भारत पर 25%, स्विट्ज़रलैंड पर 39%… ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ के आदेश पर किए साइन, जानें 70 से ज्यादा देशों पर कैसा होगा असर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 70 से अधिक देशों पर 10% से 41% तक के नए रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का आदेश जारी किया है. ट्रंप का कहना है कि यह कदम व्यापार असंतुलन को खत्म करने और अमेरिका की आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उठाया गया है. ये टैरिफ आदेश जारी होने के 7 दिन बाद से प्रभावी होंगे. हालांकि, 7 अगस्त तक लोड और 5 अक्टूबर तक पहुंचने वाले ट्रांजिट माल पर ये शुल्क लागू नहीं होंगे.
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पिछले कई दिनों से टैरिफ को लेकर जो बातें बोल रहे थे अब उन्हें सख्ती से लागू करने की शुरूआत भी कर चुके हैं. इसी क्रम में उन्होंने एक ऐतिहासिक और कड़ा फैसला लेते हुए 70 से अधिक देशों पर नए रेसिप्रोकल टैरिफ यानी जवाबी शुल्क लगाने का आदेश जारी कर दिया है. इन टैरिफ की दरें 10% से लेकर 41% तक तय की गई हैं. भारत पर सीधे तौर पर 25% टैरिफ लागू किया गया है, जिसका असर दोनों देशों के व्यापार संबंधों पर गहराई से पड़ेगा.
ट्रंप ने इस फैसले पर दस्तखत करते हुए कहा कि यह कदम अमेरिका की आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करने और वर्षों से चले आ रहे व्यापार असंतुलन को खत्म करने के लिए लिया गया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका अब वह देश नहीं रहा जो चुपचाप नुकसान उठाता रहे.
कब से लागू होंगे नए टैरिफ
व्हाइट हाउस की ओर से जारी फैक्टशीट में बताया गया है कि यह आदेश केवल शुल्क दरों की घोषणा भर नहीं है, बल्कि इसके अमल में लाने की तारीख भी तय कर दी गई है. पहले योजना थी कि टैरिफ 1 अगस्त से लागू होंगे, लेकिन अब यह स्पष्ट कर दिया गया है कि आदेश जारी होने के 7 दिन बाद से यह नियम प्रभाव में आ जाएंगे. हालांकि एक छूट भी दी गई है. यदि कोई माल 7 अगस्त तक जहाज पर लोड हो चुका है और वह 5 अक्टूबर तक अमेरिका पहुंच जाता है, तो उस पर नया टैरिफ नहीं लगेगा बशर्ते वह यात्रा में हो.
भारत समेत कई देशों पर भारी शुल्क
इस आदेश के अनुसार भारत पर 25% का टैरिफ लगाया गया है. ट्रंप का आरोप है कि भारत अमेरिका से आयात किए जाने वाले सामानों पर पहले से ही भारी टैक्स लगाता है, जबकि खुद के लिए व्यापार में छूट की मांग करता है. इसी तरह पाकिस्तान पर 19%, बांग्लादेश और वियतनाम पर 20%, दक्षिण अफ्रीका पर 30% और स्विट्जरलैंड पर 39% का शुल्क लगाया गया है.
अलग-अलग देशों पर लगे कुछ इस प्रकार लगाया गया टैरिफ
- 41% – सीरिया
- 40% – लाओस, म्यांमार
- 39% – स्विट्जरलैंड
- 35% – इराक, सर्बिया, कनाडा
- 30% – अल्जीरिया, लीबिया, दक्षिण अफ्रीका
- 25% – भारत, ट्यूनिशिया, ब्रुनेई
- 20% – बांग्लादेश, श्रीलंका, वियतनाम
- 19% – पाकिस्तान, मलेशिया, थाईलैंड
- 15% – इज़रायल, तुर्की, नाइजीरिया
- 10% – ब्राज़ील, यूनाइटेड किंगडम
कनाडा को अलग तरह से मिली सजा
कनाडा पर लगे 35% टैरिफ को लेकर ट्रंप प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है. उनका कहना है कि कनाडा अमेरिका में फैल रही नशीली दवाओं की समस्या को रोकने में असफल रहा है. इसके साथ ही वह अमेरिकी नीतियों के विरोध में लगातार जवाबी कार्रवाई कर रहा है. इस वजह से कनाडा पर लगा टैरिफ बाकी देशों की तुलना में तुरंत, यानी 1 अगस्त से ही लागू कर दिया गया है.
चीन को मिली चेतावनी, अभी अधूरी है ट्रेड डील
ट्रंप प्रशासन ने चीन को लेकर भी रुख साफ कर दिया है. अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने जानकारी दी कि चीन के साथ व्यापार समझौते की बातचीत तो चल रही है, लेकिन अब तक कोई अंतिम सहमति नहीं बन पाई है. स्टॉकहोम में हुई बैठक के दौरान दोनों पक्षों में कई मुद्दों पर मतभेद रहे. चीन को 12 अगस्त तक अंतिम फैसला लेने का समय दिया गया है.
टैरिफ का फैसला क्यों लिया गया?
व्हाइट हाउस के अनुसार यह निर्णय ट्रंप के पहले जारी किए गए एक्ज़ीक्यूटिव ऑर्डर-14257 पर आधारित है. इसमें स्पष्ट किया गया था कि अमेरिका का लगातार व्यापार घाटा उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन रहा है. ट्रंप ने बताया कि यह फैसला खुफिया रिपोर्टों और वरिष्ठ अधिकारियों की सिफारिशों पर आधारित है. उन्होंने कई देशों पर यह आरोप भी लगाया कि वे व्यापार संतुलन को लेकर गंभीर नहीं हैं और केवल बातचीत का दिखावा करते हैं.
अमेरिकी कंपनियों पर बढ़ेगा बोझ
ट्रंप का दावा है कि यह कदम अमेरिका के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को दोबारा मजबूत करेगा. लेकिन आर्थिक जानकार इससे सहमत नहीं हैं. उनका कहना है कि टैरिफ का वास्तविक बोझ विदेशी कंपनियों की बजाय अमेरिकी आयातकों पर पड़ेगा. नतीजतन देश में महंगाई और उपभोक्ता वस्तुओं के दाम बढ़ सकते हैं. फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और खिलौनों जैसी चीजों की कीमतों में पहले से ही इज़ाफा देखने को मिल रहा है.
कई देशों ने नहीं की अब तक कोई डील
रिपोर्ट के मुताबिक भारत, ब्राज़ील, कनाडा, ताइवान, श्रीलंका, बांग्लादेश जैसे देशों ने अमेरिका के साथ कोई व्यापार समझौता नहीं किया है. इन देशों पर अब ऊंचे टैरिफ लागू हो चुके हैं. गौरतलब है कि ट्रंप ने पहली बार 2 अप्रैल को इन टैरिफ का ऐलान किया था. उसके बाद डेडलाइन दो बार टाली गई. पहले 9 अप्रैल और फिर 9 जुलाई तक. लेकिन अब 1 अगस्त से यह नियम लागू हो गए हैं.
कुछ देशों को मिली राहत
ट्रंप प्रशासन ने अंतिम समय में कुछ देशों के साथ डील कर राहत दी है. पाकिस्तान के साथ हुए समझौते के तहत अमेरिका उसकी ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश करेगा और उस पर लगने वाले शुल्क में कटौती की जाएगी. वहीं दक्षिण कोरिया को भी 25% की जगह 15% टैरिफ की छूट दी गई है. फिलीपींस को भी मामूली राहत मिली है, जहां शुल्क 20% से घटाकर 19% किया गया है.
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बताते चलें कि ट्रंप का यह टैरिफ आदेश पूरी दुनिया के व्यापार पर गहरा असर डालने वाला है. यह न केवल अमेरिकी बाजार में महंगाई बढ़ा सकता है, बल्कि वैश्विक व्यापार संतुलन को भी झटका दे सकता है. भारत जैसे देशों के लिए यह मौका है कि वे अमेरिका के साथ गंभीर बातचीत करें और व्यापारिक समझौतों को नया स्वरूप दें. आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन से देश ट्रंप की शर्तों के आगे झुकते हैं और कौन लंबी टक्कर की तैयारी करते हैं.
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