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मुर्शिदाबाद हिंसा की जांच करेगी 9 सदस्यीय SIT, सीएम ममता ने BJP पर लगाया था साजिश का आरोप

मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन कानून के विरोध में हुई हिंसा के मामले में जांच के लिए 9 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है. मुर्शिदाबाद रेंज के डीआईजी के नेतृत्व में 9 सदस्यीय टीम जिले के जंगीपुर और समसेरगंज समेत अन्य हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा कर अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे.

17 Apr, 2025
( Updated: 17 Apr, 2025
01:00 PM )
मुर्शिदाबाद हिंसा की जांच करेगी 9 सदस्यीय SIT, सीएम ममता ने BJP पर लगाया था साजिश का आरोप
पश्चिम बंगाल जिले के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन कानून के विरोध में हुई हिंसा के मामले में जांच के लिए 9 सदस्य  एसआईटी का गठन किया गया है. मुर्शिदाबाद रेंज के डीआईजी के नेतृत्व में 9  सदस्यीय टीम जिले के जंगीपुर और समसेरगंज समेत अन्य हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा कर अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे. बता दें हिंसा की एसआईटी जांच करने का फैसला ऐसे समय में हुआ है जब सूबे की मुखिया ममता बनर्जी ने बुधवार को मौलवियों के साथ बातचीत करते हुए मुर्शिदाबाद हिंसा को 'पूर्व नियोजित और भाजपा की बड़ी साजिश' करार दिया था. वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी मुर्शिदाबाद जिले में हिंसा के दौरान महिलाओं के साथ हुए उत्पीड़न और छेड़छाड़ की जांच को लेकर एक समिति का गठन किया है. 


 

हिंसा की एसआईटी जांच वाली टीम की अध्यक्षता डीआईजी मुर्शिदाबाद रेंज करेंगे, इस टीम में एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (खुफिया शाखा), दो उपाधीक्षक - एक काउंटर इंसर्जेंसी फोर्स (सीआईएफ) से और दूसरा आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) से - पांच निरीक्षक (सीआईडी से चार और ट्रैफिक पुलिस से एक सहित), और सुंदरबन पुलिस जिले के तहत साइबर अपराध पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी शामिल हैं। जो हिंसा की जांच अनेक पहलुओं से करेंगे. हिंसा को एसआईटी टीम की जांच रिपोर्ट केंद्रीय मंत्रालय को सौंपी जाएगी. 


कैसे शुरू हुई थी मुर्शिदाबाद में हिंसा

दरअसल, मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून को लेकर दो बार विरोध प्रदर्शन हुआ. पहला प्रदर्शन मंगलवार 8 अप्रैल को हुआ, जब कुछ प्रदर्शनकरियों ने जिले से लगे नेशनल हाईवे 12 को जाम करने की कोशिश की, इस दौरान जब पुलिस ने उन्हें रोकने की प्रयास किया तो प्रदर्शनकरियों और पुलिस के बीच झड़प हुई.  इसके बाद दूसरा प्रदर्शन 11 अप्रैल शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुआ. जब बड़ी संख्या में प्रदर्शनकरियों ने हल्ला बोल किया.  इस दरम्यान स्थिति तब बिगड़ी जब पुलिस टीम पर पथराव और आगजनी की शुरुआत हुई. इस घटना में कई पुलिसकर्मी भी गंभीर रूप से घायल हुए. हिंसा के दौरान शनिवार को  एक हिन्दू परिवार के पिता पुत्र की हत्या तक हो गई. जंगीपुर के बेडबुना गांव में प्रदर्शनकरियों की भारी भीड़ ने 120 घरों में कथित रूप से आगजनी के साथ लूट की घटना को अंजाम दिया. हालांकि जिला प्रशासन ने पीड़ितों के घरों को पुननिर्माण का आश्वासन दिया है. 



हिंसा प्रभावित क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल

मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा के बाद क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से सीमा सुरक्षा बल की 9 कंपनियों को तैनात किया गया है. वही इस मामले में पुलिस ने चिन्हित करते हुए अभी तक लगभग 150 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है. संवेदनशील इलाकों पर लगातार निगरानी रखी जा रही है. कुछ इलाकों में इंटरनेट की सेवाएं पूरी तरीके से बंद कर दी गई है ताकि किसी भी तरह की अफवाह न फैलाई जा सके. 


बताते चले कि मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बीजेपी आमने-सामने है.  देशभर के बीजेपी के तमाम नेता इस हिंसा की सीधा जिम्मेदार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ठहरा रहे है. वहीं ममता बनर्जी ने बुधवार को खुले तौर पर कह दिया कि इस हिंसा के पीछे भारतीय जनता पार्टी के भेजे गए लोगों की साजिश है. ममता ने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल में रामनवमी के मौके पर माहौल बिगड़ने की कोशिश की गई थी लेकिन क्षेत्रीय लोगों की सूझबूझ के चलते ऐसा नहीं हुआ लेकिन अब जब वक्फ कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा था तो साजिशकर्ताओं की साजिश कामयाब हुई जो हिंसा का रूप ली.

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