Advertisement

बांग्लादेश में बिगड़ रहे हालात, यूनुस के खिलाफ सेना से लेकर जनता तक में आक्रोश, फिर से पूर्वी पाकिस्तान बनने की राह पर देश?

बीते वर्ष बांग्लादेश में तख्तापलट के दौरान जो कुछ हुआ वो ठीक उसी प्रकार था, जब साल 1999 में पाकिस्तान में हुआ था. उस दौरान जनरल परवेज मुशर्रफ ने नवाज शरीफ की चुनी हुई सरकार को हटा दिया था. पाकिस्तान और बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिरता के समय सेना ने देश की कमान अपने हाथ में ली थी.

02 Jun, 2025
( Updated: 03 Jun, 2025
11:20 AM )
बांग्लादेश में बिगड़ रहे हालात, यूनुस के खिलाफ सेना से लेकर जनता तक में आक्रोश, फिर से पूर्वी पाकिस्तान बनने की राह पर देश?

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार इन दिनों अपने ही देश में चौतरफा घिरी हुई है. बीते साल अगस्त में छात्रों के आंदोलन से शुरू हुई सियासी उथल-पुथल ने तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया. इसके बाद बांग्लादेश की सेना के समर्थन से नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस की अध्यक्षता में अंतरिम सरकार की स्थापना हुई.

पाकिस्तान जैसे हालात 
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीते वर्ष बांग्लादेश में जो कुछ हुआ वो ठीक उसी प्रकार था, जब साल 1999 में पाकिस्तान में तख्तापलट हुआ था. उस दौरान जनरल परवेज मुशर्रफ ने नवाज शरीफ की चुनी हुई सरकार को हटा दिया था. पाकिस्तान और बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिरता के समय सेना ने देश की कमान अपने हाथ में ली थी. मतलब लोकतांत्रिक सरकार को हटाकर सेना समर्थित और अस्थायी सरकारों का गठन हुआ. ठीक इसी प्रकार की स्थिति एक बार फिर बांग्लादेश में देखने को मिल सकती है. मोहम्मद यूनुस के खिलाफ देश भर में सरकारी कर्मचारी, शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं. इसके साथ ही राजनीतिक विरोध में सेवा की बढ़ती भूमिका को लेकर भी लोग चिंतित हैं, बांग्लादेश में लोकतांत्रिक संस्थाएं लगातार कमजोर हो रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े है. जो धार्मिक असहिष्णुता और कट्टरता की ओर इशारा करते हैं. ऐसी स्थिति पाकिस्तान में 1971 के दौरान हुई थी, जिसके चलते बांग्लादेश ने खुद को आजाद किया गया था. 

पाकिस्तान से बड़ी नजदीकी
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस का झुकाव अमेरिका और पाकिस्तान की तरफ ज्यादा देखने को मिल रहा है. इसी के चलते देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने यह आरोप लगाया है कि मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश को अमेरिका के हाथों में गिरवी रख दिया है. बताते चलें कि 2024 में पहली बार पाकिस्तान के कराची से एक कार्गो जहाज बांग्लादेश के चट्टोग्राम बंदरगाह पहुंचा. यह कदम दोनों देशों के बीच नए व्यापारिक रिश्तों की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है. इन सबके भी जानकारों का कहना है कि बांग्लादेश में जल्द चुनाव प्रक्रिया और लोकतांत्रिक शासन की वापसी का खाका पेश नहीं किया तो देश लंबे समय के लिए सेना के नियंत्रण में फंस सकता है.

Tags

Advertisement
LIVE
Advertisement
Tablet से बड़ा होता है साइज, Oral S@X, Size लड़कियों के लिए मैटर करता है? हर जवाब जानिए |Dr. Ajayita
Advertisement
Advertisement