Delhi Assembly Election: 42 पर भरोसा, 20 का टिकट कटा, जानिए दिल्ली चुनाव में AAP की रणनीति
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2024 में अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी के 20 मौजूदा विधायकों का टिकट काटकर नए चेहरों को मौका दिया है। इस बार 10 महिला उम्मीदवारों को भी शामिल किया गया है। 10 साल की सत्ता विरोधी लहर को मात देने के लिए केजरीवाल ने मुफ्त योजनाओं और महिला सम्मान योजना पर भरोसा जताया है।

दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान भले ही अभी चुनाव आयोग ने नहीं किया है, लेकिन राजधानी की राजनीति का पारा पहले ही चढ़ चुका है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने 70 सीटों के लिए अपने सभी उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। इस बार अरविंद केजरीवाल अपनी रणनीतियों में बड़े बदलाव के साथ मैदान में उतरे हैं, जो न केवल चर्चा का विषय है, बल्कि उनके विरोधियों के लिए चुनौती भी पेश कर रहा है।
42 विधायकों पर भरोसा, 20 का टिकट कटा
AAP ने मौजूदा 62 विधायकों में से 42 पर भरोसा जताते हुए उन्हें फिर से मौका दिया है, जबकि 20 विधायकों का टिकट काट दिया गया है। यह कदम एंटी-इनकंबेंसी (सत्ता विरोधी लहर) को निष्प्रभावी करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। टिकट कटने वाले विधायकों की जगह पार्टी ने नए और उभरते चेहरों को मैदान में उतारा है। खास बात यह है कि इस बार केजरीवाल ने 10 महिलाओं को भी टिकट देकर महिलाओं को साधने की कोशिश की है।
महिला वोटरों पर खास ध्यान
केजरीवाल की चुनावी रणनीति में महिला वोटरों को खास जगह दी गई है। पिछले चुनावों में महिलाओं का समर्थन AAP की बड़ी जीत में अहम भूमिका निभा चुका है। इस बार महिलाओं के लिए ‘महिला सम्मान योजना’ के तहत 2100 रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया गया है। साथ ही डीटीसी बसों में मुफ्त यात्रा, बिजली और पानी मुफ्त जैसी योजनाओं को भी भुनाने की तैयारी है। दिल्ली में कई ऐसी सीटें हैं, जहां महिला वोटरों का रुझान निर्णायक साबित हो सकता है, और AAP इसे भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।
मुफ्त योजनाओं का असर
AAP की मुफ्त बिजली, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं की योजनाओं को लेकर अरविंद केजरीवाल ने जनता से भावनात्मक अपील की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर AAP सत्ता में नहीं आई, तो बीजेपी इन सभी मुफ्त सेवाओं को खत्म कर देगी। इसके जरिए उन्होंने मतदाताओं में एक तरह का डर पैदा करने की कोशिश की है, ताकि वे AAP के पक्ष में वोट करें। दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस से है। जहां AAP ने अपने सभी उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं, वहीं बीजेपी और कांग्रेस अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं कर पाई हैं। बीजेपी केजरीवाल के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा को नई दिल्ली सीट से उतार सकती है। वहीं, कांग्रेस ने 21 उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जिसमें संदीप दीक्षित (शीला दीक्षित के बेटे) का नाम भी शामिल है।
AAP ने इस बार केजरीवाल समेत अपने कई प्रमुख नेताओं को उनके पुराने निर्वाचन क्षेत्रों से टिकट दिया है। इस सूची में मुख्यमंत्री आतिशी (कालकाजी), गोपाल राय (बाबरपुर), और सौरभ भारद्वाज (ग्रेटर कैलाश) शामिल हैं। पार्टी ने नए चेहरों को भी तरजीह दी है, जिससे पार्टी का जनाधार बढ़ सके। वही आंकड़ों की बात करें तो 2020 के विधानसभा चुनाव में AAP ने 70 में से 62 सीटें जीतकर भारी बहुमत हासिल किया था। हालांकि, इस बार पार्टी को 10 साल की सत्ता विरोधी लहर, आबकारी नीति विवाद और अन्य मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है।
दिल्ली की जनता के बीच अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता अभी भी बरकरार है। उनकी ‘दिल्ली मॉडल’ पर जनता का भरोसा काफी हद तक कायम है। हालांकि, बीजेपी की आक्रामक रणनीति और कांग्रेस के वापसी के प्रयासों को देखते हुए यह चुनाव दिलचस्प होने वाला है। आम आदमी पार्टी की रणनीति और केजरीवाल की मुफ्त योजनाओं पर भरोसा चुनावी नतीजों में कितना असर डालेगा, यह देखना दिलचस्प होगा। बीजेपी और कांग्रेस को अपनी साख बचाने के लिए जनता के बीच ठोस मुद्दों के साथ जाना होगा। चुनावी माहौल में इस बार मुकाबला पहले से ज्यादा रोमांचक और चुनौतीपूर्ण नजर आ रहा है।
यह चुनाव सिर्फ AAP के लिए सत्ता की हैट्रिक लगाने का मौका नहीं है, बल्कि दिल्ली के सियासी समीकरणों को बदलने का एक बड़ा मौका भी है। कौन जीतेगा और कौन हारेगा, इसका फैसला जनता करेगी। लेकिन इतना तय है कि यह चुनाव दिल्ली की राजनीति में नया इतिहास रचने की तैयारी कर रहा है।