बिहार में हार ने खोली कांग्रेस में अंदरूनी कलह की पोल... शशि थरूर समेत पार्टी के दिग्गज नेताओं ने कहा अब सिर्फ चिंतन से नहीं चलेगा काम
बिहार चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस में अंदरूनी बगावत खुलकर सामने आ गई है. पार्टी के तमाम दिग्गज नेता अब शीर्ष नेतृत्व पर तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा है कि पार्टी को सिर्फ आत्ममंथन नहीं, बल्कि रणनीतिक और संगठनात्मक गलती की वैज्ञानिक समीक्षा करनी चाहिए.
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बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों ने कांग्रेस में ऐसा भूचाल ला दिया है, जिसकी गूंज अब पूरे देश में सुनाई देने लगी है. पार्टी के बेहद कमजोर प्रदर्शन के बाद अंदरूनी असंतोष और वैचारिक मतभेद खुलकर सामने आ चुका है. छोटे नेताओं से लेकर दिग्गजों तक, हर कोई संगठन की कमजोरी और नेतृत्व की कार्यशैली पर लगातार सवाल उठा रहा है.
पार्टी को वैज्ञानिक समीक्षा की जरूरत: शशि थरूर
बिहार की राजधानी पटना में कांग्रेस नेता कृपानाथ पाठक ने हार की वजहों पर खुलकर बोलते हुए कहा कि पार्टी की असली जानकारी शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचाई ही नहीं गई. उनका कहना है कि यही 'इतनी बड़ी चूक' का कारण बना. पाठक ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कांग्रेस अब भी नहीं जागी, तो आने वाले समय में पार्टी को एक 'गंभीर संकट' का सामना करना पड़ सकता है. इसी बीच, केरल से सांसद शशि थरूर ने भी हार को 'गंभीर निराशा' करार दिया है. उन्होंने कहा कि अब सिर्फ आत्ममंथन की बात काफी नहीं है. पार्टी को अपनी रणनीतिक और संगठनात्मक गलतियों का वैज्ञानिक ढंग से समीक्षा करना होगा. थरूर ने यह भी साफ किया कि उन्हें बिहार में प्रचार के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था. ऐसे में वे जमीनी स्थिति का प्रत्यक्ष अनुभव नहीं कर पाए. वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने चुटकी लेते हुए कहा कि 'कांग्रेस ने मुझे उस लायक नहीं समझा.'
दिग्गज नेताओं की तीखी नाराजगी
इनके अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता निखिल कुमार ने हार की सीधी वजह संगठन की कमजोरी को बताया. उनका कहना है कि उम्मीदवार अच्छे थे, लेकिन प्रबंधन और रणनीति बेहद कमजोर रही. पटना में कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने हार को स्वीकार करते हुए कहा कि पार्टी को अब गंभीर समीक्षा करनी होगी. उन्होंने नीतीश कुमार और NDA को जीत की शुभकामनाएं भी दीं. साथ ही माना कि RJD और कांग्रेस के बीच फ्रेंडली फाइट ने गठबंधन को भारी नुकसान पहुंचाया.
जमीनी हकीकत से बेखबर है पार्टी नेतृत्व
कांग्रेस नेता मुमताज पटेल का बयान और भी तीखा रहा. उन्होंने कहा कि अब न बहाने चलेंगे न जिम्मेदारी से बचने का मौका मिलेगा. पार्टी इसलिए लगातार हार रही है क्योंकि नेतृत्व कुछ लोगों के हाथों में सीमित हो चुका है. ये लोग ज़मीनी हकीकत को समझ ही नहीं पा रहे हैं. हाल ही में कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके शकील अहमद ने टिकट वितरण में अनियमितताओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि यदि ये आरोप सही हैं, तो कार्रवाई जरूरी है. वहीं AIMIM के कांग्रेस से अधिक सीटों पर बढ़त पाने को उन्होंने चौंकाने वाला बताया. खासकर इसलिए क्योंकि सीमांचल की कई सीटों पर अतीत में कांग्रेस का दबदबा रहा है.
No excuses ,No blame game No introspection , it’s time to look within and accept reality. Till when will countless loyal ground workers who have stayed with the party through thick and thin …wait to see success … instead it’s failure after failure due to power concentrated in…
— Mumtaz Patel (@mumtazpatels) November 14, 2025यह भी पढ़ें
बताते चलें कि बिहार के नतीजे के बाद कांग्रेस में अब आत्ममंथन की जगह सीधी आलोचना और नेतृत्व पर सवालों की बौछार शुरू हो गई है. बिहार का नतीजा पार्टी के लिए सिर्फ एक हार नहीं, बल्कि एक बड़ा संकेत है. यह बता रहा है कि यदि कांग्रेस ने अब भी संगठनात्मक सुधार नहीं किए, तो आने वाले चुनावों में चुनौती और गहरी हो सकती है.
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