छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर सुरक्षाबलों को मिली बड़ा सफलता, 31 नक्सली ढेर, हथियारों की फैक्ट्री भी ध्वस्त
देश भर में नक्सलियों के सफाए को लेकर चल रहे अभियान के तहत सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है. 22 दिनों तक चले इस ऑपरेशन को लेकर छत्तीसगढ़ DGP अरुण देव ने बताया कि ' इस ऑपरेशन में 17 महिला और 14 पुरुष नक्सली मारे गए हैं. यहां हथियार बनाने वाली 4 फैक्ट्रियां भी ध्वस्त हुई हैं. इसके अलावा नक्सलियों का एक अस्पताल और कई बड़े ठिकानों से गोला-बारूद, स्नाइपर भी बरामद हुए हैं.'

देश के नक्सल प्रभावित राज्यों में नक्सलियों के सफाए को लेकर चल रहे अभियान में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है. पिछले 22 दिनों से छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर के कर्रेगुट्टा पहाड़ों पर चल रहे सुरक्षाबलों के इस ऑपरेशन में 31 नक्सलियों को मार गिराया गया है. इनमें 17 महिला और 14 पुरुष नक्सली शामिल हैं. वहीं एक नक्सल अस्पताल और कई फैक्ट्रियां भी ध्वस्त की गई हैं. इसके अलावा कई नक्सल ठिकानों से गोला-बारूद और स्नाइपर भी बरामद किए गए हैं. छत्तीसगढ़ DGP अरुण देव गौतम ने इस ऑपरेशन के तहत बड़ी जानकारी साझा की है. नक्सलियों के खिलाफ यह ऑपरेशन 22 अप्रैल से चल रहा है. बता दें कि इसी दिन देश में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जहां पहलगाम के बैसरन घाटी में घूमने आए 26 पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
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— Subhodayam Subbarao (@rajasekharaa) May 14, 2025
31 Naxals eliminated near the Chhattisgarh-Telangana border!
Another giant leap toward a Naxal-free Bharat.
Anti-Naxal Strike in Karregutta Hills of Chhattisgarh #TirangaYatra #NaxalFreeBharat#Maha_तिरंगायात्रा pic.twitter.com/0TnJXCmXbO
छत्तीसगढ़-तेलंगाना के कर्रेगुट्टा बॉर्डर पर 31 नक्सली ढेर
छत्तीसगढ़-तेलंगाना के कर्रेगुट्टा बॉर्डर पर 31 नक्सली मारे गए हैं. छत्तीसगढ़ DGP अरुण देव ने बताया कि ' इस ऑपरेशन में 17 महिला और 14 पुरुष नक्सली मारे गए हैं. यहां हथियार बनाने वाली 4 फैक्ट्रियां भी ध्वस्त हुई हैं. इसके अलावा एक नक्सल अस्पताल और कई बड़े ठिकानों से गोला-बारूद, स्नाइपर भी बरामद हुए हैं. इसके अलावा नक्सलियों ने बड़े कैडर के इलाज के लिए एक किला भी बनाकर रखा था. नक्सलियों को विश्वास नहीं हो रहा था कि कोई उन तक 500 IED क्रॉस कर पहुंचेगा. हमारे जवानों ने नक्सलियों के किले को ध्वस्त करते हुए, उनके कॉन्फिडेंस को भी तोड़ा है.'
इस ऑपरेशन के लिए 24 घंटे एनालिसिस किया गया
बता दें कि छत्तीसगढ़ DGP अरुण देव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ऑपरेशन की कामयाबी और चुनौतियों के बारे में बताया कि 'हमने सबसे पहले टेक्निकल फील्ड इनपुट कलेक्ट कर एक टीम का गठन किया, उसके बाद 24 घंटे एनालिसिस किया गया. इस दौरान चढ़ने, उतरने के दौरान रास्ते में लगाई गई IED को डिफ्यूज किया गया. सबसे पहले जवानों को इसकी जानकारी दी गई. फिर ऑपरेशन लॉन्च कर हिल्स टॉप पर हेलीपेड बनाया गया.'
कितनी खतरनाक है मुठभेड़ वाली जगह
बता दें गृह मंत्री अमित शाह ने साल 2026 तक देश में नक्सलियों के सफाए का अभियान चला रखा है. जिसके तहत सुरक्षाबलों द्वारा नक्सल प्रभावित राज्यों में ऑपरेशन चल रहा है. जहां ऑपरेशन चल रहा था. वह छत्तीसगढ़- तेलंगाना का बॉर्डर इलाका है. जो छत्तीसगढ़ के सुकमा-बीजापुर और तेलंगाना के भद्रादि कोठागुडेम, मुलुगु जिले के बीच में है. इसके अलावा बीजापुर से उसूर, गलगम, पुजारी कांकेर का इलाका भी टच है, जहां घने जंगल और खड़े पहाड़ हैं, इसे कर्रेगुट्टा कहा जाता है. इसके 20-30 किमी के रेडिएशन में कोई और गांव नहीं है. यहां पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है. यही वजह है कि यह नक्सलियों का सबसे सुरक्षित ठिकाना है. इसमें पहाड़ों की एक लंबी श्रृंखला है. जो 280 किलोमीटर की है. जो तीन राज्यों को जोड़ती हैं. यहां पहाड़ों की ऊंचाई 5000 फिट है. इसलिए चढ़ने में सुरक्षाबलों को काफी तकलीफ हुई.
इस ऑपरेशन में अब तक क्या कुछ हुआ ?
बता दें कि 22 अप्रैल से नक्सलियों के खिलाफ चल रहे, इस ऑपरेशन में सुरक्षाबलों के कुल 10, 000 से जवान शामिल थे. इनमें DRG, COBRA, Baster Fighters के जवान थे. इसके बाद हर रोज सुबह 6 से 9 और शाम के बीच रुक-रुककर गोली चल रही थी. 24 अप्रैल को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड़ में 3 महिला नक्सलियों को मार गिराया गया. इन तीनों महिलाओं पर 8 लाख का इनाम था. ऑपरेशन के नौवें दिन सेना ने पहाड़ के एक हिस्से पर कब्जा जमाते हुए, तिरंगा लहराया. इस दौरान नक्सलियों ने 2 से 3 बार शांति वार्ता का भी प्रस्ताव दिया. इस ऑपरेशन में मारे गए 31 नक्सलियों में से 20 की पहचान हो गई है. वहीं सेना के 8 जवान भी IED की चपेट में आए हैं.