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दिल्ली में वायु प्रदूषण की रफ्तार में नहीं हो रही कमी, AQI लेवल में हुई बढ़ोतरी

Delhi Pollution: केंद्रीय प्रदूषण एवं नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार राजधानी दिल्ली में सोमवार सुबह 7:30 बजे तक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 347 दर्ज किया गया है। जबकि दिल्ली एनसीआर के शहर फरीदाबाद में एक्यूआई 165, गुरुग्राम में 302, गाजियाबाद में 242, ग्रेटर नोएडा में 271 और नोएडा में 237 बना हुआ है।

11 Nov, 2024
( Updated: 11 Nov, 2024
06:17 PM )
दिल्ली में वायु प्रदूषण की रफ्तार में नहीं हो रही कमी, AQI लेवल में हुई बढ़ोतरी
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Delhi Pollution: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार खराब बनी हुई है। सोमवार को यहां का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 347 दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण एवं नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार राजधानी दिल्ली में सोमवार सुबह 7:30 बजे तक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 347 दर्ज किया गया है। जबकि दिल्ली एनसीआर के शहर फरीदाबाद में एक्यूआई 165, गुरुग्राम में 302, गाजियाबाद में 242, ग्रेटर नोएडा में 271 और नोएडा में 237 बना हुआ है।आइये जानते है इस खबर को विस्तार से ...

AQI लेवल 400 पार 

वहीं, दिल्ली के जहांगीरपुरी में एक्यूआई सबसे अधिक 409 दर्ज किया गया। राजधानी दिल्ली के अधिकांश इलाकों में एक्यूआई का स्तर 300 से 400 के बीच में बना हुआ है, जिसमें आनंद विहार में 378, अलीपुर में 397, अशोक विहार में 389, बवाना में 400, बुराड़ी क्रॉसिंग में 352, मथुरा रोड में 316, द्वारका सेक्टर 8 में 356, डॉ करणी सिंह शूटिंग रेंज में 344, डीटीयू में 311 और आईजीआई एयरपोर्ट में 336 एक्यूआई दर्ज किया गया।

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सांस लेने में हो रही है परेशानी 

इसके अलावा आईटीओ में 338, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 216, लोधी रोड में 308, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में 369, मुंडका में 389, मंदिर मार्ग में 344, नरेला में 352, नेहरू नगर में 368, नॉर्थ कैंपस डीयू में 363, नजफगढ़ में 356, पटपड़गंज में 366, ओखला फेस 2 में 339, एनएसआईटी द्वारका में 369, आरके पुरम में 368, रोहिणी में 384, शादीपुर में 383, सिरी फोर्ट में 337, विवेक विहार में 372 और वजीरपुर में 391 एक्यूआई दर्ज किया गया।पूर्वी जिले की गीता कॉलोनी के आसपास एक्यूआई 325 मापा गया। यहां पर सड़कों पर पानी द्वारा छिड़काव किया जा रहा है, जिससे सड़कों पर उड़ने वाली धूल वहीं पर जम जाए और हवा में ना फैले। धूल के कण हवा में फैलने से लोगों को खासकर बच्चों और बूढ़ों को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।

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