जिस कश्मीरी मुस्लिम के घर रुके Modi, उस मुस्लिम ने पहलगाम हमले पर क्या कहा ?
Pahalgam: कश्मीर के रहने वाले मोहम्मद आजाद को पूरा भरोसा है कि पीएम मोदी पाकिस्तान को जरूर सबक सिखाएंगे और ये भरोसा भी यूं नहीं है वो नरेंद्र मोदी को उस दौर से जानते हैं जब वो प्रधानमंत्री तो छोड़िये, मुख्यमंत्री भी नहीं थे और जब नब्बे के दशक में कश्मीर गये थे, तब मोदी उन्हीं के घर रुके थे और उन्हीं के साथ बिना किसी सुरक्षा के कश्मीर घूमे थे !

कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकी वारदात से पूरा देश सदमे में है. जिस बेरहमी से धर्म पूछ कर पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 25 हिंदुओं के साथ 26 लोगों को मौत के घाट उतार दिया.उसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है.इस आतंकी वारदात के बाद अब हर हिंदुस्तानी बस यही चाहता है कि किसी भी तरह से मोदी सरकार पाकिस्तान को ऐसा मुंहतोड़ जवाब दे कि वो दोबारा इस तरह की हिमाकत ना कर सके. तो वहीं कश्मीर के रहने वाले मोहम्मद आजाद को भी पूरा भरोसा है कि पीएम मोदी पाकिस्तान को जरूर सबक सिखाएंगे.और ये भरोसा भी यूं नहीं है. वो नरेंद्र मोदी को उस दौर से जानते हैं जब वो प्रधानमंत्री तो छोड़िये. मुख्यमंत्री भी नहीं थे. और जब नब्बे के दशक में कश्मीर गये थे.तब मोदी उन्हीं के घर रुके थे.और उन्हीं के साथ बिना किसी सुरक्षा के कश्मीर घूमे थे.
कश्मीर की धरती पर नरेंद्र मोदी की ये दहाड़ भला देश कैसे भूल सकता है. ये 1992 का दौर था. जब कश्मीर में आतंकवाद चरम पर था.और कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगा लहराने की कोई हिम्मत भी नहीं कर सकता था.क्योंकि आतंकवादियों ने धमकी दी थी कि जिसने अपनी मां का दूध पिया है वो लाल चौक पर आकर तिरंगा फहराये. आतंकवादियों की इस धमकी के बावजूद नरेंद्र मोदी लाल चौक गये और तिरंगा फहराने के साथ ही ऐतिहासिक भाषण भी दिया.
नरेंद्र मोदी ने उस दौर में लाल चौक पर हिंदुस्तान का तिरंगा लहराया था. जब आतंकवाद चरम पर था. और ये तिरंगा सिर्फ आतंकवादियों की धमकी को जवाब भर नहीं था.इस तिरंगे ने कश्मीरियों में ये भरोसा भी जगाया कि यही वो शख्स है जो कश्मीर से आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकेगा. इसी भरोसे की वजह से कश्मीर के रहने वाले मोहम्मद अशरफ आजाद 1992 में ही बीजेपी में शामिल हो गये. और नरेंद्र मोदी के इतने खास दोस्त बन गये कि साल 1993 में जब वो कश्मीर के दौरे पर गये तो अशरफ आजाद के ही घर रुके. उन्हीं के साथ बिना किसी सुरक्षा के बेखौफ होकर कश्मीर में भी घूमे.
नब्बे के दशक से पीएम मोदी के साथ रहने वाले मोहम्मद अशरफ आजाद तो पीएम मोदी को शेरों का शेर मानते हैं और ये भरोसा भी है कि वो जरूर पहलगाम के दरिंदों को सबक सिखाएंगे.
बात यहीं खत्म नहीं हुई. पीएम मोदी को अपना गुरु. अपना दोस्त बताने वाले मोहम्मद अशरफ आजाद ने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए मोदी सरकार से जल्द से जल्द आतंकियों को जहन्नुम में पहुंचाने की मांग भी की.
पीएम मोदी को अपना गुरु बताने वाले मोहम्मद अशरफ आजाद जम्मू कश्मीर के बडगाम जिले के हकरमुल्ला गांव के रहने वाले हैं. और 1993 से बीजेपी से जुड़े हैं. सबसे बड़ी बात तो ये है कि उन्हीं के फीडबैक पर पीएम मोदी ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला लिया था. इतना ही नहीं पीएम मोदी के साथ अशरफ आजाद की कितनी नजदीकी है. ये इसी बात से समझ सकते हैं कि जब भी पीएम मोदी कश्मीर जाते हैं अशरफ आजाद उनसे जरूर मिलते हैं. यही वजह है कि अशरफ आजाद पीएम मोदी को अपना गुरु बताते हैं. और उन्हें इस बात का भी भरोसा है कि जो नरेंद्र मोदी आतंकवादियों की धमकी के बावजूद कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगा फहरा सकते हैं. वो मोदी पहलगाम के दरिंदों के साथ साथ उनके पापा पाकिस्तान को भी सबक भी जरूर सिखाएंगे. वैसे आपको क्या लगता है. क्या मोदी सरकार पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाई कर सकती है.