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कामकाजी महिलाओं के लिए बड़ी सौगात: सरकार देगी ऑफिस के पास किराए पर घर, जानें योजना की पूरी जानकारी

कामकाजी महिलाओं को कार्यस्थल के पास सुरक्षित और सुविधाजनक आवास उपलब्ध कराना एक दूरदर्शी कदम है. यह योजना न केवल महिला कर्मचारियों को राहत देगी, बल्कि उनके आत्मविश्वास, कार्यक्षमता और सामाजिक सुरक्षा को भी बढ़ावा देगी. बिहार सरकार की यह पहल आने वाले समय में अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन सकती है.

16 Jun, 2025
( Updated: 16 Jun, 2025
04:50 PM )
कामकाजी महिलाओं के लिए बड़ी सौगात: सरकार देगी ऑफिस के पास किराए पर घर, जानें योजना की पूरी जानकारी

Bihar Mahila yojana: बिहार सरकार ने राज्य की कामकाजी महिलाओं के लिए एक सराहनीय और क्रांतिकारी कदम उठाया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में एक नई योजना को मंजूरी दी गई है, जिसके तहत सरकारी विभागों में कार्यरत महिला कर्मचारियों को उनके कार्यस्थल के पास किराए पर घर मुहैया कराए जाएंगे. यह योजना महिला सशक्तिकरण, सुरक्षा और सुविधा की दृष्टि से एक ऐतिहासिक पहल मानी जा रही है.

किन महिलाओं को मिलेगा इस योजना का लाभ?

यह योजना राज्य की उन सभी महिला कर्मचारियों के लिए है जो किसी न किसी सरकारी विभाग में कार्यरत हैं. इसमें महिला शिक्षक, महिला पुलिसकर्मी, पंचायत और ब्लॉक स्तर से लेकर सचिवालय तक की महिला कर्मचारी शामिल हैं. कई बार महिलाओं को घर और कार्यस्थल के बीच लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, जिससे सुरक्षा और समय दोनों की समस्या आती है. इस योजना के माध्यम से उन महिलाओं को राहत मिलेगी जो दूर-दराज से आकर शहरों में नौकरी करती हैं और रहने की समस्या से जूझती हैं.

कैसे मिलेगा आवास? जानिए पूरी प्रक्रिया

इस योजना को लागू करने के लिए सरकार हर जिले में एक पांच सदस्यीय समिति का गठन करेगी. इस समिति के अध्यक्ष संबंधित जिले के जिलाधिकारी (डीएम) होंगे. यह समिति यह सुनिश्चित करेगी कि कौन-कौन से निजी मकान महिला कर्मचारियों के कार्यस्थल के आसपास उपलब्ध हैं और उन्हें लीज पर लेकर महिलाओं को उपलब्ध कराया जा सकता है.

इन मकानों को इस तरह से चुना जाएगा कि वे सुरक्षित हों और महिला कर्मचारियों की कार्यस्थली से अधिकतम निकट हों. मकान मालिकों के साथ लीज एग्रीमेंट किया जाएगा ताकि महिलाएं बिना किसी कानूनी या प्रशासनिक परेशानी के वहां रह सकें. यदि किसी महिला को इस प्रक्रिया में कोई समस्या आती है, तो अनुमंडल स्तर के एसडीओ (Sub-Divisional Officer) उसकी मदद करेंगे और समाधान सुनिश्चित करेंगे.

कितनी महिलाओं को होगा फायदा?

बिहार सरकार के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में विभिन्न सरकारी विभागों में लगभग 3.5 से 4 लाख महिला कर्मचारी कार्यरत हैं. यह योजना इन्हीं सभी महिलाओं को ध्यान में रखकर तैयार की गई है. इस पहल का उद्देश्य सिर्फ आवास देना नहीं है, बल्कि महिला कर्मचारियों को मानसिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाना भी है, ताकि वे अपने कार्यस्थल पर पूरी तन्मयता से काम कर सकें.

महिलाओं के साथ-साथ युवाओं के लिए भी नई घोषणाएं

इस कैबिनेट बैठक में केवल महिला आवास योजना ही नहीं, बल्कि कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए हैं. राज्य की 8000 से अधिक पंचायतों में 8093 लोअर डिवीजन क्लर्क और 8414 नई भर्तियों को मंजूरी दी गई है, जिससे राज्य में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे. इसके अलावा, युवाओं को कौशल विकास के लिए एक बड़ा तोहफा दिया गया है— 21600 युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए 281 करोड़ रुपये की लागत से एक मेगा स्किल सेंटर की स्थापना की जाएगी.

स्वास्थ्य क्षेत्र में भी नया कदम

पटना स्थित जयप्रकाश नारायण ऑर्थोपेडिक अस्पताल में स्पोर्ट्स इंजरी यूनिट की स्थापना की जाएगी, जिसके लिए 36 नए पदों और 267 अन्य पदों का सृजन किया गया है. यह निर्णय राज्य में खेलों और खिलाड़ियों की चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाएगा.

महिला सशक्तिकरण की दिशा में मजबूत कदम

कामकाजी महिलाओं को कार्यस्थल के पास सुरक्षित और सुविधाजनक आवास उपलब्ध कराना एक दूरदर्शी कदम है. यह योजना न केवल महिला कर्मचारियों को राहत देगी, बल्कि उनके आत्मविश्वास, कार्यक्षमता और सामाजिक सुरक्षा को भी बढ़ावा देगी. बिहार सरकार की यह पहल आने वाले समय में अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन सकती है. 

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