दवाओं का पूरा कोर्स क्यों है ज़रूरी? जानें कोर्स अधूरा छोड़ना कैसे आपकी सेहत पर पड़ सकता है भारी
एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) और एंटीफंगल (Antifungal) जैसी दवाएं शरीर में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया या फंगस को खत्म करने के लिए दी जाती हैं. कोर्स पूरा करने का मतलब है कि शरीर से सभी रोगाणु पूरी तरह से खत्म हो जाएं. जब आप बीमार होते हैं, तो दवाएं सिर्फ लक्षणों को कम नहीं करतीं, बल्कि बीमारी के मूल कारण पर भी काम करती हैं. जैसे-जैसे आप ठीक होने लगते हैं, लक्षण कम हो जाते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सारे रोगाणु मर गए हैं.

जब हम बीमार पड़ते हैं, तो डॉक्टर दवाएं लिखते हैं और साथ ही यह भी सलाह देते हैं कि 'दवाओं का पूरा कोर्स' ज़रूर करें. यह एक ऐसी सलाह है जिसे हम में से कई लोग अक्सर हल्के में ले लेते हैं. जैसे ही थोड़ी तबीयत ठीक महसूस होती है, हम दवाएं लेना बंद कर देते हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि दवाओं का पूरा कोर्स न करना आपकी सेहत के लिए कितना हानिकारक हो सकता है? यह न केवल आपकी बीमारी को वापस ला सकता है, बल्कि इससे कहीं ज़्यादा गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं.
दवाओं का कोर्स क्या है और क्यों है यह इतना महत्वपूर्ण?
दवाओं का कोर्स एक निर्धारित अवधि होती है जिसके लिए डॉक्टर आपको कोई विशेष दवा लेने की सलाह देते हैं. यह अवधि बीमारी के प्रकार, उसकी गंभीरता और दवा की कार्यप्रणाली पर निर्भर करती है.
एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) और एंटीफंगल (Antifungal) जैसी दवाएं शरीर में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया या फंगस को खत्म करने के लिए दी जाती हैं. कोर्स पूरा करने का मतलब है कि शरीर से सभी रोगाणु पूरी तरह से खत्म हो जाएं. जब आप बीमार होते हैं, तो दवाएं सिर्फ लक्षणों को कम नहीं करतीं, बल्कि बीमारी के मूल कारण पर भी काम करती हैं. जैसे-जैसे आप ठीक होने लगते हैं, लक्षण कम हो जाते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सारे रोगाणु मर गए हैं.
दवाओं का कोर्स बीच में छोड़ने पर क्या होते हैं गंभीर नुकसान?
दवाओं का कोर्स बीच में छोड़ने के कई गंभीर और दीर्घकालिक नुकसान हो सकते हैं.
बीमारी का वापस लौटना
जब आप दवाओं का कोर्स बीच में छोड़ देते हैं, तो सारे रोगाणु खत्म नहीं होते. जो रोगाणु बचे रहते हैं, वे कमज़ोर ज़रूर हो सकते हैं, लेकिन वे फिर से तेज़ी से अपनी संख्या बढ़ाने लगते हैं. इससे आपकी बीमारी वापस लौट आती है, और अक्सर पहले से ज़्यादा गंभीर रूप में. ऐसे में, आपको फिर से दवाएं लेनी पड़ती हैं, और ठीक होने में ज़्यादा समय लगता है.
एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस
यह सबसे गंभीर परिणामों में से एक है. जब आप एंटीबायोटिक का कोर्स पूरा नहीं करते, तो सिर्फ कमज़ोर बैक्टीरिया मरते हैं, लेकिन मज़बूत और प्रतिरोधी बैक्टीरिया ज़िंदा बच जाते हैं. ये बचे हुए बैक्टीरिया दवा के प्रति प्रतिरोधी बन जाते हैं. अगली बार जब आप बीमार पड़ते हैं, तो वही एंटीबायोटिक उन प्रतिरोधी बैक्टीरिया पर काम नहीं करती. इससे डॉक्टरों के लिए आपका इलाज करना मुश्किल हो जाता है, और आपको तेज़ या अलग प्रकार की दवाओं की ज़रूरत पड़ती है, जिनके साइड इफेक्ट्स भी ज़्यादा हो सकते हैं.
लंबा इलाज
बीच में दवाई छोड़ने से आप फिर से बीमार पड़ सकते हैं. फिर से बीमार पड़ने पर आपको ज्यादा दवाएं, ज्यादा समय और कभी-कभी हॉस्पिटल तक की जरूरत पड़ सकती है.
दवाओं का कोर्स पूरा करना न केवल आपके अपने स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सार्वजनिक स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बहुत ज़रूरी है, खासकर एंटीबायोटिक प्रतिरोध को रोकने के लिए. अपनी सेहत को लेकर कोई समझौता न करें. दवाओं का पूरा कोर्स करें और स्वस्थ रहें.
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान और जागरूकता के उद्देश्य से है. प्रत्येक व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और आवश्यकताएं अलग-अलग हो सकती हैं. इसलिए, इन टिप्स को फॉलो करने से पहले अपने डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.