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मोदी सरकार की आज राज्यसभा में अग्निपरीक्षा, जानिए ऊपरी सदन का नंबरगेम

वक्फ संशोधन बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। हालाँकि ऊपरी सदन में केंद्र की मोदी सरकार के सामने कोई बड़ी अड़चन नहीं आने वाली। क्योंकि राज्यसभा में भी एनडीए में शामिल टीडीपी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) अजीत पवार की एनसीपी और जेडीयू का पूरा समर्थन मिलेगा।

03 Apr, 2025
( Updated: 03 Apr, 2025
06:56 PM )
मोदी सरकार की आज राज्यसभा में अग्निपरीक्षा, जानिए ऊपरी सदन का नंबरगेम
केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक बिल पेश किया। जिसे कई घंटे चली सत्ता पक्ष बनाम विपक्ष की बहस के बाद हुई वोटिंग में इसे पारित किया गया। लोकसभा में इस विधेयक को लेकर वोटिंग में इसके पक्ष में 288 जबकि विपक्ष में 232 वोट पड़े। इस तरह से यह बिल निचले सदन यानी लोकसभा से पास हो गया। इसके बाद अब बारी है राज्यसभा की। गुरुवार को इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। हालाँकि ऊपरी सदन में केंद्र की मोदी सरकार के सामने कोई बड़ी अड़चन नहीं आने वाली। क्योंकि राज्यसभा में भी एनडीए में शामिल टीडीपी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) अजीत पवार की एनसीपी और जेडीयू का पूरा समर्थन मिलेगा। 


ऊपरी सदन में क्या है नंबर का गेम 

दरअसल, संसद के ऊपरी सदन में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू गुरुवार की दोपहर एक बजे इस बिल को पेश करने वाले है। माना जा रहा है कि संसद के ऊपरी सदन यानी राज्यसभा में बड़ी ही आसानी से सरकार इस बिल को पारित करा लेगी। जिसके बाद इसके कानून के रूप में बनने का रास्ता साफ़ हो जाएगा। बताते चले कि राज्यसभा में इस वक़्त कुल 236 सांसद है। ऐसे में कोई भी बिल को इस सदन से पारित कराने के लिए बहुमत का आँकड़ा 119 है। वही सदन में बीजेपी की संख्यबल सबसे मजबूत है, पार्टी के पास अपने 98 सांसद है। वही एनडीए गठबंधन की लिहाज से सरकार के पास 115 सांसदो का साथ मिलेगा। इसके आलवा अगर छह मनोनीत सदस्यों को भी जोड़ लिया जाए जिनका साथ सरकार को आमतौर पर मिलता है तो संख्या 121 पहुंच जाती है। जो विधेयक को पारित कराने के बहुमत के आँकड़े से अधिक है। वही विपक्षी पार्टियों की संख्या पर नजर डालें तो कांग्रेस के पास 27 और इंडिया गठबंधन के अन्य घटक दल के पास कुल मिलकर 58 सांसद राज्यसभा में है। इस तरह विपक्ष के पास कुल 85 सांसद है। इसके अलावा बीजेडी के सात, एआईएडीएमके के चार, वाईआरएस कांग्रेस के नौ और छोटे दल के साथ निर्दल को मिलाकर तीन सांसद है। जो कि न तो सत्ता पक्ष के साथ न तो विपक्ष की महागठबंधन के साथ है।  


कब पेश हुआ था बिल ?

बताते चले कि केंद्र मोदी सरकार ने इस बिल को पिछले वर्ष लोकसभा के सदन में पेश किया था। जिस पर सदन में विपक्ष के द्वारा विरोध और हंगामे के बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति को भेजा दिया गया था। इसके बाद बीजेपी के वरिष्ठ सांसद जगदंबिका पाल को इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद समिति की तमाम बैठकों के बाद इसकी रिपोर्ट से संबंधित संशोधित बिल को केंद्रीय कैबिनेट की मंज़ूरी मिली थी। ग़ौरतलब है कि बुधवार को लोकसभा में इस बिल को लेकर सरकार बनाम विपक्ष की बहस के बाद वोटिंग हुई।जिसमें कुल 464 वोट में से बिल के समर्थन में 288 जबकि विरोध में 232 वोट रहे। 

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