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मिशन-2027 को फ़तह करने के लिए CM योगी ने तैयार किया ब्लूप्रिंट, जानिए क्या होगा चुनावी एजेंडा ?

उत्तर प्रदेश में एक बार फिर सियासी पारा हाई होता हुआ दिखाई दे रहा है, इसके पीछे की वजह सूबे के मुखिया योगी आदित्यानाथ का वो बयान है, जिसमें उन्होंने संभल हिंसा और बांग्लादेश का जिक्र करते हुए बाबर और डीएनए की बात कही थी। सीएम योगी के इस बयान के कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे है।

06 Dec, 2024
( Updated: 05 Dec, 2025
12:17 AM )
मिशन-2027 को फ़तह करने के लिए CM योगी ने तैयार किया ब्लूप्रिंट, जानिए क्या होगा चुनावी एजेंडा ?
उत्तर प्रदेश में एक बार फिर सियासी पारा हाई होता हुआ दिखाई दे रहा है, इसके पीछे की वजह सूबे के मुखिया योगी आदित्यानाथ का वो बयान है, जिसमें उन्होंने संभल हिंसा और बांग्लादेश का जिक्र करते हुए बाबर और डीएनए की बात कही थी। सीएम योगी के इस बयान के कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे है। जानकारों की माने तो मुख्यमंत्री योगी का ये बयान देकर यूपी में 2027 विधानसभा चुनाव के एजेंडे को सेट कर दिया है। इसका मतलब साफ़ है कि यूपी में अगला विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ अगुवाई करेंगे चुनाव में धर्म-सनातन का कार्ड बीजेपी के तरफ़ से खुलकर खेला जाएगा। 


दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने राज्य में लोकसभा की 80 में से 80 सीट जितने का दावा किया था लेकिन नतीजे जब सामने आए तो बीजेपी के हाथ निराशा लगी। समाजवादी पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 37 सीट पर बड़ी जीत हासिल की थी, इस नतीजे से समाजवादी पार्टी के नेताओ और कार्यकर्ताओं में सकारात्मक भाव पैदा हुआ था। एक तरफ़ अखिलेश यादव कार्यकर्ताओं के जोश को बरक़रार रखने के लिए पूरी कोशिश कर रहे है। वही उप चुनाव में बीजेपी ने 9 में से 7 सीट पर जीत हासिल की अपने प्रदर्शन में कमबैक भले ही कर लिया हो लेकिन असली चुनौती विधानसभा चुनाव में होगी। इस बात को गंभीरता से समझते हुए योगी आदित्यानाथ ने जीत की हैट्रिक लगाने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में योगी आदित्यानाथ के ताज़ा बयानों ने इस बात का साफ़ संकेत दे दिया है कि मुख्यमंत्री योगी का एजेंडा फ़ाइनल है। ऐसे में जिस तरह से उनके बयान धर्म और DNA को लेकर आ रहे है। इसको लेकर वपक्ष के साथ ज़ुबानी जंग भी देखने की मिल सकती है। 


क्या था मुख्यमंत्री योगी का DNA वाला बयान 

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ख़ाली होकर अब सूबे के मुखिया योगी आदित्यानाथ अपने राज्य के अलग-अलग जिलों का दौरा करना शुरू कर दिए है। इसी कड़ी में गुरुवार को योगी प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या पहुंचे। जहाँ उन्होंने रामनाथ पार्क में रामायण मेले का उद्घाटन किया और वहाँ मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए जो बातें बोली उसने ठंड के मौसम में सियासी मिज़ाज को गर्म कर दिया। उन्होंने कहा कि याद करो 500 साल पहले बाबर के आदमी ने अयोध्या कुंभ में क्या किया था, संभल में भी यही हुआ और बांग्लादेश में भी वहीं हो रहा है। इन तीनों घटनाओं की प्रकृति और उसमें शामिल लोगों का डीएनए एक ही है। सीएम योगी ने इस बयान के जरिए हिन्दू वोटों को एकजुट रहने का संकेत दिया और साफ कर दिया कि वो बहुसंख्यक हिंदुओं के सहारे ही चुनावी रण में उतरेंगे।


उत्तर प्रदेश की राजनीति में क़रीब से नज़र रखने वाले जानकारों की माने तो मुख्यमंत्री योगी के इस बयान से साफ़ कर दिया है कि अगले विधानसभा चुनाव में बीजेपी का एजेंडा सेट है। वही दूसरी तरफ़ सूबे की मुख्य विपक्षी पार्टी भी PDA (पिछड़ा,दलित और अल्पसंख्यक) का कार्ड दुबारा खेलेगी क्योंकि लोकसभा में अखिलेश यादव को इस प्रयोग ने फ़ायदा पहुँचाया था। हलंकी मुस्लिम वोट को लेकर सपा-कांग्रेस के बीच खीचतान की स्थिति है। क्योंकि दोनों दल अपनी पार्टी को मुस्लिमों का हितैषी बताती है। यही वजह है कि सपा संभल और अल्पसंख्यकों के मामले पर तुरंत खड़ी होती है ताकि कांग्रेस न बाज़ी मार पाए। मौजूदा राजनीतिक स्थिति को देखकर यह कहा जा सकता है कि अगले विधानसभा चुनाव में बीजेपी धर्म का तो वही समाजवादी पार्टी PDA कार्ड के दम पर चुनावी रण में कूदेगी। 

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