नई दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला,जानें किस मंत्री को मिला कौन सा विभाग?
दिल्ली में नई सरकार के गठन के बाद मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने पास वित्त, प्रशासन, विजिलेंस और राजस्व जैसे प्रमुख विभाग रखे हैं, जबकि स्वास्थ्य विभाग डॉ. पंकज सिंह को दिया गया है। गृह और शिक्षा विभाग आशीष सूद के पास गया, जबकि PWD और जल विभाग प्रवेश साहिब सिंह वर्मा को सौंपे गए हैं।

दिल्ली में नई सरकार के गठन के बाद अब मंत्रियों के विभागों का बंटवारा हो चुका है। भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री बनीं रेखा गुप्ता के पास दिल्ली की सत्ता की कमान आ गई है। लेकिन, इस बार जो सबसे दिलचस्प बात देखने को मिली है, वह यह है कि शिक्षा और स्वास्थ्य को छोड़कर बाकी लगभग सभी महत्वपूर्ण विभाग खुद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने पास रखे हैं।
दिल्ली सरकार की कैबिनेट बैठक के बाद विभागों के वितरण की आधिकारिक घोषणा की गई। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी सूची के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी डॉ. पंकज कुमार सिंह को सौंपी गई है, जबकि कपिल मिश्रा को कानून और पर्यटन जैसे बड़े विभागों की जिम्मेदारी दी गई है। रेखा गुप्ता ने 20 फरवरी को रामलीला मैदान में आयोजित एक भव्य समारोह में दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
किस मंत्री को मिला कौन सा विभाग ?
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली की प्रशासनिक कमान अपने हाथों में रखी है। उन्हें वित्त विभाग, राजस्व विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, सेवाएं विभाग, लैंड एंड बिल्डिंग, पब्लिक रिलेशन, विजिलेंस और प्रशासनिक सुधार विभाग मिला है। वित्त विभाग: दिल्ली की आर्थिक नीतियों को नियंत्रित करने के लिए वित्त विभाग सबसे महत्वपूर्ण होता है। इसे खुद मुख्यमंत्री के पास रखना स्वाभाविक है ताकि सरकार के बजट, नई योजनाओं और संसाधनों का सही आवंटन किया जा सके। राजस्व विभाग: दिल्ली सरकार की आय का प्रबंधन सीधे मुख्यमंत्री के हाथ में होने से पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी। विजिलेंस विभाग: भ्रष्टाचार पर रोक लगाने और सरकारी तंत्र में पारदर्शिता लाने के लिए मुख्यमंत्री ने यह विभाग खुद के पास रखा है। सेवाएं विभाग: दिल्ली प्रशासन के विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की नियुक्ति और उनकी सेवाओं से संबंधित फैसले इसी विभाग के अंतर्गत आते हैं।
प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के कंधो पर दिल्ली के बुनियादी ढांचे को सुधारने की जिम्मेदारी है। उन्हें लोक निर्माण विभाग (PWD), विधायी मामलेयसिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, जल एवं गुरुद्वारा चुनाव मिला है। PWD: दिल्ली की सड़कों, फ्लाईओवर और अन्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए यह विभाग बेहद महत्वपूर्ण है। साहिब सिंह वर्मा के पास इस क्षेत्र का अनुभव है, इसलिए उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई। विधायी मामले: सरकार और विधानसभा के बीच समन्वय बनाए रखने के लिए यह विभाग महत्वपूर्ण होता है। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण: दिल्ली में यमुना के किनारे बाढ़ की समस्या को नियंत्रित करने और जल संसाधनों को सुधारने के लिए यह विभाग दिया गया है। गुरुद्वारा चुनाव: दिल्ली में सिख समुदाय का एक मजबूत आधार है और उनकी धार्मिक गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने के लिए यह विभाग साहिब सिंह वर्मा को दिया गया है। दिल्ली की आधारभूत संरचना और जल प्रबंधन पर जोर देने के लिए उन्हें यह जिम्मेदारी मिली है।
आशीष सूद को सुरक्षा और शिक्षा दोनों का जिम्मा सौंपा गया है, उन्हें गृह विभाग, ऊर्जा विभाग, शहरी विकास विभाग, शिक्षा एवं उच्च शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा और प्रशिक्षण गृह विभाग: दिल्ली में कानून-व्यवस्था को बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है, और आशीष सूद को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। ऊर्जा विभाग: दिल्ली में बिजली की आपूर्ति निर्बाध बनी रहे, इसके लिए यह विभाग बहुत जरूरी है। शहरी विकास: दिल्ली के स्लम इलाकों का सुधार और नए शहरी क्षेत्रों के विकास के लिए यह विभाग दिया गया है। शिक्षा विभाग: आम आदमी पार्टी के शासन में शिक्षा को खासा महत्व दिया गया था। भाजपा सरकार इस क्षेत्र में सुधार के लिए नई योजनाएं ला सकती है। तकनीकी शिक्षा: रोजगार को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी शिक्षा का विस्तार किया जाएगा।
