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इस Oil के इस्तेमाल से बचें, यह शरीर के लिए साबित हो रहा Slow Poison

सूरजमुखी के बीजों से निकाला गया सनफ्लावर सीड ऑयल खाना पकाने, फ्राइंग और प्रोसेस्ड फूड में इस्तेमाल किया जाता है. इसमें ओमेगा-6 फैटी एसिड की मात्रा अधिक होती है. ओमेगा-6 फैटी एसिड एक पॉलीअनसैचुरेटेड फैट है, जो शरीर के लिए जरूरी है. लेकिन इन्हें संतुलित मात्रा में लेना महत्वपूर्ण है. ये सनफ्लावर, सोयाबीन, कॉर्न ऑयल और प्रोसेस्ड फूड्स में पाए जाते हैं.

12 May, 2025
( Updated: 12 May, 2025
03:42 PM )
इस Oil के इस्तेमाल से बचें, यह शरीर के लिए साबित हो रहा Slow Poison
क्या खाना पकाने के लिए आप सनफ्लावर सीड ऑयल का इस्तेमाल करते हैं? अगर हां तो आपको बता दें इसका ज्यादा और असंतुलित सेवन लिवर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है. इस ऑयल में ओमेगा-6 फैटी एसिड की मात्रा अधिक होती है, जो लिवर के लिए नुकसानदायक होती है. 

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अगस्त 2012 अंक में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, सूरजमुखी तेल जैसे तेलों में पाए जाने वाले पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड (ओमेगा-6) का ज्यादा सेवन खून में लिपिड (कोलेस्ट्रॉल और फैट) के स्तर को बेहतर करने में मदद करता है, लेकिन यह सूजन और इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने में कितना प्रभावी है, यह अभी पूरी तरह साफ नहीं है.

ओमेगा-6 फैटी एसिड संतुलित मात्रा में लेना ज़रूरी 

सूरजमुखी के बीजों से निकाला गया सनफ्लावर सीड ऑयल खाना पकाने, फ्राइंग और प्रोसेस्ड फूड में इस्तेमाल किया जाता है. इसमें ओमेगा-6 फैटी एसिड की मात्रा अधिक होती है. ओमेगा-6 फैटी एसिड एक पॉलीअनसैचुरेटेड फैट है, जो शरीर के लिए जरूरी है. लेकिन इन्हें संतुलित मात्रा में लेना महत्वपूर्ण है. ये सनफ्लावर, सोयाबीन, कॉर्न ऑयल और प्रोसेस्ड फूड्स में पाए जाते हैं.

आधुनिक आहार में ओमेगा-6 की मात्रा बहुत ज्यादा और ओमेगा-3 की मात्रा बहुत कम होती है. यह असंतुलन सूजन को बढ़ाता है, जो लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है.

ओमेगा-6 फैटी एसिड से होने वाले नुकसान

ज्यादा ओमेगा-6 फैटी एसिड का सेवन लिवर में फैट जमा होने का कारण बन सकता है, जिससे नॉन-एल्कोहलिक फैटी लीवर डिजीज हो सकता है. यह लिवर की सूजन और सिरोसिस जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है.

इसके अलावा, ओमेगा-6 फैटी एसिड ज्यादा गर्म करने पर ऑक्सीडाइज हो सकते हैं, जिससे फ्री रेडिकल्स बनते हैं. ये लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं.

साथ ही ओमेगा-6 फैटी एसिड से बने प्रो-इन्फ्लेमेटरी कंपाउंड्स (जैसे प्रोस्टाग्लैंडिन्स) शरीर में क्रॉनिक सूजन को बढ़ाते हैं, जो लिवर को कमजोर करता है.

लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा इसका संकेत शरीर दे देता है. इसमें थकान, पेट में भारीपन, पीलिया (स्किन या आंखों का पीला पड़ना) या फिर पाचन संबंधी समस्याएं शामिल हैं.

तो आपके शरीर के लिए slow poison साबित होने वाले इस तेल के ज़्यादा इस्तेमाल से बचें और इसका बेहतर विकल्प चुने.

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