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नए पर दांव, पुरानों का साथ AAP के वो 14 चेहरे जिन पर दिल्ली का दारोमदार

आम आदमी पार्टी ने कई विधायकों के टिकट काटे लेकिन वे 14 चेहरे जिन पर AAP ने चौथी बार दांव लगाया है. क्या AAP के ये पुराने साथी इस बार भी कमाल कर पाएंगे. DELHI ELECTION पर ये रिपोर्ट देखिए.

Created By: NMF News
17 Dec, 2024
( Updated: 15 Jan, 2025
08:34 AM )
नए पर दांव, पुरानों का साथ AAP के वो 14 चेहरे जिन पर दिल्ली का दारोमदार
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की फाइनल लिस्ट जारी होने के साथ ही सियासी पारा चढ़ने लगा है। जहां कांग्रेस अपनी खोया हुआ अस्तित्व तलाशने की कोशिश करेगी तो वहीं, BJP-कांग्रेस केजरीवाल से सत्ता हथियाने की पूरी जुगत में रहेगी। लेकिन तैयारियों के मामले में AAP अपने विरोधियों से कई कदम आगे निकल गई। AAP ने 70 सीटों पर अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया। AAP ने कुल 4 लिस्ट जारी की। पहली लिस्ट में 11 दूसरी लिस्ट में 31 तीसरी लिस्ट में एक तो चौथी और आखिरी लिस्ट में 38 नाम थे। पार्टी ने पहली और दूसरी लिस्ट में कई विधायकों का पत्ता काट दिया। करीब 20 से ज़्यादा विधायकों का टिकट कटा। लेकिन केजरीवाल के वो 14 खिलाड़ी जो शुरू से अब तक उनकी प्लेइंग टीम का हिस्सा रहे। उन पर इस बार भी भरोसा जताया गया।


इन 14 विधायकों पर चौथी बार दांव 


राखी बिड़लान- मादीपुर सीट। अखिलेश पति त्रिपाठी- मॉडल टाउन। अरविंद केजरीवाल- नई दिल्ली सीट। मनीष सिसोदिया- जंगपुरा।  सोम दत्त- सदर बाजार। जरनैल सिंह- तिलक नगर। सौरभ भारद्वाज- ग्रेटर कैलाश। बंदना कुमारी- शालीमार बाग़। दिनेश मोहनिया- संगम विहार।अजेय यादव- शकूर बस्ती।सोमनाथ भारती- मालवीय नगर। संजीव झा- बुराड़ी। विशेष रवि- क़रोल बाग़। सत्येंद्र जैन- शकूर बस्ती। 


हर चुनाव में AAP के किसी ना किसी नेता का पत्ता कट जाता है लेकिन ये 14 पार्टी के पुराने साथी हैं। हालांकि इस बार इनमें से कई विधायकों की सीट बदली गई। जिनमें दुर्गैश पाठक, मनीष सिसोदिया, राखी बिड़लान की सीट बदली गई।

दुर्गैश पाठक राघव चड्ढा की सीट राजिंदर नगर से चुनाव लड़ेंगे । राघव चड्ढा के राज्यसभा जाने के बाद ये सीट खाली हुई। इससे पहले दुर्गैश पाठक ने करावल नगर से चुनाव लड़ा था। करावल नगर से इस बार मनोज त्यागी मैदान में उतरे हैं।  मनीष सिसोदिया की सीट बदलकर उन्हें जंगपुरा सीट दी गई।इससे पहले मनीष सिसोदिया पटपड़गंज से विधायक बने।  इस बार पटपड़गंज से अवध ओझा को टिकट मिला ।राखी बिड़लान की सीट बदली, मादीपुर से लड़ेंगी चुनाव। इससे पहले राखी ने मंगोलपुरी से चुनाव लड़ा था।


माना ये नेता केजरीवाल के पुराने साथी हैं लेकिन इस बार AAP की चुनावी राह इतनी भी आसान नहीं है। स्पेशली जिन उम्मीदवारों की सीट बदली गई है उनको अब दोगुनी ताकत झोंकनी पड़ेगी। 

पटपड़गंज टू जंगपुरा- मनीष सिसोदिया 


दिल्ली के पूर्व डिप्टी CM और पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया 2013 से पटपड़गंज से विधायक बनते आ रहे हैं ये पहला मौका है जब उनकी सीट बदल दी गई। हर चुनाव में सिसोदिया ने बड़े मार्जिन से जीत हासिल की। लेकिन साल 2020 का चुनाव उनके लिए आसान नहीं रहा। लास्ट चुनावों में बीजेपी के रविंद्र नेगी यहां भारी पड़ते दिखे। ऐसे में इस बार पटपड़गंज से मनीष सिसोदिया की राह आसान नहीं थी। 

