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बेरोजगारी पर बड़ा प्रहार, युवाओं को मिलेगी तुरंत नौकरी, योगी सरकार शुरू करेगी जिला-स्तरीय रोजगार मेले

CM Yogi: प्रत्येक जिले में मासिक सेवायोजन अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें युवाओं को सीधे विभिन्न कंपनियों और नियोक्ताओं से जोड़ा जाता है. इससे भर्ती प्रक्रिया न केवल पारदर्शी होती है बल्कि युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही बेहतर अवसर मिल जाते हैं.

02 Dec, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
10:05 AM )
बेरोजगारी पर बड़ा प्रहार, युवाओं को मिलेगी तुरंत नौकरी, योगी सरकार शुरू करेगी जिला-स्तरीय रोजगार मेले
Image Source: Social Media

UP Rojgaar Mela: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में बेरोजगारी की समस्या को जड़ से खत्म करने के उद्देश्य के साथ एक बड़ा फैसला लिया है. सरकार अब प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बड़े पैमाने पर रोजगार मेले आयोजित करने जा रही है, जिनका सीधा फायदा बेरोजगार युवाओं को मिलेगा. इन रोजगार मेलों की सबसे खास बात यह है कि यहां युवाओं को मौके पर ही नौकरी के लिए चयनित कर नियुक्ति-पत्र प्रदान किए जाएंगे. सरकार का मानना है कि ऐसी पहल न केवल रोजगार पाने की प्रक्रिया को सरल बनाएगी, बल्कि युवाओं में विश्वास भी बढ़ाएगी कि उन्हें अपने ही जिले में बेहतर अवसर मिल सकते हैं. राज्य सरकार का स्पष्ट इरादा है कि इन रोजगार मेलों के माध्यम से प्रदेश की बेरोजगारी को काफी हद तक कम किया जाए और युवा अपने पैरों पर मजबूती से खड़े हो सकें.


चार महत्वपूर्ण जिलों में जल्द शुरू होंगे रोजगार मेले


सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, उत्तर प्रदेश के चार प्रमुख जिलों- गोरखपुर, झांसी, वाराणसी और मुजफ्फरनगर में जल्द ही रोजगार मेले आयोजित किए जाएंगे. इन जिलों में उद्योगों और कंपनियों की अच्छी मौजूदगी के कारण बेहतर रोजगार अवसर उपलब्ध करवाए जा सकते हैं. साथ ही राजधानी लखनऊ में भी निकट भविष्य में रोजगार मेला आयोजित करने की योजना है, जहाँ पहले भी रोजगार महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन सफलतापूर्वक हो चुके हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट लक्ष्य है कि प्रदेश के हर युवा को उसके कौशल के अनुसार रोजगार मिले और किसी भी जिले में बेरोजगारों की संख्या लगातार न बढ़े. इसी उद्देश्य से राज्य सरकार एक संगठित, योजनाबद्ध और तेज़ गति से रोजगार अभियान चला रही है.

कौशल विकास से लेकर सीधी नौकरी तक - सरकार का व्यापक प्रयास


सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि वर्ष 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से अब तक राज्य में रोजगार के क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार हुआ है.स्किल इंडिया मिशन और दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के माध्यम से अब तक 5.66 लाख से अधिक युवाओंविशेषकर आईटीआई और पॉलिटेक्निक प्रशिक्षित युवाओं को नौकरी मिल चुकी है. प्रदेश के 2,800 से अधिक प्रशिक्षण केंद्र युवाओं को उद्योगों की ज़रूरतों के अनुसार तैयार कर रहे हैं। इससे न केवल युवाओं के कौशल में सुधार आया है बल्कि प्रदेश की बेरोजगारी दर में भी उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है.
इसके अतिरिक्त, 1,747 सक्रिय प्रशिक्षण साझेदार प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण उपलब्ध कराने का कार्य कर रहे हैं। इनक्यूबेशन सेंटरों में डिजिटल मार्केटिंग, इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य उभरते क्षेत्रों में प्रशिक्षण देकर युवाओं को भविष्य की मांगों के अनुरूप तैयार किया जा रहा है.


उद्यमिता को बढ़ावा और हर जिले में सेवायोजन अभियान


युवाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेजों में स्थापित स्टार्टअप इंक्यूबेटर्स नई ऊर्जा का संचार कर रहे हैं. इन इंक्यूबेटर्स ने ग्रामीण युवाओं से लेकर महिलाओं, ओबीसी और एससी/एसटी समुदाय के युवाओं तक को बिजनेस शुरू करने और आगे बढ़ाने में मदद की है. यह प्रयास राज्य में उद्यमिता संस्कृति को मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल साबित हो रहा है.

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इसके साथ ही, प्रत्येक जिले में मासिक सेवायोजन अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें युवाओं को सीधे विभिन्न कंपनियों और नियोक्ताओं से जोड़ा जाता है. इससे भर्ती प्रक्रिया न केवल पारदर्शी होती है बल्कि युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही बेहतर अवसर मिल जाते हैं. सरकार का मानना है कि ऐसे प्रयास लंबे समय में राज्य को आत्मनिर्भर और रोजगार समृद्ध प्रदेश बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.

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