AXIOM-4 मिशन से लौटे शुभांशु शुक्ला, भावुक हुए माता-पिता बोले- बच्चे को देखकर ख़ुशी हो रही है
भारतीय वायुसेना ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला AXIOM-4 मिशन से 18 दिन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर बिताकर तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों संग सफलतापूर्वक धरती पर लौटे. स्पेसएक्स के ड्रैगन ग्रेस यान ने कैलिफोर्निया के सैन डिएगो तट पर मंगलवार को लैंड किया. इस मौक़े पर मां आशा शुक्ला ने भावुक होकर कहा, "ईश्वर ने वहां पहुंचाया था और सुरक्षित वापस भी लाया." वही प्रधानमंत्री मोदी ने भी शुभकामनाएं दीं और इसे "गगनयान की दिशा में मील का पत्थर" बताया.
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भारतीय अंतरिक्ष इतिहास में 2025 का यह क्षण सदियों तक याद रखा जाएगा, जब IAF ग्रुप कैप्टन और भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर जाने वाले यात्री शुभांशु शुक्ला AXIOM-4 मिशन से सफलतापूर्वक धरती पर लौटे. अमेरिका के दक्षिणी कैलिफोर्निया के सैन डिएगो तट पर मंगलवार को जैसे ही ड्रैगन 'ग्रेस' अंतरिक्ष यान ने पानी की सतह को छुआ, तो यह सिर्फ एक तकनीकी प्रक्रिया नहीं थी, बल्कि वह गर्व और विज्ञान की ऊंचाइयों का प्रतीक बन गई जो भारत ने हाल के वर्षों में हासिल की है. इस यान में शुभांशु के साथ तीन और यात्री मौजूद थे. अंतरिक्ष मिशन की कमांडर पैगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोज और हंगरी के टिबोर कापू. शुभांशु शुक्ला के वापस लौटने पर उनके परिवार के साथ-साथ पूरा देश ख़ुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है.
#WATCH | Group Captain Shubhanshu Shukla and Axiom-4 crew assisted out of the Dragon Spacecraft onto the recovery vehicle, after their return to the earth from the International Space Station 18 days later#AxiomMission4
— ANI (@ANI) July 15, 2025
(Video Source: Axiom Space/ YouTube) pic.twitter.com/f57N8K2qCa
22.5 घंटे की अंतरिक्ष यात्रा के बाद ऐतिहासिक वापसी
AXIOM-4 मिशन के तहत चारों अंतरिक्ष यात्री लगभग 18 दिन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर रहे, जहां उन्होंने कई प्रयोगों, प्रशिक्षण और वैज्ञानिक अध्ययनों में भाग लिया. मंगलवार शाम 3:45 बजे (भारतीय समयानुसार) उनका अंतरिक्ष यान ISS से अलग हुआ और लगभग 22.5 घंटे की यात्रा के बाद धरती पर सफल लैंडिंग हुई. यह सफर जितना रोमांचक था, उतना ही वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भी, क्योंकि इस मिशन ने निजी और सरकारी अंतरिक्ष अभियानों के सहयोग की नई मिसाल पेश की है.
#WATCH लखनऊ: IAF ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की मां आशा शुक्ला ने कहा, "मैं इस चीज को शब्दों में बयान नहीं कर सकती हूं। जब लैंड हो रहा था तब बस थोड़ा डर लगा था लेकिन सब अच्छे से हो गया है ईश्वर साथ में हैं, उन्होंने उसे वहां पहुंचाया था और उन्होंने ही उसे… pic.twitter.com/PryZw931vk
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 15, 2025
मां की आंखों में खुशी
शुभांशु शुक्ला की घर वापसी का पल सिर्फ वैज्ञानिक सफलता भर नहीं था, वह एक मां के इंतजार की भी परिणति था. उनकी मां आशा शुक्ला ने मीडिया से बातचीत में अपने भावों को शब्दों में पिरोने की कोशिश की, लेकिन मां का भावुक हृदय बार-बार भर आया. उन्होंने कहा, "मैं इस चीज को शब्दों में बयान नहीं कर सकती हूं. जब लैंड हो रहा था तब बस थोड़ा डर लगा था लेकिन सब अच्छे से हो गया है. ईश्वर साथ में हैं, उन्होंने उसे वहां पहुंचाया था और उन्होंने ही उसे सुरक्षित लैंड कराया है." वही शुभांशु की बहन शुचि मिश्रा ने भी पूरे परिवार की ओर से गर्व जताते हुए कहा, "वो वापस आ गए हैं. यह पूरे देश के लिए बहुत गौरव का क्षण है. हम बहुत उत्साहित हैं." यह सिर्फ एक परिवार की भावनाएं नहीं थीं, बल्कि पूरे भारत की आशाएं और गर्व की गूंज भी. अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के पिता शंभू दयाल शुक्ला ने कहा, "ये भावुक पल है, बच्चे को देखकर बहुत अच्छा लगा रहा है. उसकी यात्रा अच्छी रही और हमारी बात होती रहती थी। ईश्वर को बहुत-बहुत धन्यवाद उसका मिशन पूरा हुआ। हम सभी देशवासियों का भी धन्यवाद करते हैं, हम उसका बहुत अच्छे तरीके से स्वागत करेंगे.
