NSA अजीत डोभाल ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से की मुलाकात, कहा- युद्ध भारत की च्वाइस नहीं...
पाकिस्तान द्वारा सीजफायर तोड़ने और जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में हमला करने के बीच भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच अहम बातचीत हुई. बातचीत में डोभाल ने दो टूक कहा कि भारत युद्ध नहीं चाहता लेकिन आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई ज़रूरी है.

पाकिस्तान और भारत के बीच सीजफायर घोषित होने के बाद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाक खुद को पीड़ित दिखाने में जुट गया है. दरअसल शनिवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी और पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री व विदेश मंत्री इशाक डार के बीच हुई बातचीत में बीजिंग ने पाकिस्तान की "संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय स्वतंत्रता" का समर्थन दोहराया. यह बयान साफ तौर पर भारत को चेतावनी देने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.
और इसीलिए चीन की आड़ में पाकिस्तान ने सीजफायर समझौते को महज कुछ ही घंटों में तोड़ दिया. पाकिस्तान ने एक बार फिर अपने नापाक मंसूबों को उजागर करते हुएनियंत्रण रेखा (LOC) के पास स्थित राजौरी, अखनूर और सांबा जैसे इलाकों में भारी गोलाबारी की गई. इसके अलावा श्रीनगर, उधमपुर और जम्मू जैसे प्रमुख शहरों में भी जोरदार धमाकों की आवाज सुनाई दी।
डोभाल और चीन के विदेश मंत्री में हुई बात
इस बीच, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने चीन के शीर्ष राजनयिक वांग यी से फोन पर बातचीत की। वांग यी, जो कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य और केंद्रीय विदेश मामलों के आयोग के निदेशक हैं, ने इस संवाद की पुष्टि की है। डोभाल ने बातचीत के दौरान स्पष्ट किया कि भारत युद्ध नहीं चाहता और यह किसी भी पक्ष के हित में नहीं है। उन्होंने हालिया पहलगाम हमले का हवाला देते हुए आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई को आवश्यक बताया। डोभाल ने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों ने युद्धविराम के लिए प्रतिबद्धता जताई है, लेकिन पाकिस्तान की ओर से हुई हरकतें इस विश्वास को तोड़ने वाली हैं।
Chinese Foreign Minister Wang Yi had a phone conversation with Indian National Security Advisor Doval
— ANI (@ANI) May 10, 2025
As per Chinese Foreign Ministry, "Doval said that the Pahalgam terrorist attack caused serious casualties among Indian personnel and that India needed to take counter-terrorism… pic.twitter.com/38ZyFkHrTN
बातचीत के बाद बदले चीन के सुर
चीन की ओर से यह बयान दिया गया कि वह भारत की सुरक्षा चिंताओं को समझता है और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए भारत के साथ संवाद बनाए रखना चाहता है। इस बातचीत को रणनीतिक दृष्टिकोण से काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि चीन की भूमिका दक्षिण एशिया में निर्णायक होती जा रही है। ऐसे समय में जब भारत को पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान और उत्तरी सीमा पर चीन से खतरे का सामना करना पड़ रहा है, डोभाल और वांग यी के बीच हुई बातचीत आने वाले समय में कूटनीतिक संतुलन स्थापित करने में मदद कर सकती है।
जम्मू, उधमपुर और श्रीनगर में ब्लैकआउट लागू
आपको बता दें कि श्रीनगर के प्रतिष्ठित लाल चौक पर हुए विस्फोट से पूरे इलाके में दहशत का माहौल बन गया। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, श्रीनगर में महज बीस मिनट में कई धमाके सुनाई दिए, जो पाकिस्तान की ओर से जारी आतंकी साजिशों की गंभीरता को उजागर करते हैं। यह सब ऐसे वक्त में हुआ जब दोनों देशों ने युद्धविराम की घोषणा की थी और क्षेत्र में शांति की उम्मीदें जगने लगी थीं। लेकिन पाकिस्तान ने महज तीन घंटे के भीतर ही ड्रोन और मिसाइल हमलों से इस समझौते की धज्जियां उड़ा दीं। पहले हमले एलओसी के समीपवर्ती इलाकों में हुए और फिर धीरे-धीरे यह हमला श्रीनगर और उधमपुर तक फैल गया। हालात की गंभीरता को देखते हुए सेना ने जम्मू, उधमपुर और श्रीनगर में ब्लैकआउट लागू कर दिया है। नियंत्रण रेखा पर स्थित सभी चौकियों को अलर्ट पर रखा गया है और सेना ने स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखी है।
पाकिस्तान की इस हरकत के बाद भारतीय सेना ने सीमावर्ती इलाकों में अपनी निगरानी और भी कड़ी कर दी है। सैन्य सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान की ओर से किसी भी और कार्रवाई की आशंका को देखते हुए उच्चस्तरीय सतर्कता बरती जा रही है। कई संवेदनशील क्षेत्रों में स्पेशल फोर्सेस की तैनाती भी की जा रही है। सरकार ने खुफिया एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि आतंकी गतिविधियों पर नजर रखी जाए और सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाए जा रहे दुष्प्रचार पर भी कड़ी कार्रवाई की जाए।
भारत की जनता एक ओर शांति की चाह रखती है तो दूसरी ओर अपने सैनिकों की बहादुरी पर गर्व करती है। ऐसे समय में जब सीमा पर हालात फिर से तनावपूर्ण हो गए हैं, अजीत डोभाल का चीन से संवाद और सेना की तत्परता यह संकेत देती है कि भारत न तो उकसावे में आएगा और न ही किसी भी साजिश को अनदेखा करेगा। देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसके लिए भारत हर मोर्चे पर तैयार है।