गाजा में सीजफायर के लिए राजी हुआ इजरायल, US के प्रस्ताव को किया मंजूर, क्या मानेगा हमास?
अमेरिका के व्हाइट हाउस ने गुरुवार को पुष्टि की है कि इजरायल ने हमास के साथ अस्थायी युद्धविराम के लिए सहमति जताई है. जो गाजा में विनाशकारी युद्ध को रोकने और अधिक बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है.

हमास के साथ चल रहे विनाशकारी युद्ध के बीच इजरायल ने पूरी दुनिया को रहत देते हुए कहा है कि वो युद्धविराम के लिए तैयार है. अब फैसला हमास को करना है. यह जानकारी व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने दी है.
सीजफायर के लिए माना इजरायल
व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने बताया कि इजरायल ने इस सीजफायर प्लान का समर्थन किया है और उस पर सहमति जताई है. जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के हालिया प्रयासों के बाद सामने आई है. विटकॉफ ने इससे पहले एक सफल समझौते की मध्यस्थता के बारे में आशा व्यक्त की थी, जिससे इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध समाप्त हो जाएगा और बंधकों की रिहाई का मार्ग प्रशस्त होगा.
युद्धविराम के विचार पर हो रही समीक्षा
हमास ने एक बयान में कहा कि उसे युद्धविराम को लेकर अमेरिका समर्थित प्रस्ताव प्राप्त हो गया है और वह अपने लोगों के हितों की सेवा करने, उन्हें राहत प्रदान करने और गाजा पट्टी में स्थायी युद्धविराम के लिए इसकी जिम्मेदारीपूर्वक समीक्षा कर रहा है. इससे पहले, हमास ने कहा था कि वह अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ के साथ एक बातचीत में एक समझौते पर पहुंच गया है, जिसमें स्थायी युद्धविराम की दिशा में कदमों की रूपरेखा दी गई है. इसमें गाजा से इजरायल की पूरी तरह वापसी, मानवीय सहायता में वृद्धि और हमास से शासन का कार्यभार राजनीतिक रूप से स्वतंत्र फिलिस्तीनी समिति को सौंपना शामिल था.
इजरायल के हमले में मारे गए 54,000 फिलिस्तीनी
गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने दावा किया है कि मार्च में इजरायल द्वारा सैन्य हमला शुरू करने के बाद से अब तक 54,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं. 7 अक्टूबर, 2023 को हमास ने इजरायल में घुसकर उसके 1,200 से अधिक नागरिकों को मार डाला था और 251 लोगों को बंधक बना लिया था, जिनमें कुछ विदेशी नागरिक भी शामिल थे. इसके बाद इजरायल ने हमास को जड़ से खत्म करने की कसम खाई थी और गाजा पट्टी में ऑपरेशन 'स्वॉर्ड्स ऑफ आयरन' लॉन्च किया था. इस सैन्य अभियान के तहत इजरायल ने पहले हवाई हमले में गाजा पट्टी को मलबे के ढेर में बदल दिया, फिर हमास के नेटवर्क को तहस-नहस करने के लिए ग्राउंड ऑपरेशन शुरू किया.
युद्धविराम के लिए रखी गई शर्त
सूत्रों की मानें तो जो शर्त रखा गया है उसके मुताबिक, युद्धविराम के तहत इजरायली सेनाएं पहले की स्थिति में वापस लौट जाएंगी और 1,100 से अधिक फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में हमास 10 जीवित बंधकों को रिहा करेगा, साथ ही मृत बंधकों के शवों को लौटाएगा. प्रस्ताव के मुताबिक इजरायल द्वारा छोड़े जाने वाले फिलिस्तीनी कैदियों में घातक हमलों के लिए दोषी ठहराए जाने पर लंबी सजा काट रहे 100 कैदी भी शामिल हैं. इसमें 60 दिनों तक युद्ध रोकने की बात भी कही गई है. खास बात यह है कि इस प्रस्ताव में यह आश्वासन भी शामिल है कि हमास द्वारा बंधकों को रिहा करने के बाद इजरायल गाजा पट्टी में सैन्य अभियान फिर से शुरू नहीं करेगा. युद्धविराम के दौरान प्रतिदिन सैकड़ों सहायता ट्रकों को गाजा में जाने की अनुमति दी जाएगी, जो महीनों से चल रही नाकेबंदी से पीड़ित आबादी के लिए एक महत्वपूर्ण जीवनरेखा है, जिसके कारण कई लोग अकाल के कगार पर पहुंच गए हैं.