मनजिंदर सिंह सिरसा को दिल्ली के उद्योग और पर्यावरण की देखभाल करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उद्योग विभाग, खाद्य आपूर्ति विभाग, वन एवं पर्यावरण विभाग और योजना विभाग मनजिंदर सिंह सिरसा संभालेंगे। उद्योग विभाग: दिल्ली के व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए यह विभाग महत्वपूर्ण है। खाद्य आपूर्ति: गरीबों और वंचित वर्गों तक उचित मूल्य पर खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए यह विभाग उनके पास दिया गया है। वन एवं पर्यावरण: दिल्ली की वायु गुणवत्ता सुधारने और पर्यावरण संरक्षण के लिए यह जिम्मेदारी मिली है। योजना विभाग: सरकार की नई योजनाओं की रणनीति बनाने के लिए यह विभाग उनके पास है।
रविंद्र इंद्रराज सिंह इनके उपर सामाजिक कल्याण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मिले हुए विभाग की बात करें तो इन्हें समाज कल्याण विभाग, एससी और एसटी कल्याण विभाग, सहकारिता विभाग मिले हैं। समाज कल्याण: गरीब और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए यह विभाग दिया गया है।एससी और एसटी कल्याण: दलित और आदिवासी समुदायों के लिए योजनाएं बनाने की जिम्मेदारी। सहकारिता विभाग: दिल्ली में सहकारी समितियों और छोटे व्यापारियों की मदद के लिए यह विभाग मिला है।
कपिल मिश्रा के कंधों पर न्याय और संस्कृति का जिम्मा सौंपा गई है। लॉ एंड जस्टिस (न्याय विभाग), श्रम एवं रोजगार विभाग, विकास विभा, कला एवं संस्कृति विभाग, भाषा और पर्यटन विभाग न्याय विभाग: कानूनी मामलों और न्यायिक सुधारों के लिए यह विभाग दिया गया है। श्रम और रोजगार: दिल्ली में बेरोजगारी दूर करने के लिए नई योजनाएं लाने का जिम्मा। कला और संस्कृति: दिल्ली की ऐतिहासिक धरोहरों को संजोने के लिए यह विभाग दिया गया है। पर्यटन विभाग: दिल्ली को एक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए यह विभाग मिला है।
डॉ. पंकज कुमार सिंह स्वास्थ्य और परिवहन की कमान उन्ही के हाथों में आ चुकी है। स्वास्थ्य विभाग, परिवहन विभाग, सूचना और तकनीकी विभाग। स्वास्थ्य विभाग: दिल्ली के अस्पतालों और मेडिकल सुविधाओं में सुधार के लिए यह विभाग मिला है। परिवहन विभाग: दिल्ली में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर बनाने के लिए यह जिम्मेदारी दी गई है। आईटी विभाग: डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा देने के लिए। नई कैबिनेट में विभागों का बंटवारा सोच-समझकर किया गया है। अब देखना यह होगा कि सरकार इन विभागों के जरिए जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतरती है!
रेखा गुप्ता के लिए सबसे बड़ी चुनौती क्या होगी?
रेखा गुप्ता दिल्ली की पहली महिला भाजपा मुख्यमंत्री बनी हैं और कुल मिलाकर चौथी महिला मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले दिल्ली में सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी मार्लेना मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। लेकिन बात करें चुनौतियों की तो रेखा गुप्ता के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं
शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार – आम आदमी पार्टी के शासन में शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर जनता की उम्मीदें काफी बढ़ गई थीं। ऐसे में अब भाजपा सरकार को इन क्षेत्रों में कुछ नया और ठोस करना होगा।
बिजली और पानी संकट का समाधान – दिल्ली में बिजली की आपूर्ति और जल संकट एक बड़ा मुद्दा रहा है।
यमुना प्रदूषण और ट्रैफिक जाम की समस्या – दिल्ली में यमुना की सफाई और ट्रैफिक सुधार के लिए ठोस योजनाएं बनानी होंगी।
भ्रष्टाचार पर नियंत्रण – दिल्ली सरकार में पारदर्शिता बनाए रखना और भ्रष्टाचार को रोकना नई सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।
भाजपा के लिए दिल्ली में मजबूत पकड़ बनाना – पिछले कई चुनावों में भाजपा को दिल्ली में संघर्ष करना पड़ा है। अब जबकि पार्टी की सरकार बनी है, तो उसे जनता का विश्वास बनाए रखना होगा।
क्या बदलेगी दिल्ली की राजनीति?
दिल्ली में अब भाजपा की सरकार है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में नई सरकार कौन-कौन से बड़े फैसले लेती है।
क्या दिल्ली में मुफ्त बिजली और पानी की योजनाएं जारी रहेंगी?
क्या दिल्ली के ट्रैफिक और यमुना प्रदूषण के मुद्दों का हल निकलेगा?
भाजपा सरकार का दिल्ली के विकास का नया मॉडल क्या होगा?
इन सवालों के जवाब जल्द ही जनता को मिलने वाले हैं। फिलहाल, दिल्ली सरकार की नई कैबिनेट अपने काम में जुट चुकी है और आगे आने वाले हफ्तों में कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं।