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अनाथ बच्चों का सहारा बने CM योगी, मजबूरी में काम करने वाले नन्हे कदमों को सरकार दे रही है आर्थिक सहायता

CM Yogi: सहायक श्रमायुक्त बाल गोविंद ने बताया कि बरेली में अब तक इस योजना से 500 बच्चों को लाभान्वित किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि योजना का मुख्य उद्देश्य है कि किसी भी बच्चे को मजबूरी में मजदूरी न करनी पड़े और उसे शिक्षा व सुरक्षा दोनों मिल सके.

05 Dec, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
04:06 PM )
अनाथ बच्चों का सहारा बने CM योगी, मजबूरी में काम करने वाले नन्हे कदमों को सरकार दे रही है आर्थिक सहायता
Image Source: Social Media

Bal Shramik Yojana: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मुख्यमंत्री बाल श्रमिक विद्या योजना के तहत कामकाजी बच्चों को आर्थिक सहयोग और शिक्षा से जोड़ने के लिए श्रम विभाग ने स्पष्ट श्रेणीवार प्राथमिकता तय कर दी है. ऐसे बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है, जो परिवार की मजबूरी में ढाबों, होटलों, फैक्टरियों या अन्य प्रतिष्ठानों पर काम करते हैं. योजना के पहले चरण में प्रदेश के 20 जिलों जिसमें बरेली भी शामिल है-को चुना गया है.

प्रत्येक जिले में 100 बच्चों को लाभ देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. सहायक श्रमायुक्त बाल गोविंद ने बताया कि बरेली में अब तक इस योजना से 500 बच्चों को लाभान्वित किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि योजना का मुख्य उद्देश्य है कि किसी भी बच्चे को मजबूरी में मजदूरी न करनी पड़े और उसे शिक्षा व सुरक्षा दोनों मिल सके.

सबसे पहले मदद उन बच्चों को-जिनके माता-पिता नहीं, आय का एकमात्र सहारा वही

योजना में बच्चों के चयन के लिए शासन ने नौ प्राथमिकता श्रेणियां तय की हैं. सबसे पहले प्राथमिकता उन बच्चों को दी जाएगी. जिनके माता-पिता दोनों नहीं रहे. परिवार की पूरी आय उन्हीं के काम पर निर्भर है. श्रम विभाग के सर्वे में उन्हें कामकाजी बच्चा चिन्हित किया गया है.

ऐसे बच्चे जिनके पिता की मृत्यु, माता-पिता स्थायी दिव्यांग, माता-पिता गंभीर रोग से ग्रसित, परिवार की मुखिया विधवा/तलाकशुदा महिला, माता की मृत्यु या गंभीर बीमारी और भूमिहीन परिवारों के बच्चे शामिल किए गए हैं. सभी श्रेणियों में ऐसे बच्चे को चिन्हित किया गया है तो सर्वेक्षण में कामकाजी निकला हो.

20 जिलों में पहले चरण का संचालन, कुल 2000 बच्चों को लाभ का लक्ष्य

उत्तर प्रदेश में पहले चरण में आगरा, प्रयागराज, कानपुर नगर, बलिया, लखनऊ, बाराबंकी, बरेली, बदायूं, गाजियाबाद, गोरखपुर, गोंडा, श्रावस्ती, बलरामपुर, बहराइच, मुरादाबाद, सोनभद्र, मिर्जापुर, जौनपुर, वाराणसी और गाजीपुर.

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 इन 20 जिलों में प्रति जिले 100 लाभार्थी, यानी कुल 2000 बच्चों को सहायता दी जानी है. इसमें बच्चों को हर महीने आर्थिक सहायता-बालक 1000 रुपये, बालिका 1200 रुपये दिये जा रहे हैं. लाभार्थी बच्चा लगातार पढ़ता रहता है तो कक्षा 8, 9 और 10 उत्तीर्ण करने पर हर कक्षा पास होने पर 6000 रुपये प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है.

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