Operation Sindoor पर जयशंकर की हुंकार, कहा 'आतंकवादी पाकिस्तान में हों तो वहीं मारेंगे'
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर जबरदस्त एयरस्ट्राइक की. विदेश मंत्री जयशंकर ने दी चेतावनी- आतंकवादी कहीं भी हों, भारत छोड़ेगा नहीं. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत अब केवल रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक नीति अपनाएगा. ऑपरेशन सिंदूर इसका सबसे बड़ा उदाहरण है.

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. इस हमले में 26 निर्दोष टूरिस्टों की जान गई, जिनमें अधिकतर धार्मिक आधार पर निशाना बनाए गए थे. हालांकि भारत की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के 9 चिन्हित ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की गई, और सबसे अहम बात 7 मई को भारत ने जो नौ एयरस्ट्राइक की, वे सभी UN Security Council की 1267 लिस्ट में पहले से दर्ज आतंकी ठिकाने थे.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में नीदरलैंड्स के एक चैनल को दिए इंटरव्यू में स्पष्ट कहा कि भारत अब आतंकवाद को सरहदों तक सीमित नहीं देखता. उन्होंने साफ कहा, "अगर आतंकवादी पाकिस्तान में हैं, तो हम उनको वहां भी मारेंगे." जयशंकर ने आगे बताया कि भारत अब सिर्फ आत्मरक्षा नहीं, बल्कि सक्रिय प्रतिकार की नीति पर काम कर रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी बंद नहीं हुआ है, बल्कि यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी अगर भारत पर आतंकी हमले दोहराए गए.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में नीदरलैंड्स के एक चैनल को दिए इंटरव्यू में स्पष्ट कहा कि भारत अब आतंकवाद को सरहदों तक सीमित नहीं देखता. उन्होंने साफ कहा, "अगर आतंकवादी पाकिस्तान में हैं, तो हम उनको वहां भी मारेंगे." जयशंकर ने आगे बताया कि भारत अब सिर्फ आत्मरक्षा नहीं, बल्कि सक्रिय प्रतिकार की नीति पर काम कर रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी बंद नहीं हुआ है, बल्कि यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी अगर भारत पर आतंकी हमले दोहराए गए.
UN की लिस्ट में चिन्हित ठिकानों पर हुई एयरस्ट्राइक
विदेश मंत्री जयशंकर ने यह भी बताया कि 7 मई को भारत ने जो नौ एयरस्ट्राइक की, वे सभी UN Security Council की 1267 लिस्ट में पहले से दर्ज आतंकी ठिकानों पर की गई थी. यह वह स्थान थे जहां लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों का बेस था. भारत ने यह सुनिश्चित किया कि अंतरराष्ट्रीय नियमों और वैश्विक मंजूरी के तहत ही यह कार्रवाई की जाए. यही वजह है कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की इस सैन्य कार्रवाई की आलोचना के बजाय प्रशंसा हो रही है.
ऑपरेशन सिंदूर में तबाह किए गए आतंकी ठिकाने
7 मई को की गई एयरस्ट्राइक केवल एक जवाब नहीं थी, बल्कि यह एक संदेश था कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा. पाकिस्तान और पीओजेके में मौजूद नौ बड़े आतंकी अड्डों को निशाना बनाया गया. रक्षा सूत्रों की मानें तो इस कार्रवाई में करीब 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए हैं. इसके बाद पाकिस्तान की ओर से भी जवाबी गोलाबारी और कुछ ड्रोन हमले किए गए, लेकिन भारत पहले से तैयार था. भारत ने पाकिस्तान के आठ एयरबेस, रडार सिस्टम और कम्युनिकेशन हब को निष्क्रिय कर दिया. इनमें रावलपिंडी के पास स्थित एक बड़ा एयरबेस भी शामिल था.
10 मई को सीजफायर पर ऐसे बनी सहमति
जब पाकिस्तान को यह एहसास हो गया कि भारत अब रुकने वाला नहीं है और उसकी सैन्य क्षमताएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं, तब उसने पीछे हटने का फैसला लिया. 10 मई को दोनों देशों के बीच सीजफायर पर सहमति बनी. जयशंकर ने बताया कि यह सहमति भारत की ओर से बनाए गए सैन्य और कूटनीतिक दबाव का नतीजा था. पाकिस्तान को यह स्पष्ट संकेत मिल गया कि भारत अब हर आतंकी हमले का जवाब देगा और वह भी उस स्थान पर जाकर जहां आतंक की जड़ें हैं.
ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की बदलती नीति का प्रतीक है. अब भारत आतंकवाद को बर्दाश्त करने की बजाय उसे जड़ से खत्म करने के लिए सक्रिय हो गया है. जयशंकर के शब्दों में यह स्पष्ट है कि अगर आतंकवादी पाकिस्तान में हैं तो अब वे सुरक्षित नहीं. भारत की यह नीति आने वाले समय में आतंक के खिलाफ लड़ाई में मील का पत्थर साबित हो सकती है. यह कार्रवाई सिर्फ एक जवाब नहीं थी, यह आने वाले समय की चेतावनी थी- अब भारत चुप नहीं बैठेगा.