Advertisement

अधिक देर तक खड़े रहने या बैठने से सूज जाते हैं पैर? फॉलो करें ये टिप्स तुरंत मिलेगा आराम

आयुर्वेद में इसे 'शोथ' कहा गया है, जो वात, पित्त और कफ के असंतुलन से उत्पन्न होता है. वहीं, विज्ञान के अनुसार, रक्त संचार में रुकावट, नमक की अधिकता या शरीर में पानी का रुक जाना इसकी प्रमुख वजहें मानी जाती हैं. आयुर्वेद के अनुसार, जब शरीर में विषैले तत्व बढ़ जाते हैं या रक्त प्रवाह कमजोर हो जाता है, तो सूजन की स्थिति बनती है.

26 Oct, 2025
( Updated: 27 Oct, 2025
01:25 AM )
अधिक देर तक खड़े रहने या बैठने से सूज जाते हैं पैर? फॉलो करें ये टिप्स तुरंत मिलेगा आराम

आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में पैरों की सूजन एक आम समस्या बन गई है. चाहे लंबे समय तक खड़े रहना हो, ऑफिस में लगातार बैठे रहना हो या घंटों की यात्रा करनी हो, इन सबका असर सीधे पैरों पर पड़ता है. सूजन तब होती है, जब शरीर के किसी हिस्से में तरल पदार्थ इकट्ठा हो जाता है. आमतौर पर यह हानिकारक नहीं होते, लेकिन अगर बार-बार या ज्यादा सूजन रहने लगे तो यह शरीर में किसी छिपी हुई समस्या का संकेत भी हो सकता है. 

क्यों सूज जाते हैं पैर?

आयुर्वेद में इसे 'शोथ' कहा गया है, जो वात, पित्त और कफ के असंतुलन से उत्पन्न होता है. वहीं, विज्ञान के अनुसार, रक्त संचार में रुकावट, नमक की अधिकता या शरीर में पानी का रुक जाना इसकी प्रमुख वजहें मानी जाती हैं. आयुर्वेद के अनुसार, जब शरीर में विषैले तत्व बढ़ जाते हैं या रक्त प्रवाह कमजोर हो जाता है, तो सूजन की स्थिति बनती है. 

घरेलू उपाय अपनाकर इसे करें नियंत्रित 

वहीं, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो हमारे पैरों में सूजन तब आती है जब रक्त धमनियों में दबाव बढ़ जाता है और तरल पदार्थ ऊतकों में जमा हो जाते हैं. लेकिन जीवनशैली में सुधार और कुछ सरल घरेलू उपाय अपनाकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है. 

गुनगुने पानी में नमक

नमक यानी सोडियम शरीर के तरल पदार्थों को संतुलित रखने में मदद करता है. जब पैरों को गुनगुने नमक वाले पानी में डुबोया जाता है, तो यह त्वचा के रोमछिद्रों से अतिरिक्त पानी बाहर निकालने में मदद करता है. आयुर्वेद में इसे 'स्वेदन क्रिया' कहा गया है, जो शरीर की सूजन और जकड़न को दूर करती है. इस प्रक्रिया से न केवल सूजन घटती है बल्कि मांसपेशियों को भी आराम मिलता है.

बर्फ की सिकाई

आधुनिक विज्ञान के अनुसार, बर्फ की सिकाई करने से रक्त वाहिकाएं सिकुड़ती हैं और तरल पदार्थ का रिसाव कम हो जाता है, जिससे सूजन घटती है. आयुर्वेद में इसे 'शीतल उपचार' कहा गया है, जो जलन, सूजन और दर्द तीनों में राहत देता है. ध्यान रहे कि यह उपाय ज्यादा लंबे समय तक न करें, सिर्फ 10 से 15 मिनट पर्याप्त हैं.

सेब का सिरका

सेब के सिरके में पोटेशियम और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो शरीर से अतिरिक्त पानी निकालने में मदद करते हैं. आयुर्वेद के अनुसार, यह शरीर के दोषों को संतुलित करता है और सूजन को जड़ से खत्म करने में सहायता करता है. इसे गुनगुने पानी में मिलाकर पैरों को भिगोना या हल्का मसाज करना बेहद फायदेमंद रहता है.

अदरक

आयुर्वेद में अदरक को प्राकृतिक औषधि माना गया है. इसमें मौजूद जिंजरॉल सूजन और दर्द को कम करने का काम करता है. जब अदरक का रस प्रभावित हिस्से पर लगाया जाता है, तो यह त्वचा के अंदर जाकर रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है. विज्ञान भी इस बात को मानता है कि अदरक एक नैचुरल एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट है.

हल्दी वाला दूध

हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन एक शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट है जो शरीर की सूजन कम करता है और रक्त प्रवाह को संतुलित रखता है. आयुर्वेद में हल्दी को हरिद्रा कहा गया है, जो रक्त शुद्ध करने और शोथ घटाने की क्षमता रखती है. रात में सोने से पहले गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पीने से शरीर को आराम मिलता है और अगले दिन सूजन में फर्क महसूस होता है.

यह भी पढ़ें

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान और जागरूकता के उद्देश्य से है. प्रत्येक व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और आवश्यकताएं अलग-अलग हो सकती हैं. इसलिए, इन टिप्स को फॉलो करने से पहले अपने डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें