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Delhi-NCR में वायु प्रदूषण चरम पर, सांस लेना हुआ मुश्किल, घने कोहरे से विजिबिलिटी शून्य के करीब

केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मॉनिटरिंग स्टेशनों के अनुसार दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई 500 के खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है. रोहिणी और वजीरपुर जैसे इलाकों में एक्यूआई सीधे 500 रिकॉर्ड किया गया.

Delhi-NCR में वायु प्रदूषण चरम पर, सांस लेना हुआ मुश्किल, घने कोहरे से विजिबिलिटी शून्य के करीब

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण का संकट लगातार गहराता जा रहा है. दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) बेहद खराब से लेकर गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है.  

एक्यूआई सीधे 500 रिकॉर्ड किया गया

हालात ऐसे हैं कि लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है और सुबह के समय घने कोहरे के कारण विजिबिलिटी भी न के बराबर रह गई है. केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मॉनिटरिंग स्टेशनों के अनुसार दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई 500 के खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है. रोहिणी और वजीरपुर जैसे इलाकों में एक्यूआई सीधे 500 रिकॉर्ड किया गया.

किस जगह कितना है एक्यूआई

आनंद विहार में एक्यूआई 493, अशोक विहार में 499, विवेक विहार में 493, आर.के. पुरम में 477, सीरीफोर्ट में 484, सोनिया विहार में 463 और श्री अरबिंदो मार्ग में 417 दर्ज किया गया. इसके अलावा बवाना में एक्यूआई 466, बुराड़ी क्रॉसिंग में 456, चांदनी चौक में 437, सीआरआरआई मथुरा रोड पर 434 और डीटीयू इलाके में 479 रहा.

गाजियाबाद की स्थिति भी बेहद चिंताजनक 

इससे स्पष्ट है कि राजधानी का शायद ही कोई इलाका ऐसा बचा हो, जहां हवा सांस लेने लायक हो. दिल्ली से सटे गाजियाबाद की स्थिति भी बेहद चिंताजनक बनी हुई है. इंदिरापुरम में एक्यूआई 477, संजय नगर में 426 और वसुंधरा में 490 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है.

नोएडा और ग्रेटर नोएडा भी प्रदूषण की चपेट में हैं

वहीं, नोएडा और ग्रेटर नोएडा भी प्रदूषण की चपेट में हैं. नोएडा के सेक्टर-125 में एक्यूआई 461, सेक्टर-62 में 420 और सेक्टर-116 में 484 रिकॉर्ड किया गया. ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-5 क्षेत्र में एक्यूआई 452 दर्ज हुआ, जो गंभीर स्तर को दर्शाता है.

घने कोहरे ने भी एनसीआर को अपनी गिरफ्त में ले लिया 

मौसम विभाग के अनुसार प्रदूषण के साथ-साथ घने कोहरे ने भी एनसीआर को अपनी गिरफ्त में ले लिया है. भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) की रिपोर्ट के मुताबिक 15 दिसंबर को सुबह और दोपहर दोनों समय घना कोहरा छाए रहने की चेतावनी दी गई थी. तापमान अधिकतम 23 डिग्री और न्यूनतम 8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया.

 सड़कों पर विजिबिलिटी बेहद कम

16 और 17 दिसंबर को भी 'शैलो फॉग' की संभावना जताई गई है. घने कोहरे के कारण सड़कों पर विजिबिलिटी बेहद कम हो गई है, जिससे वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्तर का प्रदूषण स्वस्थ लोगों को भी प्रभावित कर रहा है, जबकि पहले से सांस, हृदय या अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए यह स्थिति बेहद खतरनाक है.

बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह 

बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है. कुल मिलाकर, एनसीआर में प्रदूषण और कोहरे का यह दोहरा संकट आम जनजीवन पर भारी पड़ रहा है. जब तक मौसम में बदलाव या ठोस प्रदूषण नियंत्रण उपाय नहीं होते, तब तक लोगों को साफ हवा के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है.

 

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