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जहां रहते हैं 60 लाख मुसलमान, वहां नौ मस्जिदों के बाहर मिले सूअरों के कटे सिर, पांच पर लिखा था फ्रेंच राष्ट्रपति मैक्रों का नाम, मचा हड़कंप

मंगलवार को फ्रांस की राजधानी पेरिस में उस वक्त हड़कंप मच गया जब आसपास की नौ मस्जिदों के बाहर सूअरों के कटे सिर मिले. इनमें से पांच पर फ्रेंच राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के नाम लिखे हुए थे. फिलाहाल जांच की जा रही है.

10 Sep, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
10:05 PM )
जहां रहते हैं 60 लाख मुसलमान, वहां नौ मस्जिदों के बाहर मिले सूअरों के कटे सिर, पांच पर लिखा था फ्रेंच राष्ट्रपति मैक्रों का नाम, मचा हड़कंप
फ्रांस में प्रदर्शन

फ्रांस में जारी राजनीतिक गतिरोध के बीच मंगलवार को राजधानी पेरिस और आसपास के इलाके में उस वक्त हड़कंप मच गया जब नौ मस्जिदों के बाहर सूअरों के कटे सिर मिले. इनमें से पांच पर फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का नाम लिखा हुआ था. फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि इस घटना के पीछे किसका हाथ है, लेकिन अधिकारियों ने देश के मुस्लिम समुदाय को पूरी सुरक्षा का आश्वासन दिया है.

गौरतलब है कि फ्रांस में यूरोप की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी रहती है, जिसकी संख्या 60 लाख से अधिक है. इस्लाम में सूअर का मांस हराम माना जाता है, ऐसे में यह घटना मुस्लिम समुदाय को भड़काने की कोशिश के तौर पर देखी जा रही है. हाल के दिनों में फ्रांस में मुस्लिम विरोधी माहौल तेज़ी से बढ़ा है, जिससे हालात और संवेदनशील हो गए हैं.

घटना पर गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलेउ का बयान

इस घटना पर वहां के गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलेउ ने कहा, "मैं चाहता हूं कि हमारे मुस्लिम देशवासी शांति से अपने धर्म का पालन करें." इस बीच, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू को प्रधानमंत्री नियुक्त किया है और उन्हें विभाजित संसद में आम सहमति बनाने और 2026 का बजट पारित कराने का चुनौतीपूर्ण कार्य सौंपा है.

विदेशी साजिश से इनकार नहीं- पुलिस 

दूसरी तरफ पेरिस पुलिस के प्रमुख लॉरेंट नुनेज़ ने कहा कि यह घटना फ्रांस को अस्थिर करने की विदेशी साजिश हो सकती है और इसमें विदेशी हस्तक्षेप की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि देश फिलहाल वित्तीय और राजनीतिक संकट से जूझ रहा है. उन्होंने कहा, “हम पिछली कार्रवाइयों से तुलना करने से नहीं बच सकते, जो अक्सर रात में होती थीं और विदेशी हस्तक्षेप साबित हुई थीं.”

रूस की तरफ क्यों उठी शक की सुई?

हालांकि उन्होंने किसी देश का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा रूस की तरफ था, जो पहले भी फ्रांस में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर चुका है. मई में यहूदी प्रार्थना स्थलों और एक नरसंहार स्मारक को हरे रंग से रंगने के मामले में "विदेशी शक्ति" से संबंध रखने के संदेह में तीन सर्बियाई नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था.

पेरिस अभियोजक कार्यालय ने बताया कि पेरिस की मस्जिदों के बाहर चार और राजधानी के बाहरी इलाक़ों की मस्जिदों में पांच सूअरों के सिर पाए गए. इनमें से एक स्थान पर फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का उपनाम नीले रंग से लिखा हुआ था.

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