अंकिता भंडारी मर्डर केस में तीनों आरोपी दोषी करार, सभी को उम्र कैद की सजा, 97 गवाह, 500 पेज की चार्जशीट, लंबा चला संघर्ष
उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) की अदालत ने फैसला सुना दिया है. इस मामले के तीनों आरोपियों को दोषी करार दे दिया गया है. करीब तीन साल चले लंबे संघर्ष में 97 गवाह, 500 पेज की चार्जशीट दाखिल की गई. अब सजा का ऐलान बाकी है.

उत्तराखंड के तीन साल पुराने बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में आखिरकार फैसला आ ही गया. कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) की अदालत ने फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों- पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
इस हत्याकांड में संलिप्त पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को 302, 201, 354 के तहत दोषी करार दिया गया है.
कोर्ट ने हत्याकांड में शामिल मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पर 302, 201, 354ए और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत आरोप तय किए. वहीं, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को आईपीसी की धारा 302, 201 और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत दोषी करार दिया गया.
दो साल आठ महीने तक इस पूरे मामले की सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट में कुल 47 गवाह पेश किए गए. 19 मई को ही इस पूरे मामले की सुनवाई पूरी हुई थी, जिसके बाद कोर्ट ने सजा सुनाने के लिए 30 मई की तारीख निर्धारित की थी.
पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए केस की सुनवाई के दौरान सुरक्षा के मद्देनज़र कोर्ट परिसर के 200 मीटर के दायरे को पुलिस ने सील कर दिया. सिर्फ वकील, केस से जुड़े पक्ष और जरूरी स्टाफ को ही अंदर जाने की अनुमति थी.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल यह पूरा मामला 19 वर्षीय अंकिता भंडारी की 18 सितंबर 2022 को ऋषिकेश के वंतारा रिसॉर्ट में हुई संदिग्ध परिस्थितियों में हत्या का है. इस पूरे घटनाक्रम ने पूरे देश का ध्यान खींचा. इस केस में न केवल महिलाओं की सुरक्षा और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे, बल्कि कार्यक्षेत्र में VIP को ‘एक्सट्रा सर्विस’ या ट्रीटमेंट देने के दबाव को लेकर सवाल उठे.
कौन थी अंकिता भंडारी?
अंकिता भंडारी, पौड़ी जिले की रहने वाली एक युवती, वंतारा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में कार्यरत थीं. अभियोजन पक्ष के अनुसार, रिसॉर्ट मालिक पुलकित आर्य ने अंकिता पर 'अतिरिक्त सेवाएं' (यौन सेवाएं) प्रदान करने का दबाव डाला, जिसे अंकिता ने अस्वीकार कर दिया. इसी बात को लेकर उनके बीच विवाद हुआ. 18 सितंबर 2022 को पुलकित आर्य ने अपने दो सहयोगियों—सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता—के साथ मिलकर कथित तौर पर अंकिता की हत्या कर दी और उनके शव को चीला नहर में फेंक दिया. करीब एक सप्ताह बाद अंकिता का शव नहर से बरामद हुआ. भाजपा के पूर्व नेता का पुत्र आर्य और दो अन्य आरोपी-अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर इस समय जेल में बंद हैं.
मुख्य गवाह विवेक आर्य ने कोर्ट में खुलासा किया कि अंकिता ने उन्हें फोन पर बताया था कि रिसॉर्ट मैनेजर सौरभ भास्कर ने उनके साथ कई बार बलात्कार की कोशिश की थी, और पुलकित आर्य भी उनका शारीरिक शोषण करता था. इस मामले में 500 पेज की चार्जशीट दाखिल की गई, जिसमें 97 गवाह नामित किए गए, और अभियोजन पक्ष ने 47 गवाहों को अदालत में पेश किया.
तीनों आरोपी दोषी करार
तीनों आरोपियों—पुलकित आर्य पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाना), और अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम के तहत आरोप तय किए गए. इसके अतिरिक्त, पुलकित आर्य पर धारा 354A (छेड़छाड़ और लज्जा भंग) के तहत भी आरोप लगाए गए. वहीं सौरभ भास्कर, और अंकित गुप्ता भी इसी तरह की धाराओं में आरोपी बनाए गए.
विशेष जांच दल (SIT) ने मामले की गहन जांच की और डिजिटल साक्ष्य, जैसे सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल डेटा, और व्हाट्सएप चैट, को सबूत के रूप में पेश किया.
सुनवाई 28 मार्च 2023 से शुरू हुई और लगभग दो साल आठ महीने तक चली. अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता अवनीश नेगी और अनुज पुंडीर ने कोर्ट में दलील दी कि अभियोजन ने मामले को पूरी तरह साबित कर दिया है और आरोपियों को कठोरतम सजा दी जानी चाहिए. दूसरी ओर, बचाव पक्ष ने अपनी दलीलों में साक्ष्यों की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए. अंकिता के पिता, वीरेंद्र सिंह भंडारी, ने भावुक अपील करते हुए कहा, "मेरे जीते जी मेरी बेटी के हत्यारों को फांसी मिले.