जेल गए तो जनता से दूर हुए 


वहीं, मनीष सिसोदिया की सीट बदलने का एक बड़ा कारण ये भी है कि जेल जाने के बाद वे क्षेत्र के लोगों से दूर हो गए। जनता के बीच उनकी सक्रियता नहीं रही। ऐसे में इस बार की राह आसान नहीं थी। 

वहीं, जंगपुरा की बात करें तो यहां से मौजूदा AAP विधायक प्रवीन कुमार का पत्ता काटकर सिसोदिया को टिकट मिला है। हालांकि इस पर प्रवीन कुमार ने कहा कि, वे कंधे से कंधा मिलाकर सिसोदिया के साथ खड़े हैं। जंगपुरा से आम आदमी 2013 से जीत दर्ज करते हुए आ रही है। इससे पहले कांग्रेस का विधायक यहां क़ाबिज़ रहा। वहीं, मनीष सिसोदिया टिकट फाइनल होने से पहले ही इस सीट पर सक्रिय दिखने लगे थे। जंगपुरा की जंग को लेकर मनीष सिसोदिया ने कहा था,  “पटपड़गंज दिल्ली में है और जंगपुरा भी दिल्ली में ही है. इसलिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं कहां से चुनाव लड़ता हूं. जब मैं डिप्टी CM था तो मैंने पूरे मन से जंगपुरा के लिए काम किया था” 


इस बार नई दिल्ली सीट पर भी सबकी निगाहें हैं। अरविंद केजरीवाल हमेशा की तरह इसी सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। ये दिल्ली की ही नहीं बल्कि सत्ता का द्वार भी है। पिछले 4 बार से केजरीवाल इसी सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं और दिल्ली की सत्ता में काबिज हैं। इस बार उनका मुक़ाबला कांग्रेस के संदीप दीक्षित से हैं जो 3 बार CM रही शीला दीक्षित के बेटे हैं। वहीं, बीजेपी ने किसी भी सीट पर अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया लेकिन चर्चा है कि वह नई दिल्ली सीट से प्रवेश वर्मा को मैदान में उतार सकती है ऐसे में त्रिकोणीय मुकाबले की पूरी संभावना है। 

 सत्येंद्र जैन की राह इस बार कितनी आसान ? 


दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन इस बार भी शकूर बस्ती से चुनाव लड़ रहे हैं। वे इस सीट से 3 बार विधायक चुने गए। सत्येंद्र जैन करीब दो साल जेल में रहे इस दौरान जनता के बीच उनकी सक्रियता भी कम रही। 

3 बार की विधायक राखी बिड़लान की सीट क्यों बदली ? 


साल 2013 से मंगोलपुरी सीट से AAP की राखी बिड़लान जीत दर्ज करती आ रही हैं इसके बावजूद उनकी सीट बदलकर मादीपुर से टिकट दिया गया। दरअसल, इसके पीछे की वजह पार्टी के लिए एंटी इनकंबेंसी मानी जा रही है। ऐसे में पार्टी ने रिस्क फैक्टर को भी ध्यान में रखा है। चौथी बार यहां से उनकी जानना मुश्किल हो सकता था।ऐसे में उन्होंने मंगोलपुरी से उम्मीदवार ही बदल दिया और राखी बिड़लान को मादीपुर सीट से दी । मादीपुर सीट राखी के लिए सेफ सीट मानी जा रही है। 

बहरहाल AAP ने कैंडिडेट के चयन में सभी समीकरणों को ध्यान में रखा है। पुरानों में 26 विधायकों के टिकट कटे तो नए चेहरों पर भी खूब दांव लगाया गया है। बीजेपी और कांग्रेस से आए नेताओं को भी निराश ना कर टिकट दिया गया। रमेश पहलवान को पार्टी में शामिल होने के एक घंटे बाद ही टिकट मिल गया था। वे बीजेपी छोड़कर AAP में शामिल हुए थे। बहरहाल नए पर दांव और पुरानों के साथ से केजरीवाल ने अपनी प्लेइंग 70 तो तैयार कर ली लेकिन विरोधियों ने अपना पासा अभी फेंका नहीं ऐसे में असली खेल अभी बाकी है। 

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