PM मोदी को G7 का न्योता क्यों दिया? सवाल पूछने वालों कों कनाडा के पीएम का दो टूक जवाब, कहा- भारत जैसे देश का...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने शुक्रवार को कॉल कर G7 का न्योता दिया है. सम्मेलन में शामिल होने का निमंत्रण पीएम मोदी ने स्वीकार कर लिया है. इधर पीएम कार्नी के इस कदम पर कनाडा में बवाल मचा हुआ है. विपक्ष कार्नी के इस मूव पर सवाल उठा रहा है.

कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को G7 का न्योता दिया है. उन्होंने पीएम मोदी को फोन कर उन्हें इन्वाइट किया है. अब कडाई पीएम के इसी फैसले को लेकर कनाडा सरकार आलोचना हो रही है. कनाडा की विपक्षी पार्टियों ने पीएम कार्नी के इस मूव पर सवाल उठाए हैं. 2023 में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की कथित भूमिका को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित किए जाने पर बवाल मचा हुआ है. विपक्षी आलोचकों का मानना है कि जब तक भारत पर निज्जर की हत्या में संलिप्तता के आरोपों की जांच जारी है, तब तक प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित करना उचित नहीं था.
पीएम मोदी और पीएम कार्नी की हुई बात
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को पीएम कार्नी के साथ फोन पर बातचीत की. इस दौरान कार्नी ने G7 सम्मेलन में शामिल होने का निमंत्रण दिया तो पीएम मोदी ने स्वीकार कर लिया. यह सम्मेलन कनाडा के अलबर्टा प्रांत में 15 से 17 जून के बीच आयोजित होगा. कनाडा इस साल G7 समूह का अध्यक्ष देश है.
इस बीच जब कनाडा के पत्रकारों ने भारत सरकार पर लगे आरोपों के बीच पीएम मोदी को न्योता देने के बारे में सवाल पूछा तो कनाडाई पीएम कार्नी ने कहा है कि भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और कई महत्वपूर्ण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में इसकी भूमिका केंद्रीय है. इसी कारण भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आगामी G7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया है और यह आवश्यक है कि भारत जैसे देश भी इन उच्चस्तरीय वैश्विक चर्चाओं का हिस्सा बनें.
प्रधानमंत्री कार्नी ने यह स्पष्ट किया कि भारत की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भूमिका को देखते हुए उसे G7 जैसे मंचों पर शामिल करना समझदारी भरा कदम है. कार्नी ने यह भी कहा कि उन्होंने मोदी को आमंत्रित करने से पहले अन्य G7 सदस्य देशों से चर्चा की थी और सहमति के बाद ही यह फैसला लिया गया.
निज्जर की हत्या के सवाल का कार्नी ने दिया जवाब
जब पत्रकारों ने कार्नी से हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले पर सवाल किया तो उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि यह मामला कानूनी प्रक्रिया में है और इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा.
Q: Why are you inviting PM Modi to G7?
— Sidhant Sibal (@sidhant) June 6, 2025
Canada PM Mark Carney:
'Certain countries should be at the table...India is the 5th largest economy, most populous country..'
'Agreed law enforcement dialogue, recognizes issue of accountability'
Vdo Ctsy: CPAC pic.twitter.com/XGRGURYAzD
भारत-कनाडा द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के आसार
पीएम मार्क कार्नी ने यह भी कहा कि भारत और कनाडा ने आपसी कानून प्रवर्तन संवाद (law enforcement dialogue) को जारी रखने पर सहमति जताई है. उन्होंने इसे द्विपक्षीय रिश्तों में प्रगति का संकेत बताते हुए कहा, 'हमने द्विपक्षीय रूप से अब यह सहमति बनाई है कि कानून प्रवर्तन संवाद को जारी रखा जाएगा. इसमें कुछ प्रगति हुई है और जवाबदेही के मुद्दों को भी स्वीकार किया गया है.'राजनीतिक विरोध और आलोचनाकनाडा की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) ने कार्नी द्वारा मोदी को आमंत्रण दिए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी ने कहा, 'यह निर्णय बेहद चिंताजनक है.'
भारत-कनाडा संबंधों की पृष्ठभूमि
बता दें कि 2023 में कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता का आरोप लगाने के बाद दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई थी. भारत ने अपने उच्चायुक्त और पांच अन्य राजनयिकों को कनाडा से वापस बुला लिया था और कनाडा के कुछ राजनयिकों को देश से निष्कासित कर दिया था. भारत ने उस समय ट्रूडो सरकार पर खालिस्तानी तत्वों को कनाडा की जमीन से सक्रिय रहने देने का आरोप लगाया था.
हालांकि अप्रैल में हुए संसदीय चुनावों में लिबरल पार्टी के नेता मार्क कार्नी की जीत के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों के पुनर्निर्माण की उम्मीद जगी है. हाल के महीनों में भारत और कनाडा के सुरक्षा अधिकारियों के बीच संवाद फिर से शुरू हुआ है और दोनों देश नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति पर भी विचार कर रहे हैं. भारत ने ट्रूडो के सत्ता से बाहर होने के बाद आशा जताई थी कि पारस्परिक विश्वास और संवेदनशीलता के आधार पर दोनों देशों के संबंधों को फिर से मजबूत किया जा सकता है.