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मायावती का रौद्र रूप देख ,थर थर कांपे IPS अधिकारी

बसपा प्रमुख मायावती ने सीएम रहते हुए अपने मिजाज़ को बहुत कड़क रखा ,उनके सख्त रवैये के चलते अच्छे -अच्छे अधिकारी उनसे काँप जाते थे ,2 जून 1995 का वो दिन गेस्ट हाउस कांड जिसके बाद मायावती और मुलायम सिंह अलग हो गए दोनों में इतनी दूरी हो गयी की दोनों एक दूसरे को देखना भी पसंद ना करे ,वही लखनऊ के गेस्ट हाउस में उनके ऊपर जानलेवा हमला किया गया ,इसी दौरान एक आईपीएस अफसर बहुत चर्चा में रहे। जिस दिन मायावती पर हमला हुआ उसी दिन आईपीएस अधिकारी ओ पी सिंह लखनऊ एसएसपी बनकर आए थे ,जिनकी भूमिका पर बहुत सवाल उठे थे ,उनके पर बहुत सवाल उठे थे ,और स्टेट गेस्ट हाउस कांड में उन्हें निलंबित भी कर दिया था।

Created By: NMF News
01 Sep, 2024
( Updated: 01 Sep, 2024
06:39 PM )
मायावती का रौद्र रूप देख ,थर थर कांपे IPS अधिकारी

बसपा प्रमुख मायावती ने  सीएम रहते हुए अपने मिजाज़ को बहुत कड़क रखा ,उनके सख्त रवैये के चलते अच्छे -अच्छे अधिकारी उनसे काँप जाते थे ,2 जून 1995 का वो  दिन गेस्ट हाउस कांड जिसके बाद मायावती और  मुलायम सिंह अलग हो गए दोनों में इतनी दूरी हो गयी की दोनों एक दूसरे को देखना भी पसंद ना करे ,वही लखनऊ के गेस्ट हाउस में उनके ऊपर जानलेवा हमला किया गया ,इसी दौरान एक IPS अफसर बहुत चर्चा में रहे। जिस दिन मायावती पर हमला हुआ उसी दिन IPS धिकारी ओ पी सिंह लखनऊ एसएसपी बनकर आए थे ,जिनकी भूमिका पर  बहुत सवाल उठे थे ,उनके  पर बहुत सवाल उठे थे ,और स्टेट गेस्ट हाउस कांड में उन्हें निलंबित भी कर दिया था। 

ओ पी सिंह स्टेट गेस्ट हाउस कांड में 150 दिन तक निलंबित रहे 150 दिन के बाद उनकी बहाली हुई ,बहाली के बाद वो  AAZAMGADH  के DIG बने लेकिन जो उन पर सवाल खड़े किये गए उनकी छवि ख़राब की गई उसको लेकर वो मायावती से मिलना चाहते थे ,ओ पी सिंह का मानना था  और ये सवाल  था की सही काम करने की सजा निलंबित क्यों ,इसलिए वो मायावती से मिलना चाहते थे ,निलंबन के 3 साल बाद  AAZAMGADH   के ओ पी सिंह ने मायावती के सहायक से बात की और बहन जी से मिलने की इच्छा जताई उस समय मायावती मुख्यमंत्री नहीं थी फिर भी ओ पी सिंह  से मिलकर सारी बातें बताना चाहते थे अपने मन की बात बोलना चाहते थे ,उस समय ओ पी सिंह आजमगढ़ के DIG थे ,मायावती के सहायक से ओ पी सिंह ने कहा मेडम से कहना AAZAMGADH  के DIG आपसे मिलना चाहते है और कहना ये वही DIG है जो गेस्ट हाउस कांड के समय लखनऊ एसएसपी थे, ताकि उन्हें ये ना पूछना पड़े की कौन DIG  ,मायावती ने ओ पी सिंह से मिलने का समय दे दिया ,ओ पी सिंह मायावती से मिलने गए तब उनके पास कोई बैठा था ,उन्होंने उसे  वहां से जाने के लिए कहा और मायावती ने ओ पी सिंह से बातचीत की।


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मायावती से ओ पी सिंह ने स्टेट गेस्ट हाउस कांड की बात की  और कहा बहन जी मैं आपसे मिलना चाहता था बहुत समय से आपको ये बताया गया की मैं मुलायम सिंह का आदमी. हूँ  उनके लिए काम करता हूँ ,पर मैं किसी के लिए काम नहीं करता मैं निष्पक्ष काम करता हूँ ,आपको इस तरह की बात बताई गई  की मैं एंटी पार्टी हूँ ,महेंद्र फौजी एनकाउंटर और दलितों की हत्याएँ  सभी के बारे में ओ पी सिंह ने बताया ,गेस्ट हाउस कांड की एक एक बात बताते हुए ओ पी सिंह बोलते है इस पूरे मामले में सारे अफसर एक साथ थे और मैं अकेला ,मैंने  ऐसा कौन सा काम किया जो विधि के विरुद्ध  था ,और और इस बात को मायावती ने माना ,ओ पी सिंह बताते है मैं जब मायावती से बात कर रहा था तब मैं थर -थर  कांप रहा था ,मैंने   पूछा क्या सही काम करने की यही सजा है मेरी आवाज़ कांपने लगी ,मैंने  खुद को संभाला और आँखे झुका ली ,मायावती ने कोई जवाब नहीं दिया और मैं चुपचाप रहा वो कुछ नहीं बोली  ,ओ पी सिंह ने कहा मेडम मुझे क्यों निलंबित किया मैं गैर राजनीतिक अधिकारी हूँ ,मेरा पुराना रिकॉर्ड उठाकर आप देख लीजिये , उन्होंने कहा मुझे उनसे कोई उत्तर नहीं चाहिए था ,बस मन में जो था वो बोलना था ,हालांकि  मायावती ने ओ पी सिंह की सभी बातों को माना ,ओ पी सिंह मूल रूप से बिहार के गया के रहने वाले है और  पुलिस में अपनी 37 साल की सेवा देने के बाद जनवरी 2020 में रिटायर हो गए। 


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