्रेस की सरकार थी, आज से 15-20 साल पहले DDA का ये हाल था कि जहां DDA ने बोर्ड लगा दिया वो जगह कांग्रेस की हो गई, ये सच्चाई है मेरे पास इसकी लिस्ट है"
जब मौलाना रशीदी से पूछा गया कि अब तो बीजेपी की सरकार है उनसे क्यों नहीं ले लेते. जिस पर मौलाना रशीदी ने कहा कि 60 साल में ये प्रॉपर्टी कांग्रेस ने हमें नहीं दी तो 10 साल में हम बीजेपी से ये कैसे उम्मीद लगा लें. आपको बता दें ये कोई पहली बार नहीं है जब मौलाना साजिद रशीदी ने वक्फ संशोधन कानून को लेकर बीजेपी का समर्थन किया हो और कांग्रेस को लताड़ लगाई हो. इससे पहले जब संसद से वक्फ संशोधन बिल पास हुआ था. उस वक्त भी मौलाना साजिद रशीदी ने तो विपक्षी नेता असदुद्दीन ओवैसी पर भी गंभीर आरोप लगाए थे.
साजिद रशीदी जैसे मौलाना भी ये बात जानते हैं कि वक्फ संशोधन कानून मुसलमानों के खिलाफ नहीं. उनकी भलाई के लिए मोदी सरकार लाई है. इसीलिये वो भी इसका समर्थन कर रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ ओवैसी, राहुल गांधी, अखिलेश यादव, उद्धव ठाकरे जैसे नेता इसका विरोध करने में लगे हुए हैं. पहले संसद में एकजुट होकर इसका विरोध किया. लेकिन इसके बावजूद मोदी सरकार को बिल पास कराने से नहीं रोक पाए. और अब इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सात दिन के अंदर मोदी सरकार से जवाब मांगा है.अब देखना ये है कि मोदी सरकार क्या जवाब देती है. बहरहाल इस पूरे मामले पर जिस तरह से साजिद रशीदी ने विपक्ष को ही लताड़ा है.