"अगर खून बहेगा" शशि थरूर का बिलाावल भुट्टो को करारा जवाब , पहलगाम हमले पर भारत का बड़ा कदम
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान में तनाव चरम पर। शशि थरूर ने बिलाावल भुट्टो के बयान पर दिया तीखा जवाब। जानिए भारत का अगला कदम क्या हो सकता है।

कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है. इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की दर्दनाक मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया है. अब देश भर में पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की मांग तेज हो गई है. कांग्रेस सांसद और पूर्व राजनयिक शशि थरूर ने भी इस मुद्दे पर अपनी स्पष्ट राय रखते हुए कहा है कि अब कोई न कोई सैन्य प्रतिक्रिया अवश्य होगी, जिसे दुनिया देखेगी.
शशि थरूर ने एक साक्षात्कार में बात करते हुए कहा कि यह कोई पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने आतंक को सीमा पार से बढ़ावा दिया हो. पिछले पच्चीस वर्षों से यही पैटर्न देखने को मिल रहा है. पाकिस्तान आतंकियों को प्रशिक्षित करता है, हथियार देता है, उन्हें सीमा पार भेजता है और जब हमला होता है तो हर बार इनकार कर देता है. थरूर ने कहा कि बाद में विदेशी खुफिया एजेंसियां भी पाकिस्तान की संलिप्तता को साबित कर देती हैं. फिर भी पाकिस्तान का रवैया नहीं बदलता.
पुलवामा और उरी हमलों के बाद भारत ने जो जवाबी कार्रवाई की थी, उसकी ओर इशारा करते हुए थरूर ने कहा कि इस बार प्रतिक्रिया और भी कड़ी हो सकती है. उन्होंने याद दिलाया कि 2016 में उरी हमले के बाद भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी और 2019 में पुलवामा हमले के जवाब में बालाकोट एयर स्ट्राइक की थी. थरूर ने दो टूक कहा "इस बार शायद उससे भी बड़ा कदम उठाया जाए. हमारे पास कूटनीतिक, आर्थिक, गुप्त और प्रत्यक्ष कई विकल्प हैं. लेकिन अब कोई न कोई ऐसा कदम उठेगा जो सबको दिखेगा."
देश की जनता भी अब केवल निंदा या बयानबाजी से संतुष्ट नहीं होगी. थरूर ने कहा कि पूरा देश जवाब की मांग कर रहा है और सरकार इस जनभावना को नजरअंदाज नहीं कर सकती. हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि कब, कहां और कैसे जवाब दिया जाएगा, इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाएगी. पर एक बात तय है कि पाकिस्तान को इस बार करारा जवाब मिलेगा.
इस बीच पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने भारत द्वारा सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को समाप्त करने के निर्णय पर भड़काऊ बयान देते हुए कहा, "अगर खून बहेगा तो फिर बहता रहेगा." इस बयान पर शशि थरूर ने भी करारा पलटवार किया. उन्होंने कहा, "यह केवल भड़काऊ बयानबाजी है. पाकिस्तान को समझना चाहिए कि वे भारतियों को यूं ही मार नहीं सकते. हम पाकिस्तानियों को कुछ नहीं करना चाहते. लेकिन अगर उन्होंने हम पर हमला किया, तो उन्हें उसके परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए. अगर खून बहेगा तो शायद उनका ज्यादा बहेगा."
पाहलगाम हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था हाई अलर्ट पर है. पहलगाम, जिसे 'मिनी स्विट्जरलैंड' कहा जाता है, अब दहशत का गढ़ बन गया है. प्रारंभिक जांच में पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ सामने आया है. लश्कर का नाम आते ही एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को आतंकवाद का गढ़ करार दिया जा रहा है.
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का असर अन्य समझौतों पर भी पड़ा है. भारत ने सिंधु जल संधि को समाप्त कर दिया है, वहीं पाकिस्तान ने भी बौखलाहट में सभी द्विपक्षीय समझौते, जिनमें शिमला समझौता भी शामिल है, निलंबित कर दिए हैं. दोनों देशों के बीच वीजा सेवाएं रद्द कर दी गई हैं और नियंत्रण रेखा (LoC) पर भी संघर्षविराम उल्लंघन के मामले तेजी से बढ़े हैं.
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति 1999 के कारगिल युद्ध के समय जैसी बनती जा रही है. लेकिन इस बार भारत पहले से ज्यादा तैयार और निर्णायक मूड में नजर आ रहा है. सरकार के भीतर और बाहर दोनों जगह यह भावना प्रबल है कि आतंक के खिलाफ आधे-अधूरे कदम अब काफी नहीं होंगे. शशि थरूर जैसे वरिष्ठ नेता का स्पष्ट बयान इस बात का संकेत है कि भारत केवल राजनयिक दबाव तक सीमित नहीं रहेगा. आने वाले दिनों में पाकिस्तान को एक सख्त और असाधारण जवाब मिलने की पूरी संभावना है.
पिछले कुछ वर्षों में भारत ने अपनी विदेश नीति और आंतरिक सुरक्षा को लेकर जो सख्त रुख अपनाया है, वह अब और भी मुखर होता दिख रहा है. कूटनीतिक रूप से भी भारत ने पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कोशिशों में तेजी लाई है. वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान को आतंकवाद के प्रायोजक के तौर पर चिह्नित करने का अभियान भी तेज कर दिया गया है.
फिलहाल पूरा देश सांस रोक कर इंतजार कर रहा है कि भारत का अगला कदम क्या होगा. क्या एक और सर्जिकल स्ट्राइक होगी या फिर इससे भी बड़ा कोई सैन्य अभियान? एक बात तय है कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा.