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Mulayam राज में Yogi के साथ ऐसा क्या हुआ था कि गाय की आंखों में आंसू आ गये !

CM Yogi आज भी जब गोरखपुर के दौरे पर जाते हैं तो गौशाला में रहने वाली गायों से मिलना नहीं भूलते हैं और ये आज से नहीं है तभी से है जब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री भी नहीं थे, कहते हैं एक वक्त तो ऐसा आया जब योगी को देख कर बेजुबान गाय की आंखों में आंसू आ गये थे

20 Sep, 2024
( Updated: 06 Dec, 2025
01:33 AM )
Mulayam राज में Yogi के साथ ऐसा क्या हुआ था कि गाय की आंखों में आंसू आ गये !

उत्तर प्रदेश की सत्ता संभाल रहे योगी आदित्यनाथ कानून तोड़ने वाले गुंडों, बदमाशों और माफियाओं के खिलाफ जितने सख्त हैं, बेजुबानों के लिए उससे कहीं ज्यादा एक नरम दिल इंसान हैं। यही वजह है कि वे आज भी जब गोरखपुर के दौरे पर जाते हैं तो गौशाला में रहने वाली गायों से मिलना नहीं भूलते हैं। और यह आज से नहीं है, बल्कि तब से है जब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री भी नहीं थे। कहते हैं, एक वक्त ऐसा आया जब योगी को देख कर बेजुबान गाय की आंखों में आंसू आ गए थे।

दरअसल, यह बात साल 2007 की है। जनवरी का महीना था और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य की सत्ता समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता मुलायम सिंह यादव के हाथ में थी, जो सूबे के मुख्यमंत्री थे। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के फायरब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ उस वक्त जिला गोरखपुर से बीजेपी के सांसद थे। इसी दौरान गोरखपुर सांप्रदायिक दंगे की आग में झुलस रहा था, जिसमें दो लोगों की जान चली गई थी और काफी संख्या में मकान और दुकानें फूंक दी गई थीं। हालात इतने गंभीर हो गए थे कि कई दिनों तक गोरखपुर में कर्फ्यू लगा रहा।

दंगों की आग के बीच योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया था कि 28 जनवरी को हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं के साथ दंगाग्रस्त इलाके में जाएंगे। जैसी ही यह भनक पुलिस को लगी, वे उन्हें गिरफ्तार करने पहुंच गईं। जब पुलिस योगी को गिरफ्तार करके ले जाने लगी, तो कहते हैं इसी दौरान गौशाला की गाय उन्हें देख कर रोने लगी थी।

दरअसल, बीबीसी हिंदी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री बनने से 10 साल पहले, जनवरी 2007 में गोरखपुर के तत्कालीन सांसद आदित्यनाथ को कर्फ्यू के दौरान 'सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने वाले भाषण' देने के लिए गिरफ्तार कर लिया गया था। गोरखपुर के वरिष्ठ पत्रकार मनोज सिंह बताते हैं, ‘तब भी मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारी ने उन्हें गिरफ्तार करने से पहले उनके पैर छुए थे’। आस्था का प्रभाव इतना था कि हिंदी में छपने वाले एक बड़े अखबार में उस घटना पर लिखी गई खबरों में से एक में गिरफ्तारी के बाद गोरखनाथ मंदिर की गोशाला की एक गाय के रोने का विस्तृत ब्यौरा दिया गया था।

गोरखपुर दंगे के दौरान गिरफ्तार होने के बाद योगी आदित्यनाथ को 7 फरवरी 2007 को अदालत ने जमानत दे दी थी, जिसके बाद तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ संसद में आपबीती बताते-बताते रोने लगे थे।

यही वह मौका था जब फायरब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ की आंखों में आंसू आ गए थे, और वे भरी संसद में फफक-फफक कर रोने लगे थे। लेकिन इसके बाद योगी की आंखों में कभी आंसू नहीं आए। बल्कि वे और सख्त होकर उभरे और उनका रौद्र रूप यूपी की विधानसभा में उस वक्त देखने को मिला जब वे माफिया अतीक अहमद को मिट्टी में मिलाने की बात कर रहे थे।

योगी की इसी दहाड़ के बाद उत्तर प्रदेश की धरती से माफिया अतीक अहमद ही नहीं, मुख्तार अंसारी का खौफ भी खत्म हो गया। क्योंकि योगी राज में दोनों माफियाओं का साम्राज्य ध्वस्त कर दिया गया। अब जो भी माफिया या गुंडे बचे हैं, उनके खिलाफ भी योगी सरकार सख्ती दिखाते हुए उन्हें उनके अंजाम तक पहुंचा रही है।


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