RSS की तारीफ पर कांग्रेस में घमासान जारी... दिग्विजय के बयान पर बोले शशि थरूर- हमें अनुशासन सीखना चाहिए
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के RSS की संगठनात्मक क्षमता वाले बयान पर शशि थरूर ने कहा कि किसी भी पार्टी के लिए अनुशासन और मजबूत संगठन जरूरी है. थरूर ने साफ किया कि ऐसी बातें कहीं से भी सीखी जा सकती हैं और कांग्रेस को भी अपने संगठन को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए.
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कांग्रेस के भीतर संगठन, अनुशासन और कार्यशैली को लेकर एक बार फिर बहस तेज हो गई है. इसकी वजह बने हैं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का वह बयान, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की संगठनात्मक क्षमता की सराहना की थी. इस बयान पर सियासी हलचल मचने के बाद अब कांग्रेस सांसद शशि थरूर की प्रतिक्रिया सामने आई है, जिसने इस चर्चा को और व्यापक बना दिया है.
शशि थरूर की प्रतिक्रिया
शशि थरूर ने दिग्विजय सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए साफ कहा कि किसी भी राजनीतिक दल के लिए अनुशासन और मजबूत संगठन बेहद जरूरी होता है. उन्होंने कहा कि वह भी चाहते हैं कि कांग्रेस का संगठन और अधिक मजबूत हो और उसमें अनुशासन बढ़े. थरूर से जब पूछा गया कि क्या कांग्रेस को RSS से अनुशासन सीखना चाहिए, तो उन्होंने दो टूक जवाब दिया कि अनुशासन और संगठन की मजबूती ऐसी चीजें हैं, जिन्हें कहीं से भी सीखा जा सकता है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दिग्विजय सिंह अपने बयान के लिए स्वयं जिम्मेदार हैं, जैसे वह खुद अपने विचारों के लिए जिम्मेदार हैं.
#WATCH | Delhi | On Congress leader Digvijaya Singh praising the organisational strength of the RSS, Congress MP Shashi Tharoor says, "Even I want our organisation to strengthen. There should be discipline in our organisation. Digvijaya Singh can speak for himself..." pic.twitter.com/VuawKAwRim
— ANI (@ANI) December 28, 2025
हमारा 140 वर्षों पुराना इतिहास
शशि थरूर ने कांग्रेस के लंबे इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि पार्टी का 140 वर्षों का गौरवशाली सफर रहा है और इस दौरान संगठन ने बहुत कुछ सीखा है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि कांग्रेस को आत्ममंथन करते हुए अपनी कमजोरियों को पहचानना चाहिए और संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए. थरूर के मुताबिक, किसी भी पार्टी में अनुशासन का अभाव लंबे समय में नुकसानदायक साबित होता है.
क्यों शुरू हुई संगठन को लेकर बहस?
दरअसल, पूरा विवाद उस समय शुरू हुआ, जब कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक से ठीक पहले दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक पुरानी तस्वीर साझा की. इस तस्वीर में नरेंद्र मोदी, लालकृष्ण आडवाणी के पैरों के पास बैठे नजर आ रहे थे. दिग्विजय सिंह ने इस तस्वीर के साथ लिखा कि RSS का एक जमीनी स्वयंसेवक और बीजेपी का जमीनी कार्यकर्ता नीचे बैठकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बना. उन्होंने इसे संगठन की ताकत बताया. इस पोस्ट के सामने आते ही राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया.
दिग्विजय सिंह ने बाद में दी सफाई
इस बयान को लेकर कांग्रेस के भीतर भी असहजता देखने को मिली. कई नेताओं ने इसे पार्टी लाइन से अलग माना. विवाद बढ़ने पर दिग्विजय सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को गलत संदर्भ में लिया गया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि गांधी के हत्यारों से कुछ सीखने की जरूरत नहीं है और वह हमेशा कांग्रेस की विचारधारा के साथ खड़े रहे हैं. दिग्विजय सिंह ने कहा कि उनका आशय केवल इतना था कि किसी भी संगठन को मजबूत होना चाहिए और इसमें कोई गलत बात नहीं है.
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गौरतलब है कि इससे पहले भी दिग्विजय सिंह कांग्रेस नेतृत्व को लेकर अपनी राय खुलकर रखते रहे हैं. हाल ही में उन्होंने राहुल गांधी को सलाह देते हुए पार्टी पर अधिक ध्यान देने और व्यावहारिक विकेंद्रीकरण की जरूरत पर जोर दिया था. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को मजबूत जमीनी ढांचे की सख्त जरूरत है. बहरहाल, दिग्विजय सिंह के बयान और शशि थरूर की प्रतिक्रिया ने कांग्रेस के भीतर संगठनात्मक सुधार और अनुशासन पर नई बहस छेड़ दी है. यह साफ संकेत है कि पार्टी आने वाले समय में आत्ममंथन के दौर से गुजर सकती है.
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