Advertisement

नीतीश-तेजस्वी से पहले महिलाओं ने ही प्रशांत किशोर के फ़ैसले का कर दिया विरोध

पार्टी बनाने के बाद प्रशांत किशोर ने सरकार बनाए के बाद बिहार में शरब्बंदी क़ानून को हटाने की बात कही लेकिन उनकी इस घोषणा को लेकर महिलाओं ने अपना समर्थन नहीं दिया जबकि प्रशांत किशोर का मानना है कि अगर शराबबंदी को हटा देंगे तो राज्य का राजस्व बढ़ेगा और अवैध रूप से हो रही तस्करी भी बंद होगी।

03 Oct, 2024
( Updated: 05 Dec, 2025
02:36 PM )
नीतीश-तेजस्वी से पहले महिलाओं ने ही प्रशांत किशोर के फ़ैसले का कर दिया विरोध
बिहार में अगले वर्ष विधानसभा का चुनाव होना है। राज्य में लंबे समय से नीतीश कुमार अलग-अलग दलों के साथ समझौता कर सत्ता की कुर्सी बैठे है तो वही दूसरी तरफ़ ललौ यादव की पार्टी मज़बूती से विपक्ष की भूमिका बिहार में निभा रही है। इन सबके बीच विधानसभा चुनाव से पहले अब राज्य में एक नए राजनीति दल की एंट्री हो चुकी है। हम बात कर रहे है लंबे समय से जन सुराज पदयात्रा करके जन-जन तक पहुंचने वाले प्रशांत किशोर की। जिन्होंने 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी के जयंती के मौक़े पर अपनी पार्टी के एलान कर बिहार को नई दिशा देने का वादा किया है। पार्टी बनाने के बाद प्रशांत किशोर ने सरकार बनाए के बाद बिहार में शरब्बंदी क़ानून को हटाने की बात कही लेकिन उनकी इस घोषणा को लेकर महिलाओं ने अपना समर्थन नहीं दिया जबकि प्रशांत किशोर का मानना है कि अगर शराबबंदी को हटा देंगे तो राज्य का राजस्व बढ़ेगा और अवैध रूप से हो रही तस्करी भी बंद होगी। 

दरअसल, बुधवार को बिहार की राजधानी पटना के वेटनरी कॉलेज ग्राउंड में प्रशांत किशोर ने एक सभा को संबोधित करते हुए अपनी नई पार्टी का एलान किया। इस सभा में शामिल होने के लिए प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से महिलाएं भी पहुंचीं थीं। इस बीच महिलाओं से पत्रकारों ने बातचीत करते हुए प्रशांत कोशिर द्वारा सरकार बनते ही एक घंटे के अंदर शराबबंदी क़ानून को हटाए जाने को लेकर जब सवाल किया तो महिलाओं इसके ख़िलाफ़ हो गई। इस मामले में वहाँ मौजूद ज़्यादातर महिलाएँ नीतीश कुमार के शराबबंदी वाले फ़ैसले के समर्थन में उतर आई। हालाँकि इससे पहले महिलाओं ने सीएम नीतीश कुमार की सरकार में भ्रष्टाचार ज्यादा होने और बिहार में बदलाव करने की बात कही लेकिन जैसे ही बात शराब पर आई तो पलट गई और महिलाओं ने साफ़तौर पर यह कहा की बिहार में शराबबंदी को ख़त्म नहीं होने देंगे। 


शराबबंदी ख़त्म करने का नीति पीके पर पड़ सकती है भारी 

चुनाव चाहे किसी भी राज्य का हो लेकिन जब बात वोट बैंक की आती है तो कोई भी राजनीतिक दल महिलाओं को नज़रंदाज़ नहीं करता क्योंकि इन वोट सभी पार्टियों के लिए और सरकार के गठन में काफ़ी मायने रखता है। ऐसे में सभा में पहुंची कुछ महिलाओं ने ये तो माना की शराबबंदी होने के बावजूद बिहार में धरल्ले से शराब मिल जाती है लेकिन लोगों में शराबबंदी को लेकर एक डर बना हुआ है। ऐसे में अगर अगर बिहार में शराब पूरी तरह चालू हो जाएगी तो फिर से महिलाओं का घर बर्बाद होना जाएगा, इसलिए शराबबंदी को ख़त्म नहीं होने देंगे।


ग़ौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुरू से ही महिला वोटबैंक को साधने के लिए महिलाओं की माँग को माना था और राज्य में शराबबंदी का एलान किया था। यही वजह है की महिला वोट बैंक किसी भी दल से नाराज़ न हो इसलिए कोई भी पार्टी राज्य में फिर से शराब की दुकानों को खोलने या फिर शराबबंदी क़ानून को ख़त्म करने की बात नहीं करती। जबकि बिहार में पिछले लगभग दो सालों से पदयात्रा करते हुए शराबबंदी ख़त्म करने को लेकर लगातार मुखर रहे है ।

यह भी पढ़ें

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें