Pahalgam attack: पाकिस्तान की मीटिंग में मचा हड़कंप, पूछा- भारत से लड़ने को बारूद है क्या?
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने जो कड़ा रुख अपनाया, उससे पाकिस्तान में हड़कंप मच गया. हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने, इस्लामाबाद मिशन की संख्या घटाने और अटारी बॉर्डर बंद करने जैसे सख्त कदम उठाए.

22 अप्रैल 2025 की दोपहर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक ऐसा खौफनाक मंजर देखने को मिला, जिसने पूरे भारत को झकझोर कर रख दिया. आतंकियों ने घात लगाकर एक बड़ा हमला किया, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई और दर्जनों गंभीर रूप से घायल हुए. हमले के ठीक बाद, भारत की सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर आ गईं और प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर रक्षा मंत्रालय तक हलचल तेज हो गई.
लेकिन भारत के जवाबी रुख से सबसे ज़्यादा घबराया तो पाकिस्तान. क्योंकि 23 अप्रैल को भारत सरकार की कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में लिए गए फैसलों ने साफ संकेत दे दिया कि इस बार बात केवल निंदा तक नहीं रुकेगी. जवाब सख्त होगा, तेज़ होगा और ऐसा होगा जो याद रखा जाएगा.
पाकिस्तान में हड़कंप
भारत के सख्त रुख का असर पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद तक महसूस किया गया. 24 अप्रैल को पाकिस्तान सरकार ने आनन-फानन में अपनी National Security Committee (NSC) की एक आपातकालीन बैठक बुलाई. इस बैठक में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर, ISI प्रमुख और रक्षा मंत्रालय के आला अधिकारी मौजूद थे.
इस बैठक में जो बात सबसे चौंकाने वाली थी, वो ये कि वहां सवाल उठाया गया “अगर भारत हमला कर दे, तो हमारे पास लड़ने के लिए पर्याप्त गोला-बारूद भी है या नहीं?” यह सवाल इस बात का संकेत था कि पाकिस्तान के भीतर भारत के जवाबी एक्शन को लेकर कितना भय है. और यह भय यूं ही नहीं है भारत की सैन्य ताकत, उसकी कूटनीति और वैश्विक समर्थन को देखकर यह डर लाजमी भी है.
NSC में लिए गए फैसले
पाकिस्तान की NSC मीटिंग में तीन बड़े कदमों पर चर्चा हुई
1. बलूचिस्तान से फाइटर जेट स्क्वाड्रन को एलओसी पर भेजने का फैसला – भारत की संभावित एयर स्ट्राइक को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान ने अपनी वायुसेना को सतर्क कर दिया है.
2. सेना की फॉर्मेशन्स को रिलोकेट किया गया – यानी पाकिस्तानी सेना की तैनाती का पुनर्गठन किया गया और कई यूनिट्स को एलओसी के नजदीक तैनात कर दिया गया है.
3. गोला-बारूद की उपलब्धता पर समीक्षा – यह वो सबसे महत्वपूर्ण और डर दर्शाने वाला बिंदु था. NSC में पूछा गया कि क्या अगर युद्ध हुआ तो पाकिस्तान की सेना 15 दिन से ज़्यादा टिक पाएगी?
भारत का जवाब
23 अप्रैल को भारत की कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक में तीन बड़े फैसले लिए गए
1. सिंधु जल संधि का निलंबन – जो दशकों से भारत और पाकिस्तान के बीच पानी बांटने की समझौता थी, अब भारत उसे रोककर पाकिस्तान को आर्थिक और पारिस्थितिक रूप से नुकसान पहुंचा सकता है.
2. इस्लामाबाद मिशन में कटौती – पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के स्टाफ की संख्या घटाई जा रही है, जिससे साफ है कि राजनयिक रिश्तों में कटौती की दिशा में भारत आगे बढ़ रहा है.
3. अटारी-वाघा बॉर्डर को अस्थाई रूप से बंद करना – इससे व्यापारिक और नागरिक आवागमन रुक जाएगा, जो पाकिस्तान की कमजोर अर्थव्यवस्था पर सीधा असर डालेगा. इन तीनों फैसलों ने पाकिस्तान को साफ संकेत दे दिया अब भारत सिर्फ कागजी विरोध नहीं करेगा, अब कार्रवाई होगी.
LOC पर तनाव
NSC मीटिंग के बाद पाकिस्तान की सेना ने नियंत्रण रेखा (LOC) पर अपनी गतिविधियों को बढ़ा दिया है. रावलपिंडी स्थित 10वीं कोर को हाई अलर्ट पर रखा गया है. वहीं सियालकोट और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी सैनिकों की संख्या में वृद्धि की गई है. खास निर्देश दिए गए हैं कि सैनिक बंकरों में छिपकर निगरानी करें, ताकि भारतीय जवाबी कार्रवाई से बचा जा सके. इस बीच पाकिस्तानी मीडिया ने भी इस पूरे घटनाक्रम को लेकर बेहद सावधानी बरती, लेकिन कुछ चैनलों ने यह भी माना कि भारत की प्रतिक्रिया इस बार “अप्रत्याशित रूप से तीव्र” हो सकती है. वहीं भारत की मीडिया में ये खबर प्रमुखता से चल रही है कि अब भारत “सर्जिकल स्ट्राइक 2.0” या “पानी पर वार” जैसे विकल्पों पर विचार कर रहा है.
वही भारत में इस हमले के बाद आम लोगों के मन में गुस्सा है. सोशल मीडिया पर #PahalgamRevenge और #StrikeBackIndia जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं. लोगों की भावना यही है कि अब सिर्फ शोक नहीं, जवाब चाहिए और ऐसा जवाब जो पाकिस्तान को सालों तक याद रहे.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद एक बार फिर साबित हो गया कि भारत अब बदल चुका है. अब भारत केवल अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बयान देने वाला देश नहीं, बल्कि जरूरत पड़ने पर हर मोर्चे पर जवाब देने वाला राष्ट्र बन चुका है. पाकिस्तान की NSC मीटिंग में पूछा गया सवाल “क्या हमारे पास लड़ने के लिए गोला-बारूद है?” भारत की नीति की सबसे बड़ी जीत है. यह उस दबाव का प्रतीक है जिसे भारत की रणनीति ने पाकिस्तान पर बनाया है.