लहसुन से हल्दी तक, हार्ट को स्वस्थ रखेंगी ये चीजें, जानें 24 घंटे में कितने सेकंड आराम करता है आपका दिल
दिल से जुड़ी कई बीमारियां कम उम्र में ही लोगों को परेशान करने लगी हैं. दिल हमारे शरीर में पंप की तरह काम करता है. आसान भाषा में आप दिल को पूरे शरीर का सप्लाई मैन कह सकते हैं, इसके बिना धड़के शरीर का कोई हिस्सा काम ही नहीं कर सकता. अब दिल इतना जरूरी है तो ध्यान रखना भी जरूरी है.
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दिल हमारे शरीर का अहम हिस्सा है, जो शरीर के विभिन्न हिस्सों में रक्त का प्रवाह सुनिश्चित करता है. दिल को भावनाओं के साथ भी जोड़ा गया है. विज्ञान और आयुर्वेद दोनों में ही दिल को सबसे जरूरी माना गया है, लेकिन आजकल की लाइफस्टाइल में दिल का ध्यान रख पाना हर किसी के लिए संभव नहीं है.
दिल हमारे शरीर में पंप की तरह काम करता है
इसलिए दिल से जुड़ी कई बीमारियां कम उम्र में ही लोगों को परेशान करने लगी हैं. दिल हमारे शरीर में पंप की तरह काम करता है. आसान भाषा में आप दिल को पूरे शरीर का सप्लाई मैन कह सकते हैं. इसके बिना धड़के शरीर का कोई हिस्सा काम ही नहीं कर सकता. अब दिल इतना जरूरी है तो ध्यान रखना भी जरूरी है.
किन कारणों से दिल ठीक से काम नहीं करता
दिल कई वजह से ठीक से काम करना बंद कर देता है, जिसमें सही समय पर खानपान न करना, ज्यादा तनाव लेना, तंबाकू का सेवन करना, और नींद पूरी न लेना शामिल हैं. ये सभी कारण दिल को ठीक से काम करने में बाधा पहुंचाते हैं.
दिल को स्वस्थ रखने के लिए किसका सेवन करें?
आयुर्वेद में दिल की बीमारियों को कम करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं, जिससे आप अपने दिल को पूरी तरह स्वस्थ रख सकते हैं. हल्दी दिल के स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती है क्योंकि उसमें करक्यूमिन होता है, जो रक्त को साफ करने का काम करता है. लहसुन भी दिल के लिए स्वास्थ्यवर्धक होता है, यह रक्तचाप को सामान्य रखने में मदद करता है. इसके अलावा, मेथी और दालचीनी का सेवन भी दिल को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी हैं.
दिल को स्वस्थ रखने के लिए करें ये काम
लाइफस्टाइल में बदलाव के साथ योग और प्राणायाम नियमित रूप से करके भी दिल की हेल्थ बेहतर की जा सकती है. इसके अलावा पूरी नींद लेना और तनाव में कमी रखना जैसे फैक्टर दिल को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी हैं.
पूरे दिन में हृदय को कितने सेकंड का आराम मिलता है?
दिल दिखने में भले ही छोटा हो, पर इसकी कार्यप्रणाली उतनी ही जटिल और अद्भुत है. जहां हमारे शरीर के अधिकांश अंगों को कार्य करने के लिए मस्तिष्क के संकेतों की आवश्यकता होती है, वहीं दिल एकमात्र ऐसा अंग है जिसके पास अपना "प्राकृतिक पेसमेकर" होता है और यह स्वतंत्र रूप से धड़कता है. यह हमारे मस्तिष्क की तरह ही बिना रुके, लगातार काम करता है. पूरे दिन में हृदय को केवल 0.4 सेकंड का ही क्षणिक आराम मिल पाता है.
मस्तिष्क की तुलना में दिल ज्यादा प्रभावी
हृदय की एक और खास बात यह है कि यह मस्तिष्क की तुलना में अधिक प्रभावी और शक्तिशाली संदेश मस्तिष्क को भेज सकता है. यही कारण है कि भावनाएं कई बार मस्तिष्क के तर्क पर हावी हो जाती हैं.
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Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान और जागरूकता के उद्देश्य से है. प्रत्येक व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और आवश्यकताएं अलग-अलग हो सकती हैं. इसलिए, इन टिप्स को फॉलो करने से पहले अपने डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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