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"Gen-Z प्रोटेस्ट के बाद खुली भारत-नेपाल सीमा, लौट रही रौनक, ट्रक और यात्री वाहनों की आवाजाही शुरू"

नेपाल में नई सरकार बनने के बाद भारत-नेपाल सीमा पर हालात सामान्य होते दिख रहे हैं. शनिवार को रुपईडीहा बॉर्डर से यात्री वाहन, कार, मोटरसाइकिल, पैदल यात्री और मालवाहक ट्रक गुजरते नजर आए.

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14 Sep 2025
( Updated: 11 Dec 2025
01:57 PM )
"Gen-Z प्रोटेस्ट के बाद खुली भारत-नेपाल सीमा, लौट रही रौनक, ट्रक और यात्री वाहनों की आवाजाही शुरू"

नेपाल में नई सरकार बनने के बाद भारत-नेपाल सीमा पर हालात सामान्य होते दिख रहे हैं. शनिवार को रुपईडीहा बॉर्डर से यात्री वाहन, कार, मोटरसाइकिल, पैदल यात्री और मालवाहक ट्रक गुजरते नजर आए. बड़ी संख्या में कारोबारी ट्रक नेपाल में दाखिल हुए, हालांकि आम नागरिकों की आवाजाही अभी भी सीमित रही.

सीमा चौकियों पर वाहनों की निगरानी 

42वीं बटालियन सशस्त्र सीमा बल (SSB) के कमांडेंट गंगा सिंह उडावत ने बताया कि नई सरकार बनने के बाद हालात सामान्य होने लगे हैं. इसी वजह से शनिवार को किसी को रोका नहीं गया, हालांकि पहचान की पुष्टि करने के बाद ही लोगों को प्रवेश दिया गया. उन्होंने कहा कि सीमा चौकियों से लगातार नागरिकों और वाहनों की निगरानी की जा रही है.

रुपईडीहा बॉर्डर पर आवाजाही घटी 

रुपईडीहा बॉर्डर से शनिवार को सिर्फ़ 20,000 लोग गुज़रे, जबकि सामान्य दिनों में यह संख्या 50,000 तक रहती है. इसी बीच करीब 20 भारतीय श्रद्धालुओं का जत्था कैलाश मानसरोवर यात्रा पर नेपाल रवाना हुआ.

नेपाल और भारत के बीच वाहनों की आवाजाही 

पीटीआई के बातचीत के दौरान भूमि बंदरगाह प्राधिकरण के प्रभारी अधिकारी सुधीर शर्मा ने बताया कि पाँच दिनों से फंसे ट्रकों, लोरियों, टैंकरों और कंटेनरों के ड्राइवर व सहायकों के चेहरों पर अब मुस्कान लौट आई है. शनिवार को सभी वाहनों को नेपाल भेज दिया गया और नेपालगंज में फंसे कारोबारी वाहन भी भारत लौट आए. शर्मा के अनुसार, शनिवार को रुपईडीहा के एकीकृत चेक पोस्ट (ICP) से 500 से अधिक कारोबारी वाहन नेपाल भेजे गए, जिनमें डीजल, पेट्रोल, गैस और खाद्य सामग्री लदी थी. वहीं, सैकड़ों खाली वाहन सामान की आपूर्ति पूरी कर भारत वापस आ गए. फिलहाल रुपईडीहा-नेपालगंज सीमा पर कोई भी वाहन फंसा नहीं है.

भारत से 99 फीसदी निर्यात, 1 फीसदी आयात सुधीर ने यह भी बताया कि यह बॉर्डर भारत के लिए व्यापार के लिए बेहद अहम है. यहां से होने वाला व्यापार लगभग 99 प्रतिशत निर्यात और सिर्फ 1 प्रतिशत आयात का है. नेपाल से केवल हर्बल दवाइयों का आयात होता है. शनिवार को भी नेपाल से हर्बल दवाइयों से भरे दो ट्रक भारत पहुंचे.

नेपाल में अब कैसे हैं हालात? 

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नेपाल में हाल ही में हुए बड़े पैमाने पर Gen-Z विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत सरकार द्वारा कई सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर प्रतिबंध लगाने से हुई थी. लेकिन यह आंदोलन जल्द ही भ्रष्टाचार, राजनीतिक भाई-भतीजावाद, आर्थिक असमानता और युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी के खिलाफ गुस्से का प्रतीक बन गया.
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