एअर इंडिया प्लेन क्रैश से पहले पायलट ने दिया था 3 बार सिग्नल, जानिए क्या होता है Mayday कॉल?
गुजरात के अहमदाबाद शहर से लंदन जा रही एयर इंडिया का विमान हादसे का शिकार हो गया. कुल 242 यात्रियों में से अब तक 204 के मौत की पुष्टि हो चुकी है. इस हादसे से पहले पायलट ने 'Mayday' कॉल का इस्तेमाल किया था. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि यह 'Mayday' सिग्नल क्या होता है और इसका इस्तेमाल कब किया जाता है?

गुजरात के अहमदाबाद शहर से लंदन जा रही एयर इंडिया का A117 विमान टेकऑफ होते ही क्रैश हो गया. यह प्लेन उड़ान भरते ही कुछ ही मिनटों में हादसे का शिकार हो गया. इस विमान में 12 क्रू मेंबर्स, 2 पायलट सहित कुल 242 लोग सवार थे. अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर के मुताबिक अब तक 204 लोगों की मौत हो चुकी है. बाकी अन्य घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है. घटनास्थल के चारों तरफ सिर्फ मलबा ही मलबा दिखाई दे रहा है. इस हादसे ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया. वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पायलट ने प्लेन के टेकऑफ के तुरंत बाद 'Mayday' कॉल दी थी. इस कॉल के बाद प्लेन बीजी मेडिकल कॉलेज से टकराते हुए एक हॉस्टल में भी टकराया. उसके बाद धुएं का गुबार उठा और चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई. ऐसे में हर कोई जानना चाह रहा है कि यह 'Mayday' सिग्नल क्या होता है? इसका इस्तेमाल कब और कैसे किया जाता है?
क्या होता है 'Mayday' सिग्नल?
बता दें कि 'Mayday' इंटरनेशनल लेवल पर एक मान्यता प्राप्त आपातकालीन सिग्नल है. इसका इस्तेमाल तब किया जाता है, जब कोई भी विमान दुर्घटना की स्थिति में होती है और पायलट को तुरंत मदद की जरूरत होती है. अधिकतर मामलों में स्थिति जब जानलेवा होती है, तभी इस सिग्नल का इस्तेमाल पायलट के द्वारा किया जाता है. इस सिग्नल का इस्तेमाल पायलट कुछ इस तरह करता है. जैसे - विमान में किसी गंभीर संकट या जानलेवा स्थिति में कॉल के जरिए 'Mayday, Mayday, Mayday' कहा जाता है, इसका मतलब होता है कि विमान का इंजन फेल है, सिग्नल में खराबी है, या फिर कोई अन्य तकनीकी खराबी आ गई है. इसके अलावा और भी कई अन्य कारण हो सकते हैं.
कहां से हुई इस शब्द की शुरुआत?
'Mayday' शब्द की शुरुआत साल 1920 में हुई थी. उस दौरान लंदन के क्रायॅडन एयरपोर्ट पर तत्कालीन रेडियो अधिकारी फ्रेडरिक स्टैनली मॉकफोर्ड ने फ्रेंच शब्द Maider से प्रभावित होकर इस शब्द को बनाया था, ताकि इंग्लैंड और फ्रांस में हवाई यात्रा के दौरान इसे अच्छे से समझा जा सके. साल 1927 में ऑफिशियल तौर पर इस शब्द का इस्तेमाल एविएशन सिस्टम में वैश्विक रूप से किया जाने लगा.
'Mayday' सिग्नल कैसे करता है काम?
जब कोई पायलट इस शब्द का इस्तेमाल करता है, तो उस दौरान एयर ट्रैफिक कंट्रोल इसी कॉल को प्राथमिकता देता है बाकी गैर- जरूरी रेडियो कम्युनिकेशन बंद हो जाते हैं. दरअसल, पायलट विमान की आपातकालीन स्थिति में कोई भी समस्या आने पर इसका इस्तेमाल करता है. इसमें यात्रियों से लेकर, उड़ान के दौरान प्राकृतिक समस्या या फिर कोई और जरूरी मदद की मांग के लिए होता है. इस कॉल के बाद रेस्क्यू और इमरजेंसी की सारी टीमें एक्टिव हो जाती हैं.
अहमदाबाद विमान हादसे में अब तक 204 की मौत
गुजरात के अहमदाबाद शहर से लंदन के लिए उड़ान भर रही एयर इंडिया की फ्लाइट A171 12 जून को 1 बजकर 39 मिनट पर दुर्घटना का शिकार हो गई. इस दौरान पायलट ने 3 बार 'Mayday' कॉल का सिग्नल दिया. क्योंकि विमान के उड़ान भरते ही कोई गंभीर तकनीकी खराबी या सिस्टम फेल हो गया. विमान के पायलट ने इमरजेंसी सिग्नल का इस्तेमाल किया. उसके बाद विमान अपनी रडार से गायब होते ही मेघानी नगर के रिहायशी इलाके में क्रैश हो गया. अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर की रिपोर्ट के मुताबिक, विमान में सवार 242 यात्रियों में से अब तक 204 यात्रियों की मौत हुई है.
Air india Plane के पायलट ने भी किया 'Mayday' कॉल का इस्तेमाल
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अहमदाबाद में Air India Plane के टेकऑफ के बाद पायलट ने 'Mayday' कॉल दिया था. अगर कहा जाए, तो यह मोटे तौर किसी भी फ्लाइट का आपातकालीन सिग्नल होता है. किसी भी विमान का पायलट आपातकालीन स्थिति में 3 बार 'Mayday' का सिग्नल देता है. इस कॉल के बाद ATC से संपर्क टूटा और विमान हादसे का शिकार हो गया.