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अप्रैल 2025 से खत्म होगा प्याज पर निर्यात शुल्क, सरकार का बड़ा फैसला!

भारत सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से प्याज पर लगे 20% निर्यात शुल्क को खत्म करने की घोषणा की है। यह फैसला किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने और बाजार को संतुलित करने के उद्देश्य से लिया गया है। सरकार ने पहले प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए दिसंबर 2023 में निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था, जिसे धीरे-धीरे कम किया गया।

22 Mar, 2025
( Updated: 23 Mar, 2025
01:26 PM )
अप्रैल 2025 से खत्म होगा प्याज पर निर्यात शुल्क, सरकार का बड़ा फैसला!
भारत सरकार ने एक बड़ा आर्थिक फैसला लेते हुए 1 अप्रैल 2025 से प्याज पर लगे 20% निर्यात शुल्क को समाप्त करने का ऐलान किया है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने इस संबंध में अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि यह कदम जनहित को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। इस निर्णय से किसानों और व्यापारियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।

प्याज निर्यात पर लगी थी रोक, अब राहत का ऐलान

पिछले कुछ वर्षों में प्याज की बढ़ती कीमतों के कारण केंद्र सरकार ने दिसंबर 2023 में इसके निर्यात पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। उस समय देश के विभिन्न हिस्सों में प्याज की कीमतें आसमान छू रही थीं, जिससे आम जनता पर महंगाई का भारी बोझ पड़ रहा था। इसके बाद मई 2024 में सरकार ने आंशिक राहत देते हुए 550 डॉलर प्रति टन न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) और 40% निर्यात शुल्क के साथ प्याज के सीमित निर्यात की अनुमति दी थी।

सितंबर 2024 में निर्यात शुल्क को घटाकर 20% कर दिया गया था और MEP को समाप्त कर दिया गया था। इसके बावजूद किसानों और निर्यातकों को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा था। लेकिन अब सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से प्याज पर पूरी तरह से निर्यात शुल्क हटाने की घोषणा कर दी है, जिससे व्यापारियों और किसानों को राहत मिलेगी।

प्याज उत्पादन और निर्यात का आंकड़ा

वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान कुल 17.17 लाख टन प्याज निर्यात किया गया था, जबकि 2024-25 में (18 मार्च तक) यह आंकड़ा 11.65 लाख टन तक पहुंच गया है। सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, प्याज का मासिक निर्यात सितंबर 2024 में 72,000 टन था, जो जनवरी 2025 तक बढ़कर 1.85 लाख टन हो गया।

सरकार के इस कदम के पीछे के तर्क की बात करें तो केंद्र सरकार का कहना है कि यह निर्णय किसानों और उपभोक्ताओं, दोनों के हित में लिया गया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार, रबी फसल की अच्छी उपज के चलते मंडी और खुदरा बाजार में प्याज की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। सरकार का मानना है कि निर्यात शुल्क हटाने से किसानों को उनकी फसल का बेहतर दाम मिलेगा, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त होंगे।

मौजूदा समय में प्याज की मंडी कीमतें पिछले वर्षों की तुलना में ऊंची बनी हुई हैं, लेकिन अखिल भारतीय औसत मॉडल कीमतों में 39% की गिरावट देखी गई है। इसके अलावा, अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमतों में भी पिछले एक महीने में 10% की कमी आई है।

निर्यात शुल्क हटने से किसे होगा फायदा?

इस फैसले से मुख्य रूप से किसानों, निर्यातकों और प्याज व्यापार से जुड़े लोगों को सीधा फायदा होगा। देश के प्रमुख प्याज उत्पादक राज्य – महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात और राजस्थान के किसान इस फैसले से सबसे अधिक लाभान्वित होंगे।
1. किसानों को मिलेगा बेहतर मूल्य: प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध और ऊंचे निर्यात शुल्क के कारण किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा था। अब निर्यात खुलने से उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजारों से सीधा लाभ मिलेगा।
2. व्यापारियों और निर्यातकों को राहत: निर्यात पर रोक के कारण व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। अब वे अपने प्याज को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रतिस्पर्धी दरों पर बेच सकेंगे।
3. वैश्विक बाजार में भारत की स्थिति मजबूत होगी: भारत दुनिया में प्याज का सबसे बड़ा निर्यातक देशों में से एक है। निर्यात शुल्क हटाने से भारत की प्याज व्यापार में भागीदारी और अधिक बढ़ सकती है।

क्या महंगाई पर पड़ेगा असर?

यह सवाल आम उपभोक्ताओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण है कि निर्यात शुल्क हटने के बाद प्याज की घरेलू कीमतों पर क्या असर पड़ेगा। हालांकि सरकार ने यह निर्णय किसानों और व्यापारियों को ध्यान में रखकर लिया है, लेकिन इसका प्रभाव उपभोक्ताओं पर भी पड़ सकता है। अगर निर्यात अधिक बढ़ता है, तो घरेलू बाजार में प्याज की आपूर्ति घट सकती है, जिससे कीमतों में कुछ बढ़ोतरी संभव है। हालांकि, सरकार का कहना है कि देश में पर्याप्त मात्रा में प्याज का स्टॉक मौजूद है और रबी सीजन की नई फसल भी बाजार में आ रही है, जिससे घरेलू बाजार में कीमतें स्थिर बनी रहेंगी।

सरकार अब प्याज उत्पादन, भंडारण और वितरण को और अधिक प्रभावी बनाने की योजना बना रही है, जिससे निर्यात बढ़ाने के साथ-साथ घरेलू बाजार में भी स्थिरता बनी रहे। प्याज की कीमतों में अस्थिरता से बचने के लिए सरकार भंडारण क्षमता बढ़ाने, कोल्ड स्टोरेज सुविधा बेहतर करने और किसानों को उचित समर्थन देने पर भी विचार कर रही है।

प्याज निर्यात पर लगे 20% शुल्क को हटाने का सरकार का फैसला देश के किसानों और व्यापारियों के लिए एक बड़ी राहत है। इससे न केवल भारतीय किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिलेगा, बल्कि भारत का वैश्विक निर्यात भी मजबूत होगा। हालांकि, उपभोक्ताओं को कीमतों पर नजर रखनी होगी, क्योंकि निर्यात बढ़ने से घरेलू बाजार में कीमतों में हल्की बढ़ोतरी हो सकती है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार प्याज उत्पादन और मूल्य स्थिरता के लिए कौन-कौन से नए कदम उठाती है।
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