अब नहीं होगी भगदड़! 60 रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को मिलेगी सुरक्षित यात्रा की गारंटी
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हाल ही में हुई भगदड़ के बाद रेलवे ने बड़ा फैसला लिया है। अब देश के 60 बड़े स्टेशनों पर होल्डिंग एरिया बनाए जाएंगे, जिससे यात्रियों को ट्रेन के आने से पहले सुरक्षित तरीके से रोका जा सकेगा। महाकुंभ 2025 के मद्देनजर प्रयागराज के आसपास 300 किमी के दायरे में भीड़ नियंत्रण के लिए खास प्लान तैयार किया गया है।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हाल ही में हुई भगदड़ की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस दर्दनाक हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हुए। इस घटना के बाद रेलवे मंत्रालय ने भीड़ प्रबंधन को लेकर नए नियम बनाने का फैसला किया है। रेलवे बोर्ड ने ऐलान किया है कि देशभर के 60 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर होल्डिंग एरिया बनाए जाएंगे, ताकि ट्रेनों के आगमन से पहले यात्रियों को सुरक्षित तरीके से रोका जा सके और भगदड़ जैसी घटनाओं को टाला जा सके।
रेलवे का बड़ा फैसला
रेलवे स्टेशनों पर होने वाली भीड़भाड़ को रोकने के लिए एक नया मैनुअल तैयार किया जाएगा, जिसमें यात्री सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण से जुड़े दिशा-निर्देश शामिल होंगे। खासकर त्योहारों, कुंभ मेले, होली, दिवाली और छठ पूजा जैसे अवसरों पर यह व्यवस्था बेहद कारगर साबित हो सकती है। रेलवे का मानना है कि अगर यात्रियों को ट्रेनों के आगमन के 30 मिनट पहले तक प्लेटफॉर्म पर जाने से रोका जाए, तो भीड़ को नियंत्रित किया जा सकता है।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर क्या हुआ था?
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 16 पर 15 फरवरी को भगदड़ मच गई। दरअसल, मगध एक्सप्रेस और प्रयागराज एक्सप्रेस के रवाना होने के बीच अचानक यात्रियों की संख्या बढ़ गई। इसी दौरान रेलवे ने प्लेटफॉर्म नंबर 12 से एक अतिरिक्त ट्रेन चलाने की घोषणा कर दी। जैसे ही यह घोषणा हुई, प्लेटफॉर्म 16 पर खड़े यात्री तेजी से प्लेटफॉर्म 12 की ओर भागने लगे। इस हड़बड़ी में 25-30 यात्री एक साथ सीढ़ियों पर चढ़ने लगे, जिससे पहले से बैठे यात्रियों में घबराहट फैल गई। इसी दौरान ऊपर से किसी यात्री का सामान गिर गया, जिससे लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे और भगदड़ मच गई। इस हादसे के बाद रेलवे ने भीड़ नियंत्रण को लेकर नई रणनीति अपनाने का फैसला किया है।
प्रयागराज के लिए भी बना खास प्लान
महाकुंभ 2025 को देखते हुए रेलवे ने प्रयागराज और उसके आसपास के स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। प्रयागराज के आसपास 300 किलोमीटर के दायरे में आने वाले रेलवे स्टेशनों पर विशेष सतर्कता बरती जाएगी। प्लेटफॉर्म टिकटों की संख्या को सीमित किया जाएगा। स्टेशनों पर भीड़ ज्यादा होने पर एंट्री को नियंत्रित किया जाएगा। यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर जाने की अनुमति सिर्फ टिकट चेक करने के बाद ही दी जाएगी।
रेलवे मंत्रालय ने बनाई जांच कमेटी
रेलवे मंत्रालय ने इस हादसे की जांच के लिए दो सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति बनाई है। यह समिति पूरी घटना का अध्ययन कर जल्द ही रिपोर्ट सौंपेगी। समिति की रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। मंत्रालय के मुताबिक, घटना के समय प्लेटफॉर्म पर सामान्य दिनों की तुलना में ज्यादा भीड़ नहीं थी। त्योहारों के दौरान होने वाली भीड़ से यह संख्या काफी कम थी, लेकिन अचानक प्लेटफॉर्म बदलने की वजह से यात्री घबरा गए और भगदड़ मच गई।
नई सुरक्षा व्यवस्थाएं लागू होंगी
रेलवे बोर्ड ने स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण के लिए नए नियम लागू करने का फैसला किया है। इसमें यात्रियों, रेलवे कर्मचारियों और कुलियों के सुझावों को भी शामिल किया जाएगा। ट्रेनों के विलंब होने की स्थिति में भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष रणनीति बनाई जाएगी। प्लेटफॉर्म पर सीढ़ियों और एस्केलेटर के पास बैठने की मनाही होगी। रेलवे अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई याचिका
इस हादसे के दो दिन बाद सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में रेलवे स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण के लिए कड़े नियम बनाने और उनकी सख्ती से पालन कराने की मांग की गई है। इस याचिका में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) की 2014 की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है, जिसमें भीड़ नियंत्रण के लिए दिशा-निर्देश सुझाए गए थे। याचिका में कहा गया है कि रेलवे को गलियारों, प्लेटफॉर्म और फुटओवर ब्रिज को चौड़ा करना चाहिए और पीक आवर्स के दौरान प्लेटफॉर्म बदलने से बचना चाहिए।
रेलवे बोर्ड अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और अन्य आधुनिक तकनीकों की मदद से स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण करने की योजना बना रहा है। इससे स्टेशनों पर रीयल-टाइम भीड़ की स्थिति का पता लगाया जा सकेगा और यात्रियों को सही दिशा-निर्देश दिए जा सकेंगे। रेलवे मंत्रालय का यह फैसला यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम है। अगर होल्डिंग एरिया, सीमित प्लेटफॉर्म टिकट और AI जैसी तकनीकों को सही से लागू किया जाए, तो भविष्य में ऐसे हादसों को टाला जा सकता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि रेलवे कितनी जल्दी इन नए नियमों को लागू करता है और यात्रियों की सुरक्षा के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं।