नीरज चोपड़ा ने दिया खास संदेश, तो प्रधानमंत्री मोदी ने किया उनका समर्थन
नीरज चोपड़ा ने मोटापे से लड़ने का दिया संदेश, प्रधानमंत्री मोदी ने किया समर्थन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा के एक सोशल मीडिया पोस्ट को कोट करते हुए एक प्रेरणादायक संदेश दिया। नीरज चोपड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में कहा था कि स्वस्थ रहने के लिए आपको एथलीट या फिटनेस उत्साही होने की आवश्यकता नहीं है। पोस्ट में नीरज ने एक लेख साझा किया था।
नीरज चोपड़ा के इसी पोस्ट को कोट करते हुए पीएम मोदी ने एक्स पर कहा कि नीरज चोपड़ा द्वारा लिखा गया एक ज्ञानवर्धक और प्रेरक लेख, जो मोटापे से लड़ने और स्वस्थ रहने की आवश्यकता पर जोर देता है।
An insightful and motivating piece by Neeraj Chopra, which reiterates the need to fight obesity and remain healthy. @Neeraj_chopra1 https://t.co/L89xeCTr26
— Narendra Modi (@narendramodi) February 12, 2025
इससे पहले नीरज चोपड़ा ने अपने एक्स अकाउंट पर एक लेख शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा था, "स्वस्थ रहने के लिए आपको एथलीट या फिटनेस उत्साही होने की आवश्यकता नहीं है। मोटापे के खिलाफ लड़ाई एक ऐसी चीज है जिसका हमें डटकर सामना करना होगा। आइए हम सब मिलकर भारत को फिट बनाने के माननीय पीएम नरेंद्र मोदी जी के सपने का समर्थन करें!"
नीरज चोपड़ा ने अपने लेख में कहा था कि जब मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारत में मोटापे से लड़ने का आह्वान सुना, तो यह मेरे दिल को छू गया। मैं पहले से ही जानता था कि अधिक वजन होने से क्या संघर्ष होता है, इससे क्या कलंक लगता है और खेल और फिटनेस से क्या बड़ा बदलाव आ सकता है। मेरा खुद का सफर - एक अधिक वजन वाले बच्चे से लेकर ओलंपिक पोडियम तक - दृढ़ संकल्प, सही मानसिकता और अनुशासित दृष्टिकोण का परिणाम रहा है। अगर हमारे पास ये सभी दृष्टिकोण हैं, तो कोई भी बाधा पार कर सकते हैं।
नीरज ने आगे लिखा था कि मोटापा सिर्फ़ शारीरिक दिखावट से जुड़ा नहीं है, यह स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती से जुड़ा है। आज, भारत में सभी आयु समूहों में मोटापे में खतरनाक वृद्धि देखी जा रही है। बचपन में मोटापा एक गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है, क्योंकि ज़्यादा से ज़्यादा युवा लोग फास्ट फूड, स्क्रीन पर बहुत ज्यादा समय बिताने और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण गतिहीन जीवनशैली अपना रहे हैं। इससे न सिर्फ़ उनके शारीरिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है, जिससे उनका आत्म-सम्मान कम होता है और मधुमेह और हृदय संबंधी बीमारियों का जोखिम बढ़ता है।
Input: IANS