#WATCH | एक्सिओम-4 मिशन | लखनऊ, उत्तर प्रदेश: ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के परिवार ने उनके और ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर सवार एक्सिओम-4 चालक दल द्वारा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 18 दिनों के प्रवास के बाद पृथ्वी पर लौटने पर जश्न मनाया। pic.twitter.com/iyTbh1bWvR
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 15, 2025
प्रधानमंत्री मोदी ने दी शुभकामनाएं
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी AXIOM-4 की सफलता और शुभांशु शुक्ला की सुरक्षित वापसी पर अपनी प्रसन्नता जाहिर की. उन्होंने एक्स पर लिखा, "मैं पूरे देश के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूं जो अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से पृथ्वी पर वापस लौट रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा करने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में, उन्होंने अपने समर्पण, साहस और अग्रणी भावना से करोड़ों सपनों को प्रेरित किया है. यह हमारे अपने मिशन गगनयान की दिशा में एक और मिल का पत्थर है." प्रधानमंत्री के इस बयान ने यह साफ कर दिया कि भारत अब अंतरिक्ष यात्रा की वैश्विक दौड़ में किसी भी स्तर पर पीछे नहीं है, बल्कि उसने अपने कदम नई ऊंचाइयों की ओर मजबूती से बढ़ा दिए हैं.
वैज्ञानिक और चिकित्सकीय परीक्षण होंगे शुरू
AXIOM-4 मिशन की समाप्ति के साथ अंतरिक्ष यात्री धरती पर तो लौट आए हैं, लेकिन उनकी प्रक्रिया यहीं समाप्त नहीं होती. स्प्लैशडाउन के बाद उन्हें मेडिकल टेस्ट और पुनर्वास कार्यक्रम से गुजरना होगा. अंतरिक्ष की भारहीनता के बाद पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में शरीर को पुनः ढालना एक जटिल प्रक्रिया होती है. इसके लिए सभी अंतरिक्ष यात्री लगभग 7 दिन तक एक विशेष पुनर्वास केंद्र में रहेंगे, जहां उनकी मांसपेशियों, हड्डियों और संतुलन प्रणाली का विशेष परीक्षण होगा.
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AXIOM-4 क्यों था खास?
AXIOM-4 मिशन एक निजी और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का आदर्श उदाहरण रहा. इसमें नासा, स्पेसएक्स और AXIOM स्पेस जैसी संस्थाओं ने मिलकर काम किया. यह मिशन न सिर्फ भारत बल्कि पोलैंड और हंगरी जैसे देशों के लिए भी ऐतिहासिक था, क्योंकि यह उनके नागरिकों का भी पहला अंतरिक्ष अनुभव था. शुभांशु शुक्ला की भागीदारी ने भारत के लिए यह अवसर और भी विशेष बना दिया, क्योंकि उन्होंने उस वैश्विक मंच पर देश का प्रतिनिधित्व किया, जो अब तक सिर्फ कुछ गिने-चुने देशों तक सीमित रहा है. शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा आने वाले भारतीय अंतरिक्ष मिशनों की नींव है. इस मिशन की सफलता सीधे तौर पर भारत के 'गगनयान' मिशन को ऊर्जा देती है, जिसका उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पूरी तरह से स्वदेशी प्रणाली से अंतरिक्ष में भेजना है. AXIOM-4 का अनुभव गगनयान को अधिक सुरक्षित और परिपक्व बनाने में मदद करेगा.
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