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भारत में इलेक्ट्रिक कारों का नया युग... Skoda, Volkswagen और Mercedes करेंगी तगड़ा निवेश!

वैश्विक निर्माताओं को निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के लिए, सरकार ने एक बड़ा प्रोत्साहन दिया है. स्वीकृत कंपनियों को आवेदन की मंज़ूरी की तारीख से पांच साल की अवधि के लिए 35,000 अमेरिकी डॉलर या उससे अधिक के CIF मूल्य वाले इलेक्ट्रिक वाहनों (पूरी तरह से निर्मित इकाइयों - CBUs) को 15% की रियायती सीमा शुल्क पर आयात करने की अनुमति होगी.

03 Jun, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
10:46 PM )
भारत में इलेक्ट्रिक कारों का नया युग... Skoda, Volkswagen और Mercedes करेंगी तगड़ा निवेश!

भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार इलेक्ट्रिक वाहनों के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनता जा रहा है. अब इस दौड़ में अंतरराष्ट्रीय दिग्गज कंपनियां भी पूरी तैयारी के साथ उतरने को तैयार हैं. ख़बरें हैं कि Skoda-Volkswagen और लक्ज़री कार निर्माता Mercedes-Benz भारत में इलेक्ट्रिक कारों के निर्माण के लिए बड़ा निवेश करने की योजना बना रही हैं. यह कदम भारत सरकार की 'स्कीम टू प्रमोट मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक पैसेंजर कार्स इन इंडिया' (SPMEPCI) के तहत उठाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य देश को वैश्विक EV विनिर्माण हब बनाना है. यह घोषणा भारतीय ऑटो उद्योग और इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति के लिए एक गेम चेंजर साबित हो सकती है.

आइए जानते हैं क्या है नया नियम 

न्यूनतम निवेश मानदंड: इस नई नीति के तहत, स्वीकृत आवेदकों को भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण के लिए न्यूनतम 4,150 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा. यह निवेश तीन साल के भीतर पूरा करना होगा. 

आयात शुल्क में कमी: वैश्विक निर्माताओं को निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के लिए, सरकार ने एक बड़ा प्रोत्साहन दिया है. स्वीकृत कंपनियों को आवेदन की मंज़ूरी की तारीख से पांच साल की अवधि के लिए 35,000 अमेरिकी डॉलर या उससे अधिक के CIF मूल्य वाले इलेक्ट्रिक वाहनों (पूरी तरह से निर्मित इकाइयों - CBUs) को 15% की रियायती सीमा शुल्क पर आयात करने की अनुमति होगी. 

आवेदन की समय-सीमा: भारी उद्योग मंत्रालय ने इस योजना के तहत आवेदन प्राप्त करने के लिए 120 दिन या उससे अधिक की विंडो खोली है, जो 15 मार्च, 2026 तक ज़रूरत पड़ने पर खोली जा सकती है. 

टेस्ला भारत में नहीं लगाएगा प्लांट, फिलहाल सिर्फ शोरूम पर ध्यान!

हालिया खबरों के अनुसार, अमेरिकी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता Tesla फिलहाल भारत में अपना मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने में कोई खास रुचि नहीं दिखा रही है. भारी उद्योग मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने हाल ही में यह जानकारी दी है. उनका कहना है कि Elon Musk के नेतृत्व वाली Tesla कंपनी की भारत में अभी केवल शोरूम खोलने और अपनी कारों को आयात करके बेचने में ही ज़्यादा दिलचस्पी है. 

हालांकि, अभी यह देखना बाकी है कि कौन सी कंपनियां वास्तव में आवेदन करती हैं और भारत में निवेश के लिए आगे बढ़ती हैं. लेकिन यह साफ़ है कि भारत का इलेक्ट्रिक वाहन परिदृश्य एक बड़े बदलाव के मुहाने पर है, और आने वाले समय में हमें सड़कों पर और अधिक उन्नत और अलग अलग प्रकार की इलेक्ट्रिक कारें देखने को मिलेंगी.

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