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इजरायल-हिजबुल्लाह के बीच प्रलयकारी युद्ध, जानें दोनों देशों पर क्या पड़ रहा असर

मध्य पूर्व के हालात एक बार फिर तनावपूर्ण हो गए हैं। इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच जारी संघर्ष ने युद्ध का रूप ले लिया है, जिससे क्षेत्र में भय और अनिश्चितता का माहौल पैदा हो गया है। हाल ही में इजरायल की सेना ने हिजबुल्लाह के ठिकानों पर भीषण हमला किया, जिसमें कम से कम 100 लोग मारे गए और 400 से अधिक घायल हुए हैं। इसके अलावा, हिजबुल्लाह के 300 से ज्यादा ठिकाने नष्ट हो गए हैं।

23 Sep, 2024
( Updated: 23 Sep, 2024
10:41 PM )
इजरायल-हिजबुल्लाह के बीच प्रलयकारी युद्ध, जानें दोनों देशों पर क्या पड़ रहा असर
मध्य-पूर्व के हालात एक बार फिर से युद्ध की दहलीज पर हैं। इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच का विवाद उस स्तर पर पहुंच गया है, जहां से लौटना मुश्किल है। इस टकराव ने न केवल इजरायल और लेबनान बल्कि पूरे मिडिल-ईस्ट में दहशत का माहौल बना दिया है। दरअसल हाल ही में इजरायल की सेना ने हिजबुल्लाह के ठिकानों पर भीषण हमला किया, जिसमें कम से कम 100 लोग मारे गए और 400 से अधिक घायल हुए हैं। इसके अलावा, हिजबुल्लाह के 300 से ज्यादा ठिकाने नष्ट हो गए हैं।इसके अलावा, इजरायल ने लेबनान के नागरिकों को चेतावनी भी दी है कि वे उन इमारतों को तुरंत खाली कर दें, जहां हिजबुल्लाह ने हथियार जमा कर रखे हैं।

इस संघर्ष की शुरुआत हाल ही में लेबनान में हुए पेजर ब्लास्ट और वॉकी-टॉकी धमाके से हुई। धमाकों की आवाज अभी थमी भी नहीं थी कि इजरायली सेना ने हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हवाई हमले शुरू कर दिए। यह हमला इतना अचानक था कि हिजबुल्लाह पूरी तरह से बौखला गया। इसके बाद, रविवार और सोमवार को हिजबुल्लाह ने येरूशलम और इजरायल के उत्तरी हिस्सों पर कई घातक प्रहार किए। इन हमलों में भारी तबाही हुई, जिसमें इमारतें पूरी तरह से जलकर खाक हो गई है। इजरायली सेना के इन हमलों ने हिजबुल्लाह को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है। हिजबुल्लाह के कई शीर्ष कमांडर मारे गए हैं, और संगठन के पास अब हथियारों की भारी कमी हो रही है। इजरायल का कहना है कि यह हमला उसकी सुरक्षा के लिए आवश्यक था, क्योंकि हिजबुल्लाह लगातार इजरायल के नागरिकों और उसके सैनिकों पर हमले कर रहा था।

 इजरायली सेना द्वारा हिजबुल्लाह के ठिकानों पर किए गए भीषण हमलों ने आग में घी का काम किया है। इससे दोनों ही देशों में अस्थिरता फैल रही है और इसका प्रभाव व्यापक रूप से दिखाई दे रहा है। बात अगर दोनों देशों की हालातों की करें तो इस युद्ध का असर इजरायल और लेबनान दोनों देशों पर गहरा हो रहा है। इजरायल के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में लोग लगातार धमाकों की आवाज सुनकर भयभीत हैं। लोग अपने घरों में सुरक्षित रहने की कोशिश कर रहे हैं। सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है और लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजने में भी डर रहे हैं। व्यवसायिक गतिविधियां ठप पड़ी हैं और लोग केवल जरूरत की चीजें खरीदने के लिए ही बाहर निकल रहे हैं।

दूसरी ओर, लेबनान में भी हालात बदतर हो गए हैं। पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे इस देश में अब युद्ध के हालात पैदा हो गए हैं। हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमलों के बाद लेबनान के नागरिक भयभीत हैं और खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। हिजबुल्लाह के पलटवार से इजरायल को भी भारी नुकसान हुआ है, लेकिन इजरायल की सुरक्षा एजेंसियां चौबीसों घंटे काम कर रही हैं ताकि अपने नागरिकों को सुरक्षित रखा जा सके।

हिजबुल्लाह ने इजरायल के खिलाफ इस संघर्ष को जारी रखने का ऐलान किया है। संगठन का कहना है कि यह उसकी रक्षा की लड़ाई है और वह इजरायल को सबक सिखाकर रहेगा। हिजबुल्लाह के पास अभी भी कई मिसाइलें और ड्रोन हैं, जिन्हें वह किसी भी समय इजरायल पर दाग सकता है। यह स्थिति दोनों देशों के लिए बेहद खतरनाक है क्योंकि युद्ध की चिंगारी किसी भी समय और भड़क सकती है। हालांकि इस संघर्ष ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी चिंता में डाल दिया है। संयुक्त राष्ट्र और कई अन्य वैश्विक संस्थाएं दोनों पक्षों से शांति की अपील कर रही हैं। यूरोपीय संघ और अमेरिका ने भी इस युद्ध को तुरंत रोकने को कहा है, लेकिन अब तक कोई भी पक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं है, जिससे हालात और गंभीर होते जा रहे हैं।

यह समय है कि दोनों देश संवाद और समझौते के रास्ते पर चलें, ताकि निर्दोष नागरिकों की जानें बचाई जा सकें और क्षेत्र में स्थिरता लाई जा सके। अगर समय रहते इस टकराव को नहीं रोका गया, तो इसके परिणाम बेहद विनाशकारी हो सकते हैं।

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