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सहजन का फूल: कलयुग का अमृत, सूप से लेकर चाय तक में उपयोगी

सहजन का फूल, जिसे "कलयुग का अमृत" कहा जाता है, अपनी स्वास्थ्य लाभकारी गुणों के लिए प्रसिद्ध है। यह फूल सूप से लेकर चाय तक में इस्तेमाल होता है और कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो सेहत के लिए फायदेमंद हैं।

Created By: NMF News
14 Feb, 2025
( Updated: 14 Feb, 2025
05:34 PM )
सहजन का फूल: कलयुग का अमृत, सूप से लेकर चाय तक में उपयोगी
स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए सहजन किसी वरदान से कम नहीं है। इसके फूल को कलयुग का अमृत कहा जाता है, क्योंकि इसमें अनेक स्वास्थ्य लाभ छिपे हुए हैं। सहजन के फूल एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स और खनिजों का समृद्ध स्रोत होते हैं, जो शरीर को ऊर्जा और ताजगी प्रदान करते हैं। 

आयुर्वेद, सुश्रुत संहिता, अग्नि पुराण में लिखा है कि सहजन पेड़ का हर हिस्सा उपयोगी है। इसका वानस्पतिक नाम मोरिंगा है, जिसकी अनेक प्रजातियां हैं। भारत के अलावा, यह फिलीपींस, मलेशिया और अफ्रीकी देशों में भी पाया जाता है। भारत के हर प्रांत में इसका अलग-अलग पकवानों में प्रयोग होता है। कई पोषक तत्वों के अलावा, ये अनेक औषधीय गुणों से भरपूर है।

कलयुग का अमृत है सहजन के फूल 

सहजन के फूलों में सूजन को कम करने, हड्डियों की मजबूती बढ़ाने और इम्यून सिस्टम बूस्ट करने की अद्भुत क्षमता होती है। ये फूल पाचन तंत्र का ख्याल रखते हैं और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत प्रदान करते हैं। इतना ही नहीं, ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में भी सहजन के फूल मददगार साबित होते हैं।

महान आयुर्वेदिक प्रणेता महर्षि सुश्रुत ने विश्व प्रसिद्ध ग्रंथ ‘सुश्रुतसंहिता’ में इसकी चर्चा शिशु रोगों के संदर्भ में की। उन्होंने लिखा कि इसके फूल से निकलने वाला अमृत तुल्य रस मधुपालन के लिए उपयोगी है।

कील-मुंहासे की समस्याओं से मुक्ति 

वहीं, इसके फूलों से कील-मुंहासे की समस्याओं से मुक्ति मिलती है और चेहरा खिल जाता है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि यह शरीर में रक्त की सफाई करने में मदद करता है। विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालता है। सवाल उठता है कि आखिर इसका प्रयोग करें तो करें कैसे? इन फूलों का सेवन विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है, जैसे सूप, सब्जी और चाय में!

सुश्रुत संहिता के छठे वॉल्यूम के उत्तरा तंत्र (प्रथम अंक के 14वें पाठ) अनुसार, सहजन पीलिया का रोग दूर करने में भी सहायक होता है।

सहजन की तासीर गर्म होती है, इसलिए गर्मियों के मौसम में एसीडिटी, ब्लीडिंग, पाइल्स जैसी व्याधियों से जूझ रहे लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए। हालांकि, सहजन की ताजी पत्तियों को उबालकर पीना अच्छा और प्रभावशाली होता है। यह मांसपेशियों और हड्डियों की मजबूती के लिए उपयोगी है। सहजन में प्रोटीन समेत कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं, जो मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत रखने में मददगार साबित होते हैं।

Input : IANS

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